Munger news : बाढ़ ने छीन ली किसानों की खुशियां, 11812.28 हेक्टेयर में लगी फसल हो गयी नष्ट

Munger news : जिले के छह प्रखंडों की 41 पंचायतों ने बाढ़ की त्रासदी झेली. बड़े पैमाने पर क्षति हुईं और 11812.28 हेक्टेयर में लगी फसल भी बर्बाद हो गयी.

By Sharat Chandra Tripathi | October 15, 2024 8:00 PM

Munger news : वर्ष 2024 में आयी भीषण बाढ़ लोगों पर कहर बनकर टूटी है. जिले के छह प्रखंडों की 41 पंचायतों के लोगों ने बाढ़ की त्रासदी झेली.बड़े पैमाने पर जहां संपत्तियां नष्ट हुईं, वहीं 11812.28 हेक्टेयर में लगी फसल भी बर्बाद हो गयी. इसके कारण किसानों के चेहरे से खुशियां गायब हो गयी हैं. बाढ़ से बेहाल किसानों की नजर सरकारी मुआवजे पर टिकी है, ताकि उससे वह अपनी खेती-बारी फिर से शुरू कर सकें.

फसल क्षति के आंकड़े का हो रहा सत्यापन

बाढ़ के कारण मुंगेर के किसान बेहाल हैं. उनके समक्ष रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गयी है. एक ओर जहां किसान आगे की खेती के लिए चिंतित हैं, वहीं दूसरी ओर परिवार का भरण-पोषण, बच्चों की पढ़ाई, इलाज को लेकर परेशान हैं. कृषि विभाग ने बाढ़ से फसल की क्षति का आकलन कर रिपोर्ट मुख्यालय को पूर्व में भेज दिया था. उसके अनुसार, मुंगेर जिले की 11812.28 हेक्टेयर खेतों में लगी फसल बाढ़ की भेंट चढ़ गयी है. किसानों द्वारा लगायी गयी धान, मक्का, सब्जी समेत अन्य फसलें बाढ़ के पानी में डूब कर नष्ट हो गयीं. हालांकि यह आंकड़ा कृषि विभाग का फाइनल आंकड़ा नहीं है. प्रथम चरण में तैयार किया गया यह आंकड़ा है. इसका सत्यापन विभाग की ओर कराया जा रहा है. इसके बाद फाइनल रिपोर्ट तैयार कर विभाग को भेजी जायेगी. इधर किसानों के परिवार का दुर्गा पूजा जहां फीका रहा, वहीं आनेवाले त्योहार दीपावली, काली पूजा व छठ पर्व की उनको चिंता सता रही है.

सरकारी मुआवजे पर टिकी है किसानों की नजर

सरकार ने किसानों को बाढ़ से नष्ट हुई फसलों की भरपाई के लिए मुआवजा देने का ऐलान किया है. 33 प्रतिशत क्षतिपूर्ति के लिए तत्काल कृषि विभाग की ओर से अनुदान भुगतान के लिए राशि का प्रावधान किया गया है. इसमें सिंचित क्षेत्र के किसानों को प्रति हेक्टेयर 17 हजार एवं असिंचित क्षेत्र में प्रति हेक्टेयर 8500 रुपये की राशि भुगतान करने की घोषणा की गयी है. इस योजना का उद्देश्य राज्य के बाढ़ प्रभावित किसानों को आर्थिक राहत प्रदान करने और उन्हें फिर से खेती के लिए सक्षम बनाना है. सरकार का यह प्रयास किसानों को उनके नुकसान से उबारने और उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर करने के लिए है. इस मुआवजा राशि पर ही अब बर्बाद हो चुके किसानों की नजर टिकी हुई है.

पीड़ित किसान तत्काल करें ऑनलाइन आवेदन

जिन किसानों को फसल क्षति का मुआवजा लेना है, वह सरकार द्वारा जारी वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना है. बिहार सरकार के कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट (https://state.bihar.gov.in/krishi/CitizenHome.html) या https://dbtagriculture.bihar.gov.in/ पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. आवेदन करने के लिए किसानों को 13 अंकों की पंजीकरण संख्या की आवश्यकता होगी, जो उनके पंजीकृत विवरण से संबंधित है. प्रखंडों और पंचायतों की सूची डीबीटी पोर्टल पर उपलब्ध है, जिससे किसान अपने क्षेत्र का चयन कर सकते हैं. यदि किसी किसान को आवेदन प्रक्रिया में कोई परेशानी हो रही है या योजना से संबंधित अधिक जानकारी चाहिए, तो वे किसान टॉल फ्री नंबर 18001801551 पर संपर्क कर सकते हैं. इसके अलावा संबंधित जिले के कृषि अधिकारी से भी मदद ले सकते हैं. अब तक मुंगेर जिले में 250 से अधिक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के किसानों ने ऑनलाइन आवेदन किया है. इसका सत्यापन कृषि विभाग के कर्मी कर रहे हैं.

पोर्टल खुला हुआ है, करें आवेदन : डीएओ

जिला कृषि पदाधिकारी ब्रजकिशोर ने बताया कि जिले में 11812.28 हेक्टेयर में बाढ़ के कारण फसल की क्षति हुई है.पीड़ित किसान आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. पोर्टल खुला हुआ है. जो फसलें खेतों में लगी थीं और बाढ़ के कारण उनकी क्षति हुई है, उसमें 33 प्रतिशत से अधिक फसल की क्षति होने पर ही मुआवजा राशि देने का प्रावधान है.

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