Munger: सामाजिक कुरीति पर प्रहार करता है नाटक पोरीर बाड़ी, अंग नाट्य यज्ञ में कलाकारों ने दिल जीता
मुंगेर जिले में एक लंबे समय के बाद संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की अनुषांगिक पूर्वी क्षेत्रीय संस्कृति केंद्र कोलकाता ने ऐसे यज्ञ में अपनी आहुति देकर सहयोग किया है. संस्था कलाओं के उन्नयन में लगे हर एक क्षेत्रीय विधा को सहयोग कर रहा है.
बरियारपुर (मुंगेर). अंग नाट्य मंच कार्यालय गांधीपुर में आयोजित तीन दिवसीय 24वां अंग नाट्य यज्ञ रविवार को चार लघु नाटक एवं नृत्य की प्रस्तुति के साथ संपन्न हो गया. बताया गया कि अंग नाट्य यज्ञ अपने 24वें वर्ष में है और अपने युवावस्था के पड़ाव का सफर तय रहा है. एक लंबे समय के बाद संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की अनुषांगिक पूर्वी क्षेत्रीय संस्कृति केंद्र कोलकाता ने इसके यज्ञ में अपनी आहुति देकर सहयोग किया है. पूर्वी क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र, भारत सरकार द्वारा देश भर की क्षेत्रीय कलाओं के संवर्धन के लिए गठित पांच केंद्रों में से एक है, जो कलाओं के उन्नयन में लगे हर एक क्षेत्रीय विधा को सहयोग कर रहा है.
पोरीर बाड़ी नाटक में बूढ़ी औरत की दिखाई गई कहानी
नाट्य यज्ञ के आखिरी दिन प्रथम नाटक दर्पण नाट्य गोष्टी जलपाईगुड़ी के लेखक महुआ चौधरी एवं चंद्रा चक्रवर्ती द्वारा निर्देशित लघु नाटक पोरीर बाड़ी का मंचन किया गया. इसमें दिखाया गया कि एक बूढ़ी औरत अपने पूर्वजों के घर में रहती थी और अफवाह फैला दिया जाता है कि उसकी पतोहू, उसकी हत्या कर आकाश में परी के रूप में विलीन हो गई. तभी से वह घर परी घर के रूप में जानी जाती है. इसके अभिनय में सुमितेंद्र राय चंद्रानी एवं रतनदीप राय की भूमिका अहम रही.
बुराई के आगे सच्चाई की हमेशा हुई है जीत
दूसरा लघु नाटक नावा द्वीप कोलकाता द्वारा शिवांकर चक्रवर्ती लिखित एवं रंजन राय निर्देशित लघु नाटक आकाश आजो नील का मंचन किया गया. इसमें दर्शाया गया कि बंगाल में बंगाली भाषा बोलने वाले कुछ लोग, जो दूसरे राज्य से आई हुई औरतें हैं. वह बर्तनों के बदले पुराने कपड़े खरीद कर अपने पति एवं बच्चों के साथ जीवनयापन करती है. परंतु कुछ राजनीतिक गुंडे पैसा देकर उनसे गलत कार्य करवाते हैं तो कुछ शरीफ लोग इसका विरोध करते हैं. कहने का तात्पर्य है कि बुरे लोग सच्चाई को ज्यादा दिनों तक दबाकर नहीं रख सकते हैं.
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लोकनृत्य देख दर्शक हुए भाव-विभोर
तीसरा लघु नाटक जानवी संस्कृतिक चक्र बंगाल द्वारा मिहिर चट्टोपाध्याय लिखित व समरजीत दास निर्देशित लघु नाटक ग्रेनाइट का मंचन किया गया. इसमें रूस में हुए क्रांति को केंद्रित कर दिखाया गया कि रूस के सम्राट जार के अत्याचार तथा जुल्म से साधारण श्रमिक किसानों को जीवन में विपत्तियां का सामना करना पड़ा. इस तानाशाही के विरुद्ध लोकजन ने अपनी आवाज उठाई और समाजवाद की जगह गणतंत्र की स्थापना हुई. वहीं चौथा लघु नाटक शादाब खान द्वारा लिखित एवं निर्देशित यूथ थिएटर ग्रुप शाहजहांपुर द्वारा द रिवेंज ऑफ टाइम का मंचन किया गया जो दर्शकों को काफी पसंद आया. इसके अलावा कई राज्यों से आये टीमों ने भी अपनी लोक नृत्य से दर्शकों का मन मोह लिया. यज्ञ को सफल बनाने में मंच के अभय कुमार, संजय कुमार, अर्पित कुमार गोलू ने सक्रिय भूमिका निभायी.