Munger news : स्वच्छता सर्वेक्षण-2024 का सर्वे समाप्त हो चुका है और मुंगेर नगर निगम क्षेत्र का सर्वे कर टीम सितंबर में ही वापस हो गयी. दिसंबर माह में रैंकिंग भी जारी होनेवाली है. पर, मुंगेर नगर निगम अपनी लापरवाही के कारण एक बार फिर ट्रिपल आर ( रियूज, रिड्यूज, रिसाइकिल ) की नेशनल रैंकिंग व स्टेट रैंकिंग के टॉप टेन में शामिल नहीं हो पाएगा.
नगर निगम ने नहीं किया होमवर्क
स्वच्छता सर्वेक्षण-2023 में मुंगेर नगर निगम की नेशनल रैंकिंग 396 व स्टेट रैंकिंग 17 थी. इस बार की जो थीम आरआरआर (रियूज, रिड्यूज, रिसाइकिल) थी, उसकी तैयारी निगम प्रशासन ने पूरे मनोयोग से नहीं की थी. जिस ट्रिपल आर की परीक्षा को पास करना है, उस विषय का होमवर्क नगर निगम मुंगेर ने नहीं किया. यहां न तो सर्विस लेवल प्रोग्रेस सही है और न ही मास मूवमेंट पर ही अमल हो पाया, जिस पर सर्वाधिक अंक मिलना था. इस बार कुल 9500 अंक में से 60 फीसदी यानी 5705 अंक सर्विस लेवल प्रोग्रेस, 26 फीसदी यानी 2500 अंक सर्टिफिकेशन और 14 फीसदी यानी 1295 अंक मास मूवमेंट के लिए निर्धारित किया गया था.
एमआरएफ योजना हो गयी टांय-टांय फिस्स
निगम क्षेत्र के चौरंबा में 10.52 एकड़ में डंप यार्ड है, जो घनी आबादी के बीच में स्थित है. पर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत सीएनडी, एमआरएफ और आरडीएफ, वेस्ट टू एनर्जी प्लांट पर सुदृढ़ काम नहीं हो पाया. निगम की मानें, तो मेटेरियल रिकवरी फैसलिटी प्रोग्राम (एमआरएफ) सिस्टम लगाने के लिए चार करोड़ का डीपीआर बनाया गया, जिसे नगर निगम प्रशासन ने स्वीकृति के लिए नगर विकास एवं आवास विभाग को भेजा था. पर, वहां से स्वीकृति तो नहीं मिली, उल्टे डीपीआर में बदलाव करने के लिए वापस निगम को भेज दिया गया.
सिटीजन वॉइस में जनभागीदारी पर नहीं हुआ काम
सिटीजन वॉइस में जनभागीदारी बढ़ाये जाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम कराना था. बाजार से लेकर स्कूल व कॉलेजों तक में कार्यक्रम किये जाने थे, लेकिन इस पर नगर निगम ने काम नहीं किया. निगम के जानकार बताते हैं कि जागरूकता के लिए आइटीसी सुनहरा कल एनजीओ से नगर निगम का एग्रीमेंट है, जो निगम के जन जागरूकता में सहभागी है. पर, इस दिशा में कोई काम नहीं होता है. नगर निगम के पदाधिकारी की मानें, तो जो डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण के लिए ई-रिक्शा चलता है, उस पर लगे छोटे साउंड सिस्टम से प्रचार बजता है, वही जागरूकता कार्यक्रम है.
नहीं बदली छत के पीछे कचरा फेंकने की आदत
इस स्वच्छता सर्वेक्षण में टूल किट के अनुसार इस बार की थीम ट्रिपल आर यानी रिड्यूज, रियूज, रिसाइकिल और बैकलेन (घर के पीछे की गली) पर आधारित थी. इसमें बैकलेन को पहली बार शामिल किया गया था. इस हिसाब से शहर के वार्डों में अब तक थ्री आर के केंद्रित उपाय देखने को नहीं मिले हैं. स्वच्छता सर्वेक्षण में छत के पिछले हिस्से में कचरा फेंकने की आदत बदलना मकसद था. अभी भी लोग घरों से निकलनेवाले कचरे को छत के पीछे वाले हिस्से में फेंक देते हैं. मुंगेर में तो छत के सामने व पीछे से कूड़ा फेंकना आम बात है. इस बारे में शहर में कोई जागरूकता अभियान नहीं चलाया गया. इससे लोगों की आदत में बदलाव नहीं आ पाया है.
प्रयास है कि रैंकिंग में सुधार हो : सिटी मैनेजर
सिटी मैनेजर एहतशाम हुसैन ने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 की थीम ट्रिपल आर (रियूज, रिड्यूज, रिसाइकिल) थी. एमआरएफ सेंटर लगाने के लिए डीपीआर तैयार किया गया था, लेकिन डीपीआर के कुछ बिंदु पर बदलाव का निर्देश प्राप्त हुआ है. डोर-टू-डोर नियमित कचरा संग्रहण के लिए 45 ई-रिक्शा का परिचालन हो रहा है. इसमें लगे साउंड सिस्टम से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. मुंगेर नगर निगम का पूरा प्रयास रहा है कि हमारी रैंकिंग में सुधार हो और इस बार रैंकिंग में सुधार भी होगा.
यहां पर नंबर कटना है तय
– नये निर्माण के दौरान निकलनेवाले कचरे के निस्तारण का प्लांट अब तक मुंगेर नगर नगर निगम ने तैयार नहीं किया है.
– सड़क किनारे दो कचरा पात्र रखना जरूरी है, लेकिन शहर में कुछ ही स्थानों पर कचरा पात्र लगा है.
– विवाह स्थल, शिक्षण संस्थान, व्यावसायिक कार्यालय से लेकर होटल, रेस्टोरेंट और होटल को खुद कचरे से खाद बनाने की मशीन लगानी है. पर, यह सर्वेक्षण टीम को कहीं भी देखने को नहीं मिलेगा.
– शिकायतों के निवारण के लिए एप आज तक निगम ने तैयार नहीं किया है.