प्रतिनिधि, जमालपुर. जमालपुर और आसपास के क्षेत्र में नवरात्रि का उमंग चरम पर पहुंच गया है. इसे लेकर बाजार में रौनक बनी हुई है. श्रद्धालु एक तरफ विभिन्न पूजा पंडालों में पूजा-अर्चना करने पहुंच रहे हैं तो दूसरी तरफ नवरात्रि की खरीदारी को लेकर भी लोग बाजार आ रहे हैं. इस कारण बाजार में भीड़-भाड़ की स्थिति बनी रहती है. वहीं बुधवार को रेल नगरी जमालपुर के पूजा पंडालों में मां दुर्गा के छठे स्वरूप कात्यायनी की पूजा-अर्चना भक्तिभाव से की गयी. वहीं सार्वजनिन दुर्गा पूजा समिति ईस्ट कॉलोनी में माता का बोधन पूजन किया गया. इसके बाद पूजा समिति के संरक्षक मुख्य कारखाना प्रबंधक विनय प्रसाद बरनवाल ने पर्दा खींचकर श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए माता मंदिर का पट खोला. दूसरी ओर मुंगरौड़ा चौक दुर्गा पूजा समिति के तत्वावधान में छठी पूजा को लेकर पूजा पंडाल में कलश स्थापना से पूर्व कलश नगर भ्रमण कराया गया. इस मौके पर कलश शोभायात्रा निकाली गयी. पूजा समिति के अध्यक्ष श्रीलाल वैद्य ने बताया कि छठी पूजा के दिन ही यहां कलश स्थापना के साथ माता की पूजा आरंभ की जाती है. इस दौरान पूजा विभाग के पंकज शर्मा ने हाथ में माता का कलश रखकर पूरे क्षेत्र का भ्रमण किया. जो मंदिर परिसर से निकलकर मस्जिद मोड 212 नंबर पुल दास टोला, मंगरौरा, नयागांव, टेढ़ी बाजार, बजरंगबली चौक, सिकंदरपुर मोहल्ला होते हुए मंदिर प्रांगण पहुंचा. जहां विद्वान पुरोहित द्वारा कलश स्थापित किया गया. मौके पर नवनीत कुमार, सचिन कुमार, पुतुल कुमार, पिंटू कुमार, मुकेश मालाकार, सुजीत कुमार आदि मौजूद थे.
आज 12 बजे के बाद श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुलेगा माता मंदिर का पट
जमालपुर.
बुधवार की संध्या को माता को निमंत्रण का अनुष्ठान पूरा किया गया. 10 अक्तूबर गुरुवार को अपराह्न 12 बजे के बाद श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए माता मंदिर व पूजा पंडाल का पट खोल दिया जायेगा. श्री योग माया बड़ी दुर्गा स्थान उदासीन आश्रम के महंत डॉ मनोहर दास ने बताया कि गुरुवार को सप्तमी तिथि पर माता को स्थापित किया जायेगा. गुरुवार को ही संध्या 7:30 बजे से अष्टमी तिथि होगी. जो 11 अक्तूबर शुक्रवार की सुबह 6:45 बजे तक होगी. इसी दौरान माता की प्रतिमा को डलिया चढ़ाया जायेगा. शुक्रवार सुबह 6:45 के बाद नवमी तिथि होगी. उन्होंने बताया कि शुक्रवार को अपराह्न 12:30 बजे के बाद संध्या 4:00 बजे तक कन्या पूजन किया जा सकता है. इसके साथ ही 12 अक्तूबर को ही माता की गोद भराई की जायेगी और 13 अक्तूबर की रात्रि नगर भ्रमण करते हुए माता की विसर्जन शोभायात्रा मुंगेर के लिए प्रस्थान करेगी. इसके बाद 14 अक्तूबर को सोझी घाट पर माता की प्रतिमा का विसर्जन किया जायेगा.ब्रिटिश काल से ही शिवकुंड बड़ी दुर्गा महारानी की बरस रही कृपा
धरहरा. एनएच-80 के गंगा किनारे स्थित शिवकुंड पंचायत की मां बडी़ दुर्गा महारानी की महिमा अपरंपार है. यहां ब्रिटिशकाल से ही माता की प्रतिमा स्थापित की जाती है. बताया गया कि मंदिर की स्थापना 1876 में हुआ. जहां 148 वर्ष पूर्व से ही मां दुर्गा की पूजा होती है. इस मंदिर के उत्तर में माता गंगा है. पूर्व में भगवती का स्थान है. जिसकी चर्चा देवी भागवत में भी है. दक्षिण में स्थानीय ग्रामीणों के कुलदेवी माता चंडिका का मंदिर है और पश्चिम में काली माता का मंदिर है. पूरबमुखी माता दुर्गा के इस मंदिर का सूर्य देव अपने प्रकाश से हर सुबह अभिषेक करते हैं. समय के साथ मंदिर के गोपनीय रहस्य उभर कर सामने आए और भक्तों की श्रद्धा बढ़ने लगी. निसंतान दंपत्ति नवरात्र में संतान इच्छा की पूर्ति के लिए यहां से सुपारी प्राप्त करते हैं. प्रत्येक साल नवरात्र में यहां दूर-दूर से श्रद्धालु माता का आशीर्वाद लेने आते हैं.
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