21 माह के बकाये मानदेय को लेकर अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे एमयू के आउटसोर्सिंग कर्मी
अधिकारियों की नजर में पूरी तरह उपेक्षित दिखा आउटसोर्सिंग कर्मियों का धरना प्रदर्शन
– अधिकारियों की नजर में पूरी तरह उपेक्षित दिखा आउटसोर्सिंग कर्मियों का धरना प्रदर्शन
मुंगेर. अपने 21 माह के बकाये वेतन तथा एरियर भुगतान की मांग को लेकर गुरुवार से मुंगेर विश्वविद्यालय में कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये. आउटसोर्सिंग कर्मियों द्वारा विश्वविद्यालय में अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन भी प्रारंभ कर दिया गया. हलांकि पहले दिन ही आउटसोर्सिंग कर्मियों का धरना प्रदर्शन अधिकारियों की नजर में पूरी तरह उपेक्षित रहा.आउटसोर्सिंग कर्मी राकेश कुमार, शुभम कुमार, सौरभ शांडिल्य, संजीव कुमार, सुभाष कुमार, प्रिंस, नंदन, अनिल, साजन, विपिन, सुनील, रामप्रवेश, मनोज ने बताया कि सभी 70 आउटसोर्सिंग कर्मी एजेंसी के माध्यम से 21 माह से लगातार मुंगेर विश्वविद्यालय में सेवा दे रहे हैं. सितंबर 2022 से फरवरी 2023 तक हमारे मानदेय (वेतन ) में से सिर्फ आंशिक भुगतान ही किया गया है. उसके बाद न ही हमें आंशिक मानदेय या पूर्ण मानदेय ( वेतन) ही प्राप्त है. हलांकि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा दो बार अग्रिम राशि दी गयी. जो प्राप्त हुआ है. लेकिन 21 माह से आउटसोर्सिंग कर्मियों को पूर्ण रूप से वेतन का भुगतान नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि 24 मई को एजेंसी और विश्वविद्यालय प्रशासन से वार्ता एवं मीटिंग हुई. जिसमें निर्णय लिया गया कि 15 दिनों के अंदर आउटसोर्सिंग कर्मियों का वेतन/मानदेय कितना है, उसकी पे-स्लीप एवं पूरा वेतन दे दिया जाएगा. जो अबतक अप्राप्त है.
अधिकारियों की नजर में उपेक्षित रहा आउटसोर्सिंग कर्मियों का धरना
गुरुवार को आउटसोर्सिंग कर्मियों का धरना प्रदर्शन विश्वविद्यालय के अधिकारियों के नजर में पूरी तरह उपेक्षित रहा. पूर्वाह्न लगभग 11 बजे धरना प्रदर्शन के दौरान विश्वविद्यालय पहुंची कुलपति की नजर तक धरना पर बैठे कर्मियों की ओर नहीं गयी. जबकि पूरे दिन आउटसोर्सिंग कर्मियों से विश्वविद्यालय के अधिकारी बात तक करने नहीं पहुंचे. जिसके कारण आउटसोर्सिंग कर्मी और अधिक नाराज दिखे. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के अधिकांश विभागों का संचालन आउटसोर्सिंग कर्मियों के भरोसे ही किया जा रहा है.बावजूद विश्वविद्यालय के अधिकारी आउटसोर्सिंग की मांगों को लेकर पूरी तरह लापरवाह हैं. जबतक विश्वविद्यालय द्वारा उनकी मांगों को लेकर लिखित आश्वासन नहीं दिया जाता है, तबतक अनिश्वितकालीन धरना प्रदर्शन जारी रहेगा.
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