रेडक्रॉस सोसाइटी का चुनाव- तीन दर्जन से अधिक मृतक हैं मतदाता
भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी मुंगेर शाखा की नयी कार्यकारिणी गठन को लेकर 21 जुलाई को चुनाव होगा. जिसके लिए सदस्य मतदाता 21 सदस्यीय कार्यकारिणी का चुनाव करेंगे.
मुंगेर. भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी मुंगेर शाखा की नयी कार्यकारिणी गठन को लेकर 21 जुलाई को चुनाव होगा. जिसके लिए सदस्य मतदाता 21 सदस्यीय कार्यकारिणी का चुनाव करेंगे. लेकिन इस चुनाव पर एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. क्योंकि तीन दर्जन से अधिक मतदाता की मौत हो चुकी है. बावजूद वर्तमान चुनाव को लेकर जारी किये गये मतदाता सूची में उन मृतक सदस्यों का नाम दर्ज है. अर्थात रेडक्रॉस के जिम्मेदार लोगों ने ईमानदारी पूर्वक अपना दायित्व नहीं निभाया और अब मृत सदस्य के भरोसे चुनाव में उतरे हैं.
तीन दर्जन से अधिक मृतकों का नाम मतदाता सूची में शामिल
भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी शाखा मुंगेर के नए कार्यकारिणी गठन को लेकर 21 जुलाई को चुनाव होगा. इसको लेकर रेडक्रॉस की ओर से मतदाता सूची जारी किया गया है. जिसमें कुल वोटरों की संख्या 743 है. लेकिन सवाल यह उठता है कि मतदाता सूची को बिना जांच किये ही जारी कर दिया गया. वर्तमान में तीन दर्जन से अधिक मृतक सदस्य मतदाता सूची में आज भी वोटर है. प्रभात खबर ने मतदाता सूची में शामिल वोटरों की सत्ययता की जांच की तो विनायक प्रसाद चौधरी, विनय कुमार मिश्रा, इंदू कुमार मिश्रा, निर्मल जालान, बेबी चंकी, नारायण जालान, रविंद्र प्रसाद सिंह, डॉ राजकुमार, हेमंत कुमार साह, प्रो. सीताराम चौधरी, मुरली मनोहर गुप्ता, जेपी पॉल, गोपाल वर्मा, सुरेश कुमार सिंह, देवेंद्र शरण, मुरारीलाल छापरिया, डीएन खंडेलिया, सरयुग प्रसाद साह, सुनील कुमार दास, डॉ केएन शर्मा, बिंदेश्वरी प्रसाद दीन, अनील कुमार सिंह, राधेश्याम शुक्ला मृत पाये गये. ये वैसे सदस्य थे, जिन्हें शहर जानता है. लेकिन पद पर बैठे पदाधिकारी की लापरवाही से वे मतदाता सूची में शामिल है.
चुनाव में खड़े अभ्यर्थियों की बढ़ी परेशानी
भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी के नए कार्यकारिणी गठन को लेकर 21 जुलाई को सदस्य मतदाता 21 सदस्यीय कार्यकारिणी का चुनाव करेंगे. जिसके लिए चुनाव मैदान में कुल कुल 48 अभ्यर्थी डटे हुए है. जिन्होंने नियमानुसार रेडक्रॉस कार्यालय से मतदाता सूची लिया है. जिसमें 743 वोटर के नाम है. अभ्यर्थी जब अपने पक्ष में मतदान करने के लिए मतदाता जनसंपर्क अभियान शुरू किया तो वे परेशान हो गये. कई सदस्य जहां बाहर बसे गये है. वहीं कई सदस्यों की मौत हो चुकी थी. एक अभ्यर्थी ने बताया कि वह 50 से अधिक मतदाताओं के घरों पर गये, जिसमें पांच से अधिक की पहले ही मौत हो चुकी है. जिनका नाम मतदाता सूची में है. एक अभ्यर्थी ने बताया कि कुछ लोग पदाधिकारी बनने के लिए मृतक सदस्यों का नाम मतदाता सूची में रहने दिया. ताकि अभ्यर्थी कन्प्यूज होता रहे.
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