Munger News : मुंगेर. प्रीपेड स्मार्ट मीटर पर बिहार में हंगामा मचा है. सरकार जहां शत-प्रतिशत घरों को स्मार्ट मीटर से कवर करने पर सख्त है, वहीं विपक्ष ने स्मार्ट मीटर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इसका बुरा असर मुंगेर में प्रीपेड स्मार्ट मीटर अधिष्ठापन पर पड़ रहा है. उपभोक्ता का विरोध और इस पर हो रही राजनीति के कारण स्मार्ट मीटर लगाने की रफ्तार बुरी तरह प्रभावित हुई है. स्मार्ट मीटर लगाने जहां भी कर्मचारी जाते है, वहीं से खदेड़ दिये जा रहे हैं. आलम यह है कि मुंगेर सर्किल के मुंगेर व लखीसराय के ग्रामीण क्षेत्रों में जहां 2.54 लाख लक्ष्य के विरुद्ध मात्र 46 हजार स्मार्ट मीटर लगाये जा सके हैं. वहीं दूसरी ओर शहरी क्षेत्र में 81 हजार लक्ष्य के विरुद्ध 34 हजार घरों में ही स्मार्ट मीटर का अधिष्ठापन हो पाया है. शहरी क्षेत्र में यह काम दो वर्ष से चल रहा है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में स्मार्ट मीटर लगाने का काम छह माह पूर्व ही शुरू किया गया है.
उपभोक्ताओं का विरोध बना रोड़ा
स्मार्ट मीटर लगाने का शहर से लेकर गांव तक के उपभोक्ता विरोध कर रहे हैं. इसका मुख्य कारण है जागरूकता की कमी. क्योंकि जिला प्रशासन और बिजली विभाग उपभोक्ताओं के भ्रम को अब तक दूर नहीं कर पायीहै. यह स्मार्ट मीटर अधिष्ठापन में रोड़ा बना हुआ है. जिले में हर दिन कहीं न कहीं स्मार्ट मीटर लगाने का विरोध हो रहा है. 18 सितंबर को मुंगेर जिला के असरगंज प्रखंड की मकवा पंचायत अंतर्गत नया बदरखा में बिजली उपभोक्ताओं ने प्रीपेड मीटर लगाने का विरोध किया. इस कारण बिजली विभाग ने पूरे गांव की ही बिजली काट दी थी. जबकि 5 सितंबर को बिजली उपभोक्ता संघर्ष मोर्चा, संग्रामपुर ने बिजली कंपनियों द्वारा उपभोक्ताओं के घर प्रीपेड स्मार्ट बिजली मीटर लगाने के विरोध में मार्च निकाला और प्रदर्शन किया था.
शहरी क्षेत्र में 2022 तो ग्रामीण क्षेत्र में 2024 में शुरू हुई योजना
सरकार ने सर्व प्रथम शहरी क्षेत्र को स्मार्ट मीटर से कवर करने की योजना बनायी. मुंगेर में इस योजना की शुरुआत जुलाई 2022 में हुई. लेकिन स्मार्ट मीटर लगाने की रफ्तार काफी धीमी रही. मुंगेर में 53 हजार 343 उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य रखा गया था. लेकिन दो साल बाद भी एजेंसी मात्र 16 हजार घरों में ही स्मार्ट मीटर लगा सकी. मुंगेर के ग्रामीण क्षेत्रों में स्मार्ट मीटर लगाने की शुरुआत अप्रैल 2024 में हुई. 1 लाख 47 हजार 573 उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य एजेंसी को दिया गया. इसके विरुद्ध अब तक 28 हजार 817 घरों में ही स्मार्ट मीटर मुंगेर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में लग सका है.
स्मार्ट मीटर को लेकर फैली है भ्रांति
ग्रामीण इलाकों में स्मार्ट मीटर को लेकर कई प्रकार की भ्रांतियां फैली हुई हैं. एक आम अफवाह यह है कि स्मार्ट मीटर सामान्य मीटर की तुलना में तेज चलता है और इससे उपभोक्ताओं को ज्यादा बिजली बिल चुकाना पड़ताहै. जबकि नेटवर्क की दिक्कत से रिचार्ज करने में दिक्कत होती है. रिचार्ज नहीं होने पर घर की बत्ती गुल रहेगी.
विद्युत अधीक्षण अभियंता ने गिनाये फायदे
मुंगेर सर्किल के विद्युत अधीक्षण अभियंता इंजीनियर संतोष कुमार ने बताया कि मुंगेर व लखीसराय में स्मार्ट मीटर लगाने का काम चल रहा है. पुराने मीटर की अपेक्षा स्मार्ट मीटर लगाने के कई फायदे हैं. स्मार्ट मीटर लगाने वाले उपभोक्ता को रिचार्ज पर छूट और ब्याज दोनों की सुविधा दी गयी है. बिजली खपत पर अपना नियंत्रण होगा और बिजली की बचत होगी. सबकुछ घर बैठे मोबाइल में उपलब्ध होगा. सुविधा मिलेगी, सटीक बिलिंग होगी और दैनिक खपत की जानकारी मिलती रहेगी. मीटर को उपभोक्ता खुद से रिचार्ज कर सकेंगे. पूर्व के बकायेदारों को भी भुगतान में राहत मिलेगी.
मुंगेर सर्किल में स्मार्ट मीटर अधिष्ठापन की वर्तमान स्थिति
जिला शहरी-ग्रामीण लक्ष्य -उपलब्धि
- मुंगेर ग्रामीण -1,47,573 -28,817
- मुंगेर शहरी -53,816 -18,000
- लखीसराय ग्रामीण -1,06,816 -17,687
- लखीसराय शहरी -27,343 -16000