Munger news : हुक लोडर वाहन व डस्टबिन की 90 लाख में हुई थी खरीदारी, अब डस्टबिन खुद बन गये हैं कचरा

Munger news : डस्टबिन जहां कबाड़ बनते जा रहे हैं, वहीं हुक लोडर कस्तूरबा वाटर वर्क्स परिसर की शोभा बढ़ा रहे हैं.

By Sharat Chandra Tripathi | November 21, 2024 6:58 PM

Munger news : नगर निगम प्रशासन जनता से टैक्स के रूप में वसूली गयी राशि का दुरुपयोग करने पर आमादा है. एक ओर जहां 365 दिन की सफाई के नाम पर 54 रविवार की राशि की बंदरबांट की जा रही है, वहीं जिम्मेदारों की उदासीनता के कारण 90 लाख से खरीदे गये हुक लोडर वाहन और डस्टबिन कूड़ा उठाव के बदले खुद कूड़ा बन गये हैं.

100 पीस मेटल डस्टबिन खरीदे गये थे

निगम प्रशासन ने शहर में कूड़ा प्रबंधन के लिए पिछले दो सालों में करोड़ों रुपये से तरह-तरह के वाहनों की खरीद किया. इसी के तहत शहर में कूड़ा स्टैंड में डस्टबिन लगाने के लिए निगम ने दो साल पहले 30 लाख की लागत से 100 पीस मेटल डस्टबिन की खरीद किया गया था. साथ ही डस्टबिन को उठाने के लिए 30-30 लाख की लागत से दो हुक लोडर वाहन खरीदे गये, ताकि कूड़े से भरे डस्टबिन को सीधे उठा कर उसकी ट्रॉली में कूड़े को लिया जा सके अथवा डस्टबिन को ही हुक लोडर के सहारे ट्रॉली में रख कर उसे सीधे डंपिंग यार्ड में ले जाया जा सके.

हुक लोडर व डस्टबिन बन रहा कबाड़

शहर के विभिन्न कूड़ा स्टैंड पर गीले और सूखे कचरे के लिए नीला और हरे रंग का डस्टबिन लगाया गया. पर, उसका कोई उपयोग नहीं हो रहा है और सड़क किनारे खुले में ही कचरा फेंका जाता है. इसके कारण हुक लोडर वाहन व डस्टबिन आज खुद कूड़ा बन गये हैं. कहीं कूड़े के ढेर के बीच यह खड़ा है, तो कहीं गिरा पड़ा है. महीनों-महीनों इस डस्टबिन में कुछ कूड़ा यूं ही पड़ा रह जाता है, जबकि गीला कचरा इसमें रहने से दुर्गंध निकल रही है. स्थिति ऐसी हो गयी है कि डस्टबिन कबाड़ बनते जा रहे हैं, जबकि हुक लोडर कस्तूरबा वाटर वर्क्स परिसर की शोभा बढ़ा रहे हैं.

प्रशिक्षण देने के बाद भी नहीं हो रहा इस्तेमाल

जब मेटल डस्टबिन और हुक लोडर की खरीद हुई थी, तो उसकी उपयोगिता सिद्ध करने के लिए निगम प्रशासन ने सफाईकर्मियों और चालक को प्रशिक्षण दिया था. उन्हें बताया गया था कि किस तरह हुक लोडर से कूड़ा स्टैंड से मेटल डस्टबिन को कचरा समेत उठा कर उसके कचरे को डंपिंग यार्ड में खाली करेंगे. प्रशिक्षण तो दे दिया गया है, लेकिन उस प्रशिक्षण का इस्तेमाल सफाईकर्मियों ने हुक लोडर से डस्टबिन से कचरा प्रबंधन के लिए कभी नहीं किया. इसके कारण डस्टबिन और हुक लोडर का उपयोग शहर से कूड़ा प्रबंधन के लिए आज तक नहीं किया जा सका.

डस्टबिन खरीद में पहले हो चुका है घोटाला

नगर निगम मुंगेर सफाई घोटाला को लेकर दागदार रहा है. पूर्व में यहां कूड़ेदान घोटाला भी हो चुका है. जानकारों की मानें, तो कुछ वर्ष पूर्व नगर निगम ने एक संवेदक से एक करोड़ से अधिक की राशि से 200 से अधिक मेटल डस्टबिन की खरीद की थी. पर, जब संवेदक को राशि देने की बात हुई, तो कमीशन तय नहीं हो पाने की स्थिति में कूड़ेदान खरीद पर जांच बैठा दी गयी. जांच टीम ने कूड़ेदान पर सिंटेक्स कंपनी का नाम लिखा पाया. इसके बाद सिंटेक्स कंपनी से पत्राचार किया गया कि आपके द्वारा मुंगेर नगर निगम को जो मेटलयुक्त कूड़ेदान की आपूर्ति की गयी है, उसका वास्तविक मूल्य क्या है. इसके बाद कंपनी ने निगम को जवाब में भेजे पत्र में कहा था कि सिंटेक्स कंपनी मेटल का प्रोडक्ट बनाती ही नहीं है. हालांकि संवेदक ने येन-केन प्रकारेण सेटिंग-गेटिंग कर निगम प्रशासन से कूड़ेदान आपूर्ति की राशि का भुगतान ले लिया था. इसके बाद यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया.

दो साल पहले की गयी थी खरीद : सिटी मैनेजर

सिटी मैनेजर एहतेशाम हुसैन ने बताया कि शहर में कूड़ा प्रबंधन के लिए 100 मेटल डस्टबिन व दो हुक लोडर की खरीद लगभग 90 लाख की लागत से दो साल पहले की गयी थी. इसके सफल उपयोग के लिए कुछ सफाईकर्मियों को प्रशिक्षण भी दिया गया, लेकिन दो-चार दिनों में ही हुक लोडर का इस्तेमाल करना सफाईकर्मियों ने यह कहते हुए बंद कर दिया कि डस्टबिन के चारों ओर कूड़े का ढेर रहता है. ऐसे में हुक लोडर से डस्टबिन को उठाना मुश्किल होता है.

Next Article

Exit mobile version