इंजीनियरिंग कॉलेज में हुआ मानसिक स्वस्थ एवं जागरूकता कार्यक्रम
किशोर मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों को संबोधित नहीं करना बाद के जीवन को प्रभावित करता है
प्रतिनिधि, मुंगेर राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय सभागार में मंगलवार को प्रथम वर्षीय छात्र-छात्राओं के बीच मानसिक स्वस्थ एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. उसकी अध्यक्षता कॉलेज के प्राचार्य डॉ आलोक कुमार सिंह ने की. जगकि मुख्य अथिति सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ के रंजन, मनोचिकित्सक नितिन आनंद एवं राखी मुखर्जी थी. प्राचार्य ने कहा कि स्वस्थ जीवन के लिए मानसिक रूप से स्वस्थ रहना अत्यंत आवश्यक है. जिसका आशय भावनात्मक मानसिक व सामाजिक संपन्नता है. मानसिक विकार में अवसाद दुनिया भर में सबसे बड़ी समस्या है. यह कई सामाजिक समस्याओं जैसे बेरोजगारी, गरीबी और नशाखोरी को जन्म देती है. मानसिक रोगों के विभिन्न प्रकारों के तहत अल्जाइमर रोग, डिमेंशिया, चिंता, ऑटिज्म, डिस्लेक्सिया, डिप्रेशन, नशे की लत, कमजोर याददाश्त, भूलने की बीमारी एवं भ्रम आदि आते हैं. चिकित्सक ने कहा कि किशोर मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों को संबोधित नहीं करना बाद के जीवन को प्रभावित करता है, दोनों शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है और वयस्कों के रूप में जीवन को पूरा करने के लिए अवसरों को सीमित करता है. मनोचिकित्सक ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के संकेतों को पहचानना और ऐसे कदम उठाना जो आपके लिए सही हों या कोई प्रिय व्यक्ति स्थायी सकारात्मक बदलाव ला सकता है. मनुष्य को नींद न आना, अत्यधिक नींद आने के साथ बीच-बीच में नींद टूटना, तनाव, उलझन, घबराहट, बेचैनी, चिड़चिड़ापन, जरूरत से ज्यादा चिंतित रहना, आत्महत्या पर विचार आना ये सभी मानसिक रोग के लक्षण हैं. जिसका उपचार संभव है. मौके पर डॉ राजेंद्र, पंडित, गौतम कुमार, अमित कुमार सिन्हा आदि मौजूद थे.
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