Munger news : रात में 24 फीट दिखने वाली सड़क दिन में रह जाती है 10 फीट

Munger news : अतिक्रमणकरियों पर कार्रवाई को लेकर जिला, पुलिस और नगर निगम प्रशासन के बीच आपसी समन्वय नहीं है.

By Sharat Chandra Tripathi | November 17, 2024 7:42 PM

Munger news : मुंगेर शहर अतिक्रमणकारियों के कब्जे में कराह रहा है, जिसको जहां मिली जगह, वहीं पर अस्थायी दुकान लगा लेते हैं. मुंगेर शहर की स्थिति यह है कि रात में 24 फीट की दिखने वाली सड़क दिन में अतिक्रमण के कारण 10 फीट रह जाती है.अतिक्रमणकरियों पर कार्रवाई को लेकर जिला, पुलिस और नगर निगम प्रशासन के बीच आपसी समन्वय नहीं है. हालत यह है कि शहर की हर डगर अतिक्रमणकारियों के कब्जे में है. इसके कारण ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से अव्यवस्थित है और राहगीरों का पैदल चलना भी दूभर हो गया है.

कई दशकों से अतिक्रमण झेल रहे शहरवासी

शहर में अतिक्रमण कोई आज की बात नहीं है. मुंगेर शहर कई दशकों से अतिक्रमण का कहर झेल रहा है. वर्तमान में तो यह शहर अतिक्रमण के मकड़जाल में फंस चुका है. फुटपाथ, चौक-चौराहा और सड़कों तक को अतिक्रमणकारियों ने अपने कब्जे में ले रखा है. एक नंबर ट्रैफिक से गांधी चौक, अस्पताल मार्ग, कोतवाली मोड़ से नीलम सिनेमा चौक, शीतला स्थान चौक, कौड़ा मैदान, गुलजार पोखर, शादीपुर, बेकापुर, बेकापुर किराना पट्टी समेत अन्य मार्गों को फुटपाथी दुकानदार, सब्जी व फल विक्रेताओं ने अपने कब्जा में ले लिया है. एक नंबर ट्रैफिक चौक, राजीव गांधी चौक पर फल विक्रेताओं का ठेला लगा रहता है. आजाद चौक के आस-पास फल व सब्जी विक्रेताओं का पूरी तरह से कब्जा है. स्थिति यह है कि अतिक्रमणकारियों ने फुटपाथ ही नहीं, सड़क के किनारे वाले हिस्सों को भी अपने कब्जे में कर लिया है. अतिक्रमण की स्थिति देख ऐसा लगता है कि शहर की सड़क व फुटपाथ ही वेडिंग जोन हो.

स्थायी दुकानदार भी फुटपाथ पर करते हैं कब्जा

शहर में अतिक्रमण के लिए जितने जिम्मेदार अस्थाई दुकानदार हैं. उससे कहीं अधिक जिम्मेदार स्थाई दुकानदार है, जिन्होंने अपनी दुकान को फुटपाथ पर भी लगा कर रखा है. इतना ही नहीं बारिश व धूप से बचने के लिए अस्थाई शेड तक बना दिया है. बाजार के अधिकांश स्थायी दुकानदारों ने भी अतिक्रमण को बढ़ावा दिया है. हालांकि उनका कहना है कि हमलोग अपनी दुकान आगे नहीं बढ़ाएं, तो फल, सब्जी व ठेला वाले हमारे दुकान के आगे दुकान लगा देंगे. स्थिति यह है कि कई स्थाई दुकानदारों ने तो अपनी दुकान के सामने फुटपाथ तक को किराये पर दे रखा है. इसके कारण अतिक्रमण की समस्या और जटिल होती जा रही है.

27 अगस्त के बाद से ठप पड़ा है अभियान

शहर से अतिक्रमण हटाने को लेकर अगस्त में नगर निगम में खूब राजनीति हुई. तत्कालीन नगर आयुक्त निखिल धनराज ने 27 अगस्त से अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाने का पत्र निकाला, तो मेयर ने इसे लेकर तीन-तीन पत्र निकाल दिये. अंतिम आदेश में मेयर ने शहर के विभिन्न व्यवसायिक व सामाजिक संगठनों तथा बुद्धिजीवियों की बैठक 28 अगस्त को बुला ली, लेकिन नगर आयुक्त अपने निर्णय पर अडिग रहे और 27 अगस्त को अतिक्रमण मुक्त अभियान भी चलाया. दूसरे दिन 28 अगस्त को बैठक के कारण अभियान नहीं चला. हालांकि बाद में मेयर ने एक पत्र जारी किया, जिसमें शहर से अतिक्रमण हटाने की बात कही थी. इसी दौरान तत्कालीन नगर आयुक्त का तबादला हो गया. इसके बाद ठप पड़ा अभियान आज तक दुबारा शुरू नहीं हो सका है.

चिह्नित जगह पर नहीं गये ठेलेवाले

27 अगस्त से शहर को अतिक्रमणमुक्त कराने को लेकर जो आदेश निकला गया था, उसमें सभी ठेलेवालों को कंपनी गार्डन, दो नंबर गुमटी रेलवे लाइन के आसपास व गड़ैया मार्केट में ठेला लगाने को कहा गया था. दो नंबर गुमटी रेलवे लाइन के पास नगर निगम ने जेसीबी से जमीन को समतल कराया, जिस पर लाखों खर्च हुआ. जबकि गड़ैयामार्केंट में भी लाखों खर्च कर जमीन तैयार की गयी, लेकिन न तो शहर से अतिक्रमण हटा और न ही ठेला वाले वहां शिफ्ट हो सके. आज भी शहर के फुटपाथ, चौक-चौराहे व सड़कों पर इनका कब्जा जस का तस बरकरार है.

कोर्ट का आदेश भी रहा बेअसर

शहर के बाटा चौक पर बाटा कंपनी का एक बड़ा शो-रूम है. यह चौक पूरी तरह से अतिक्रमणकारियों के कब्जे में है. इसके कारण शो-रूम के अंदर जाने तक का रास्ता नहीं बचा. जानकार बताते हैं शो-रूम संचालक ने अतिक्रमण हटाने को लेकर हाई कोर्ट में रिट दाखिल की. कोर्ट ने भी अतिक्रमण हटाने का आदेश पारित किया. इसके बाद जिला प्रशासन की ओर से वहां से अतिक्रमणकारियों को खदेड़ दिया गया था, पर इसका असर कुछ ही दिन देखने को मिला. इसके बाद पुन: अतिक्रमणकारियों ने चौक को अपने कब्जे में ले लिया, जो आज तक बरकरार है. इससे बाटा चौक को पैदल पार करना भी मुश्किल होता है.

प्रभार में चल रहा नगर निगम, नहीं दिख रहा असर

नगर निगम के तत्कालीन नगर आयुक्त निखिल धनराज के स्थानांतरण होने के बाद स्थाई नगर आयुक्त यहां नहीं भेजा गया. कई दिनों तक बिना नगर आयुक्त के ही निगम का कामकाज चला. बाद में जिलाधिकारी ने खड़गपुरडीसीएलआर को प्रभारी नगर आयुक्त की जिम्मेदारी सौंपते हुए नगर विकास विभाग को पत्र भेजा. वहां से स्थाई नगर आयुक्त मिलने तक खड़गपुरडीसीएलआर को नगर आयुक्त बनाने का आदेश जारी किया गया. वर्तमान में भी नगर निगम प्रभार में ही चल रहा है.

जल्द शुरू होगा अतिक्रमण हटाओ अभियान

प्रभारी नगर आयुक्त कुमार अभिषेक ने कहा कि त्योहारों का समय खत्म हो गया है. अब शहर से अतिक्रमण हटाने को लेकर मेयर व निगम के अन्य पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रणनीति तैयार की जायेगी. शीघ्र ही शहर में अतिक्रमण हटाओ शुरू किया जायेगा.

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