Bihar Flood: नाव पर भैंस का 400 तो बकरी और आदमी का बराबर किराया, दोहरी मार झेल रहे मुंगेर के बाढ़ पीड़ित

Bihar Flood: बिहार के मुंगेर में बाढ़ पीड़ित दोहरी मार झेल रहे हैं. घर छोड़कर सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए भी नाव के लिए मनमाना किराया उन्हें देना पड़ रहा है.

By ThakurShaktilochan Sandilya | September 22, 2024 12:00 PM

Bihar Flood: बिहार में बाढ़ का संकट फिर एकबार गहराया है. मुंगेर में भी हालात बिगड़े हैं. गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. जिससे कई गांव जलमग्न हो गये हैं. सठबिग्घी के बाढ़ पीड़ित परिवार अपने मवेशियों को लेकर शामपुर बगीचा में शरण ले रहे हैं. हवेली खड़गपुर की चार पंचायत के दर्जनभर गांव जलमग्न हो गये हैं.कई स्कूलों में बाढ़ का पानी घुस चुका है और पढ़ायी ठप है. कृष्णानगर, मंझगाय, मंझगांय डीह, लक्ष्मण टोला और भदौरा गांव की सड़क पर घुटना भर से अधिक पानी है. एक तरफ जहां दियारा के लोग सुरक्षित स्थान की ओर पलायन कर रहे हैं तो दूसरी ओर प्राइवेट नाव का सहारा लेकर उन्हें जाना पड़ रहा है.

400 रुपये भैंस तो प्रति व्यक्ति 30 रुपये नाव का भाड़ा देकर बचा रहे जान

मुंगेर में बाढ़ की त्रासदी से दियारा क्षेत्र की बड़ी आबादी तबाह हो चुकी है. बाढ़ का संकट गहराने पर अब वो अपना घर और सामान छोड़ कर ही सुरक्षित जगहों की ओर पलायन कर रहे है. प्रशासनिक स्तर पर इन बाढ़ पीड़ितों के लिए अबतक नाव की कोई व्यवस्था नहीं हो सकी. जिसके कारण इन बाढ़ पीड़ितों को प्राइवेट नाव का सहारा लेना पड़ रहा है. नाव में मनमाना किराया देने को भी ये बाढ़ पीड़ित मजबूर हैं. सबसे बड़ी समस्या पशुओं को सुरक्षित जगह पर ले जाना है.

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मुंगेर के बाढ़ पीड़ित झेल रहे दोहरी मार

मुंगेर में दियारा से बाढ़ पीड़ित पलायन कर रहे हैं. सुरक्षित स्थान की ओर जाने के लिए उन्हें प्राइवेट नाव का सहारा लेना पड़ रहा है. इस दौरान प्रति व्यक्ति 30 रुपये नाव वाले ले रहे हैं. जो बाढ़ पीड़ित पशुओं को नाव के सहारे सुरक्षित जगह पर ले जाना चाह रहे हैं उनके लिए भी अलग-अलग रेट तय हैं. भैंस के लिए 400 रुपए, घोड़ा-घोड़ी के लिए 100 रुपए तो बकरी के लिए 30 रुपए बाढ़ पीड़ितों को देना पड़ रहा है.

क्या कहते हैं पलायन करने वाले बाढ़ पीड़ित…

बाढ़ पीड़ित राजेंद्र पासवान ने बताया कि हमारा घर पूरी तरह से डूब गया है. अब सरकारी नाव की व्यवस्था नहीं है तो प्राइवेट नाव का जुगाड़ करना पड़ा. इसपर चढ़ने के लिए प्रति आदमी 30 रुपया देना पड़ रहा है. भैंस के लिए 400 रुपया और बकरी के लिए 30 रुपया देकर देने के बाद हमलोग गंगा के इस पार आए हैं. 100 से अधिक लोग इधर आए. 40 से 50 भैंस और 100 से अधिक बकरियों को सुरक्षित जगह लेकर हमलोग आए. अब पशुओं के चारा की समस्या सामने है.

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