मांगों को लेकर रजिस्ट्रार से भिड़ा एमयू कर्मचारी संघ
83 कर्मियों के अस्थायी प्रमोशन व सात कॉलेज के एरियर भुगतान के मामले पर हुई तू-तू, मैं-मैं
मुंगेर. मुंगेर विश्वविद्यालय में गुरुवार का दिन काफी गहमागहमी भरा रहा. अपनी मांगों को लेकर एमयू कर्मचारी संघ के नेता व कर्मचारी कुलसचिव कर्नल विजय कुमार ठाकुर से भिड़ गये. इस दौरान कुलसचिव व शिक्षक संघ के नेताओं के बीच काफी तू-तू, मैं-मैं भी हुई. इसमें दोनों अपनी-अपनी बातों पर अड़े नजर आये. गुरुवार को 83 कर्मियों को इसी साल विश्वविद्यालय द्वारा दिये गये अस्थायी प्रमोशन की अधिसूचना अबतक जारी नहीं किये जाने, सात कॉलेजों के सातवें वेतनमान के आधार पर 24 माह के बकाया एरियर, ग्रुप इंश्योरेंस व अनुकंपा पर नियुक्ति के मामले को लेकर एमयू कर्मचारी संघ के सदस्य विश्वविद्यालय पहुंचे. जहां कर्मचारी संघ के प्रक्षेत्रीय अध्यक्ष गुंजेश सिंह, प्रक्षेत्रीय मंत्री रविंद कुमार, कार्यकारिणी सदस्य ब्रजेश कुमार सिंह भी मौजूद थे. इस दौरान अपनी मांगों को लेकर उग्र कर्मचारी संघ के नेता व कर्मी कुलसचिव कार्यालय के बाहर हंगामा करने लगे. इस दौरान कुलसचिव के बाहर निकलने पर संघ के नेता व कर्मी उनसे अपनी मांगों को लेकर भिड़ गये. नेताओं ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा इसी साल फरवरी माह में ही 83 कर्मियों को अस्थायी प्रमोशन दिया गया. इसकी अधिसूचना अबतक जारी नहीं की गयी है. ऐसे में इन कर्मियों का पे-फिक्सेशन नहीं हो पायेगा. इसके साथ ही बजट में भी उनके फिक्सेशन के आधार पर राशि नहीं जुड़ पायेगी. इसके अतिरिक्त 7 कॉलेजों के कर्मियों का सातवें पे कमीशन के आधार पर 24 माह का एरियर बकाया है. इसकी फाइल कहां है, यह बताने को कोई तैयार नहीं है. हालांकि इस दौरान कुलसचिव ने बिना नियम-परिनियम और सक्षम प्राधिकारी से अनुमोदन के बिना कोई भी कार्य करने से मना कर दिया. इसे लेकर हंगामे के दौरान कर्मचारी संघ की ओर से कई बार अमर्यादित व्यवहार भी देखने को मिला. हालांकि डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ अंशु कुमार राय के अनुसार अस्थायी प्रमोशन की अधिसूचना फरवरी माह में ही जारी कर दी गयी है.
अस्थायी प्रमोशन का मामला बनने लगा परेशानी का सबब: मुंगेर.
एमयू के लिए अपने 83 कर्मियों के प्रमोशन का मामला खुद परेशानी का कारण बनने लगा है. बता दें कि जिन 83 कर्मियों को सरकार के निर्देश पर फरवरी माह में अस्थायी प्रमोशन विश्वविद्यालय द्वारा दिया गया है. उसमें 17 से अधिक कर्मी ऐसे हैं, जिन्हें विश्वविद्यालय द्वारा साल 2023 के आरंभ में ही स्थायी प्रमोशन दिया गया था. इतना ही नहीं, एमयू द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए बजट तैयार किया जा चुका है. ऐसे में यदि एमयू अपने 83 कर्मियों के लिए अधिसूचना जारी करता भी है, तो उसके लिए प्रमोशन के बाद पे-फिक्सेशन के आधार पर कर्मियों के लिए राशि को बजट में जोड़ना मुश्किल भरा होगा. हालांकि जिस समय कर्मियों को स्थायी प्रमोशन दिया गया. उस समय एमयू के कुलसचिव पुष्पेंद्र कुमार वर्मा थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है