Munger news : ठंड का मौसम शुरू हो चुका है. ऐसे में अब ठंड के दिनों में होनेवाली बीमारियों के मामले भी बढ़ने लगे हैं. ऐसे में यदि ठंड के दौरान दिल का दौरा पड़ता है, तो सदर अस्पताल में आपको कार्डियो स्पेशलिस्ट चिकित्सक नहीं मिलनेवाले हैं.
सदर अस्पताल में नहीं हैं हृदय रोग विशेषज्ञ
अस्पताल में बिना वेंटिलेटर वाले आइसीयू वार्ड में ही आपको इलाज कराना होगा या रेफर ही एकमात्र विकल्प होगा. इसका अंदाजा केवल इसी से लगाया जा सकता है कि सदर अस्पताल में जनवरी से नवंबर तक हृदय रोग के कुल 216 मरीज भर्ती हुए. इसमें से 41 मरीजों की मौत इलाज के दौरान हो चुकी है.सदर अस्पताल में चिकित्सकों के स्वीकृत 32 पदों पर लंबे समय से मात्र 18 चिकित्सक ही कार्यरत हैं. सालों से अस्पताल बिना सर्जन चिकित्सक के ही चल रहा है. अस्पताल में हर्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर नहीं हैं, जिसके कारण यहां हृदय रोग से पीड़ित मरीजों की मौत का आंकड़ा खुद अस्पताल में कार्डियो स्पेशलिस्ट चिकित्सक की आवश्यकता को बयां कर रहा है.
बिना वेंटिलेटर वाले आइसीयू वार्ड में रेफर ही विकल्प
हार्ट के मरीजों के लिए ही आइसीयू तथा वेंटिलेटर की आवश्यकता सबसे अधिक होती है, जो हार्ट मरीजों के लिए लाइफ सपोर्ट के रूप में कार्य करती है. ऐसे में मुंगेर सदर अस्पताल में छह बेडों का आइसीयू वार्ड तो संचालित है, लेकिन बिना वेंटिलेटर का आइसीयू वार्ड केवल नाम का है. यहां अति गंभीर मरीजों के अतिरिक्त अन्य मरीजों को भी भर्ती किया जाता है. लाखों रुपये मूल्य के 10 वेंटिलेटर सालों से पीकू वार्ड में धूल फांक रहे हैं. ऐसे में सदर अस्पताल के आइसीयू वार्ड में भर्ती मरीजों के लिए अधिक गंभीर स्थिति में रेफर ही एकमात्र उपाय रह जाता है.
जनवरी से नवंबर तक 216 मरीज भर्ती, 41 की मौत
सदर अस्पताल में जनवरी से नवंबर तक हृदय रोग से पीड़ित कुल 216 मरीज इलाज के लिए भर्ती हो चुके हैं. इसमें से जहां 41 मरीजों की मौत आइसीयू वार्ड में इलाज के दौरान हो गयी, वहीं लगभग 70 से अधिक मरीज हायर सेंटर रेफर किये गये. अब ऐसे में लगभग 20 लाख की जनसंख्या वाले मुंगेर सदर अस्पताल में हृदय पीड़ित रोगियों को मिल रही स्वास्थ्य सुविधाओं का केवल अंदाजा ही लगाया जा सकता है.
कहते हैं अस्पताल उपाधीक्षक
सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ रमन कुमार ने बताया कि अस्पताल में सालों से कार्डियो सुपर स्पेशलिस्ट चिकित्सक नहीं है. हालांकि कई विशेषज्ञ चिकित्सक अस्पताल में हैं, जिनके द्वारा मरीजों का इलाज किया जाता है.