रिटायर्ड कर्मी को ट्रेजरी ऑफिस का पेपर भेज जमाया विश्वास, खाते से उड़ा लिये 20 लाख रुपये

एनसीसीआरपी पर शिकायत होते ही साइबर ठग के खाते को किया गया होल्ड, खाते में मिले 6 लाख रुपये

By Prabhat Khabar News Desk | December 2, 2024 7:21 PM

एनसीसीआरपी पर शिकायत होते ही साइबर ठग के खाते को किया गया होल्ड, खाते में मिले 6 लाख रुपये

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प्रतिनिधि, मुंगेर

साइबर ठग रोज नये-नये पैतरों का इस्तेमाल कर आम लोगों के जमापूंजी पर डाका डाल रहे हैं. इसी का शिकार तारापुर थाना क्षेत्र के गांधीनगर निवासी सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी जीवन कुमार मंडल बने. उन्हें साइबर ठगों ने पहले पेंशन ऑनलाइन कराने के लिए ट्रेजरी ऑफिस का कथित गुप्त पत्र भेज कर विश्वास में लिया. इसके बाद रिटायर्ड कर्मी ठगों के बिछाये जाल में फंस गया और जैसे-जैसे वह मोबाइल पर प्राप्त होने वाले ओटीपी बताते गया वैसे-वैसे ठग उसके खाते से रुपये उड़ते चले गये. कुल 20 लाख 20 हजार रुपये उसके खाते से ठगों ने उड़ा लिया. पीड़ित ने साइबर थाने में आवेदन देकर साइबर ठगों पर कार्रवाई की मांग की है.

सरकारी सेवा से सेवानिवृत्ति के बाद एसडीओ कार्यालय तारापुर में ही दैनिक पर काम करते हैं पीड़ित

जीवन कुमार मंडल ने बताया कि वे सरकारी सेवा से सेवानिवृत्त हैं. इसके बाद वे एसडीओ कार्यालय तारापुर में ही दैनिक पर काम कर रहे हैं. 22 नवंबर को अनुमंडल सहायक पदाधिकारी द्वारा सूचना दी गयी कि दो दिन से बीडीओ तारापुर के मोबाइल पर फोन आ रहा है कि ट्रेजरी ऑफिस मुझसे बात करना चाहता है. मेरा मोबाइल घर पर रहता है. इसलिए मैं ऑफिस से जब घर आया तो मेरे मोबाइल पर एक कॉल आया. कॉल करने वाले ने कहा कि मुंगेर ट्रेजरी से बोल रहा हूं. आपका पेंशन ऑन लाइन करना है. इसके लिए मुंगेर ट्रेजरी से विभागीय गुप्त पेपर मेरे व्हाट्सअप पर भेज कर मुझे विश्वास दिलाया कि मेरा काम सही में हो रहा है. इसलिए मैंने पदाधिकारी के कहने और व्हाट्सएप पर गुप्त पेपर आने पर विश्वास कर लिया. उसके कहने पर मैंने एसबीआइ जाकर योनो एप चालू करवाया. इसके बाद कॉल करने वाले ने मुझसे ओटीपी मांग कर मेरे खाते से 20 लाख 20 हजार रुपये उड़ा लिये.

साइबर ठगों का खाता कराया होल्ड, तो बचे 6 लाख रुपये

जब जीवन को पता चला कि उसके साथ साइबर ठगी हुई है, तो उसने ट्रॉल फ्री नंबर 1930 पर कॉल कर पूरी जानकारी दी. इसके बाद एनसीसीआरपी ने साइबर ठगों के खाते को होल्ड कराया. इसके कारण पीड़ित का छह लाख रुपये बच गया. क्योंकि साइबर ठगों ने खाते से छह लाख की निकासी नहीं की थी, जो खाते में ही पड़ा हुआ है.

कहते हैं थानाध्यक्ष

साइबर थानाध्यक्ष प्रभात रंजन ने बताया कि तारापुर के एक रिटायर्ड कर्मी ने 20 लाख रुपये साइबर ठगी का आवेदन दिया है. साइबर ठगों ने ट्रेजरी मुंगेर का नाम बताकर उसके व्हाटसएप पर ट्रेजरी का गुप्त पेपर भेज कर उसे विश्वास में लिया. इसके बाद एसबीआइ योनो एप चालू करवाया. फिर उससे ओटीपी लेकर उसके खाते से राशि दूसरे खाते में ट्रांसफर कर लिया. हालांकि एनसीसीआरपी पर शिकायत होते ही साइबर ठग के खाते को होल्ड करवाया गया. इसमें उस समय 6 लाख रुपये था. प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस अनुसंधान कर रही है.

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