Munger news : लैंड बैंक के माध्यम से एक क्लिक पर मिलेगा निगम के स्वामित्व वाली संपत्ति का ब्योरा
Munger news : नगर निगम प्रशासन शहर के अंदर मौजूद अपनी खाली व कब्जा की हुई जमीन का डेटा तैयार करेगा.
Munger news : नगर निगम प्रशासन शहर के अंदर मौजूद अपनी खाली व कब्जा की हुई जमीन का डेटा तैयार करेगा. डेटा तैयार कर निगम लैंड बैंक बनायेगा, जिसे ऑनलाइन किया जायेगा. इससे एक क्लिक पर पता चल सकेगा कि निगम की कौन सी जमीन किस जगह खाली है और कहां पर कब्जा हुआ है. लैंड बैंक बनाने का पहला उद्देश्य है कि निगम की जमीन को चिह्नित की जाये और अगर कब्जा है तो उसे कब्जा मुक्त कराया जाये. दूसरा उद्देश्य है कि उसका व्यावसायिक उपयोग कर निगम की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया जाये. इसकी कवायद मुंगेर निगम प्रशासन ने शुरू कर दी है.
लैंड बैंक का उद्देश्य निगम की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना
नगर निगम की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए नगर निगम अब खाली पड़ी जमीन का उचित इस्तेमाल करेगा. पर, उससे पहले निगम इन तमाम जमीन का एक लैंड बैंक तैयार करेगा. इसमें खाली व अतिक्रमित जमीन का पूरा डेटा रहेगा, ताकि कुछ जमीन पर ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट लाकर, तो कुछ जमीन को लीज पर देकर निगम अपनी इनकम बढ़ा सके. डेटा अपडेट होने पर कब्जा हुई जमीन का पता चलेगा और उस जमीन से कब्जा हटाने का भी काम किया जायेगा.
भूमि सर्वेक्षण के लिए पांच सदस्यीय टीम गठित
नगर आयुक्त निखिल धनराज ने शहरी क्षेत्र में जनहित से संबंधित विकास योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए नगर निगम अधीनस्थ लैंड बैंक का अभिलेख एवं पंजी अद्यतन करने के उद्देश्य से पांच सदस्यीय टीम का गठन किया है. यह टीम निगम के स्वामित्व वाली सभी प्रकार के भूमि का सर्वेक्षण करेगी. इस टीम में टाउन प्लानर दिलशाद अशरफ, अभिलेखागार प्रभारी दिनेश यादव, प्रभारी टैक्स दारोगा पवन सिंह, कनीय लिपिक संजय कुमार सिंह एवं रोड जमादार विश्वनाथ यादव शामिल हैं. ये सदस्य निगम के स्वामित्व में आनेवाली सभी प्रकार की भूमि का रकवा, चौहद्दी, खाता, खेसरा, भूमि के उपयोग की वर्तमान स्थिति एवं उस पर हुए निर्माण की स्थिति से संबंधित आंकड़ा संकलित करेंगे. सदस्यों को 15 दिनों के अंदर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है. इस कार्य के सफल निष्पादन के लिए अभिलेखागार प्रभारी को पूर्ण सहयोग करने का निर्देश दिया गया है.
अमीन से सात दिनों के अंदर मांगा गया भूमि का ब्योरा
नगर निगम के अमीन (प्रारूपक) पद पर प्रशांत प्रियवर तैनात हैं. बताया जाता है कि नगर आयुक्त ने जब उनसे निगम के स्वामित्व वाली भूमि का ब्योरा मांगा तो वे उपलब्ध नहीं करा सके. अमीन की लापरवाही को देखते हुए नगर आयुक्त ने कहा है कि निगम अधीनस्थ लैंड बैंक का अभिलेख अद्यतन किया जायेगा. इसलिए निगम के स्वामित्व वाली सभी प्रकार की भूमि का रकवा, चौहद्दी, खाता, खेसरा, भूमि के उपयोग की वर्तमान स्थिति, उस पर हुए निर्माण की स्थिति से संबंधित आंकड़े संकलित कर सात दिनों के अंदर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है. उनके द्वारा उपलब्ध कराये गये आंकड़े का मिलान करने के बाद किसी भी प्रकार की भिन्नता पाये जाने की स्थिति में उनके विरुद्ध नियमानुकूल कार्रवाई की जायेगी.
नौ वर्षों से अमीन पद पर तैनात हैं प्रशांत
बताया जाता है कि 1998 में प्रशांत प्रियवर का प्रारूपक ( अमीन ) पद पर चयन किया गया था. किसी कारणवश विभाग ने उस समय उनकी नियुक्ति को रद्द कर दिया था. मामला कोर्ट में गया और कोर्ट के आदेश पर एक बार फिर प्रशांत प्रियवर 2015 में निगम में तैनात हुए. उन्होंने ग्रुप-डी के पद पर ज्वाइन किया. जो निगम में अमीन का काम करने लगे. उन्हें निगम के स्वामित्व वाले सभी प्रकार के जमीन का आंकड़ा रखने की जिम्मेदारी दी गयी. सूत्रों की मानें तो जब निगम के स्वामित्व वाली सभी प्रकार के भूमि की वर्तमान स्थिति का ब्योरा मांगा गया तो वे उपलब्ध नहीं करा पाये. इस पर नगर आयुक्त नाराज हो गये और उनको पत्र देकर सात दिनों के अंदर ब्योरा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि उनके द्वारा उपलब्ध कराये गये आंकड़े का मिलान किया जायेगा. अगर भिन्नता मिली तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
कब्जेवाली जमीन से हटेगा अतिक्रमण
नगर आयुक्त निखिल धनराज ने बताया कि लैंड बैंक का अभिलेख अद्यतन किया जा रहा है. इसमें निगम के स्वामित्व वाली जमीन का पूर्ण ब्योरा रहेगा. कहां-कहां जमीन खाली है और कहां-कहां कब्जा है. खाली जमीन का निगम के आर्थिक स्रोत को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जायेगा. कब्जेवाली जमीन को मुक्त करवा कर उसका भी उपयोग आर्थिक स्रोत बढ़ाने के लिए किया जायेगा.