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आउटसोर्सिंग एजेंसियों के पेंच में फंसा मुंगेर विश्वविद्यालय, कर्मियों व विद्यार्थियों की बढ़ रही परेशानी

मुंगेर विश्वविद्यालय द्वारा साल 2021 से 2022 के बीच अपने वेबसाइट और यूएमआइएस पोर्टल सहित आउटसोर्सिंग के लिये एजेंसी का चयन किया गया, लेकिन अब विश्वविद्यालय अपने ही एजेंसियों के पेंच में फंस गया है.

मुंगेर. मुंगेर विश्वविद्यालय द्वारा साल 2021 से 2022 के बीच अपने वेबसाइट और यूएमआइएस पोर्टल सहित आउटसोर्सिंग के लिये एजेंसी का चयन किया गया, लेकिन अब विश्वविद्यालय अपने ही एजेंसियों के पेंच में फंस गया है. इस कारण न केवल विश्वविद्यालय, बल्कि उनके आउटसोर्सिंग कर्मी तथा विद्यार्थी परेशान है. हद तो यह है कि एक ओर जहां विश्वविद्यालय द्वारा बार-बार आउटसोर्सिंग एजेंसी से कर्मियों के भुगतान का सही बिल मांगने के बाद भी रिवाइज बिल उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. वहीं वेबसाइट और पोर्टल मेंटनेंस एजेंसी की लापरवाही के कारण छात्र-छात्राओं की परेशानी बढ़ती जा रही है.

आउटसोर्सिंग एजेंसी बढ़ा रही एमयू की परेशानी

एमयू में साल 2021 में ही अपने लिये एलाइट फैल्कॉन एजेंसी का चयन किया गया. जिसके द्वारा लगभग 70 आउटसोर्सिंग कर्मियों को विश्वविद्यालय में लगाया गया है, लेकिन एजेंसी के बिल में विश्वविद्यालय पूरी तरह उलझ गया है. इस कारण अब आउटसोर्सिंग कर्मियों के 10 माह से अधिक मानदेय बकाया हो गया है. हालांंकि, यह बकाया पहले 26 माह का था, जिसे अब 10 माह तक कम किया गया है, लेकिन एजेंसी द्वारा सही बिल नहीं देने के कारण लगातार मामला फंसता जा रहा है. हद तो यह है कि अब यह मामला भी लेबर कोर्ट में जा चुका है. जिसे लेकर शनिवार को जिला लेबर विभाग के लेबर सुपरिटेंडेंट भी विश्वविद्यालय पहुंचकर कुलसचिव कर्नल विजय कुमार ठाकुर से मुलाकात की. साथ ही मामले की जानकारी ली है.

वेबसाइट और पोर्टल एजेंसी ने बढ़ायी विद्यार्थियों की परेशानी

एमयू में साल 2022 में अपने वेबसाइट और पोर्टल के लिये भी दो अलग-अलग एजेंसी को हायर किया गया. जिसमें भी एमयू पूरी तरह उलझ गया है. हाल यह है कि थर्ड पार्टी पेमेंट गेटवे के कारण विद्यार्थियों को अपने शैक्षणिक प्रक्रियाओं के लिये अतिरिक्त शुल्क के रूप में 25 से 40 रुपये तक देना पड़ता है. इतना ही नहीं एजेंसी द्वारा फेल पेमेंट विद्यार्थियों को वापस लौटाने के लिये कर्मी को भी विश्वविद्यालय में बैठाया गया है, लेकिन एक माह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद अबतक एजेंसी द्वारा किसी भी विद्यार्थी को पेमेंट तक वापस नहीं लौटाया गया है. इधर एक ही वेबसाइट और पोर्टल के लिये अलग-अलग एजेंसी होने के कारण कई बार सूचनाएं विद्यार्थियों तक नहीं पहुंच पा रही है. जबकि पोर्टल पर होने वाली परेशानी को लेकर आये दिन शिकायतें मिलती रहती है.

कहते हैं कुलसचिव

कुलसचिव कर्नल विजय कुमार ठाकुर ने बताया कि लेबर विभाग के अधिकारी आये थे. जिसे सभी सूचनाएं दी गयी है. वहीं आउटसोर्सिंग एजेंसी को भी सही बिल देने के लिये कई बार कहा गया है. पोर्टल एजेंसी को भी संचालन के लिये आवश्यक निर्देश दिये गये हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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