Munger news : मुंगेर विश्वविद्यालय के खेल विभाग की लापरवाही के कारण लगभग दो वर्षों से कई टीमों के खिलाड़ी और मैनेजर अपने ही पैसों के लिए विभाग का चक्कर काट रहे हैं. वहीं खेल विभाग के कर्मी खिलाड़ियों और मैनेजरों को केवल आश्वासन ही दे रहे हैं. हद तो यह है कि विभिन्न इंटर यूनिवर्सिटी टूर्नामेंटों में खेलनेवाले खिलाड़ी और मैनेजर के लिए विश्वविद्यालय के पास राशि ही नहीं है, जबकि विश्वविद्यालय प्रत्येक साल विद्यार्थियों से खेल मद के रूप में फीस भी ले रहा है.
अपने ही पैसे से टूर्नामेंट खेलनेवाले खिलाड़ी परेशान
एमयू के खेल विभाग की बदहाली का आलम यह है कि एक ओर जहां इंटर कॉलेज टूर्नामेंट बोरो खिलाड़ियों के भरोसे खेला जा रहा है, वहीं दो साल पहले इंटर यूनिवर्सिटी टूर्नामेंट में एमयू की ओर से खेलनेवाले खिलाड़ी और टीम के मैनेजर अपनी बकाया राशि के लिए विश्वविद्यालय का चक्कर काट रहे हैं.
खुद के पैसे से लेकर गये थे कबड्डी टीम
एनएसएस विभाग में संकल्प 10 हजार पर कार्यरत कर्मी सुमंत कुमार ने बताया कि साल 2022 में वे छत्तीसगढ़ के विलासपुर में आयोजित इंटर यूनिवर्सिटी टूर्नामेंट में विश्वविद्यालय के पुरुष कबड्डी टीम को लेकर गये थे. इसमें उन्हें कोई एडवांस राशि नहीं दी गयी थी. इसके बाद टीम के क्वालिफाई करने पर उन्हें अपने पास से 4500 रुपये देने पड़े. टीम के आने-जाने तथा खाने का पैसा भी खुद ही देना पड़ाथा. इसका कुल खर्च लगभग 30 हजार आया. इसका बिल भी खेल विभाग को दिया गया, लेकिन दो साल बाद भी अबतक उन्हें उनका पैसा नहीं मिल पाया है.
दो टीमों में खर्च हो गये 60 हजार से अधिक
विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग में कार्यरत संकल्प 10 हजार कर्मी विपिन यादव ने बताया कि वे 22 फरवरी, 2022 और 21 दिसंबर, 2022 को विश्वविद्यालय के बॉक्सिंग और एथलेटिक्स टीम को लेकर इंटर यूनिवर्सिटी टूर्नामेंट के लिए गये थे. इसमें टीम की क्वालिफाई फीस समेत आने-जाने और खाने में 60 हजार रुपये खर्च हो गये. विश्वविद्यालय आने के बाद खेल विभाग के कर्मी गुंजेश कुमार को सभी ऑरिजनल बिल दे दिया गया. उनके द्वारा कहा भी गया कि एक सप्ताह में भुगतान कर दिया जायेगा, लेकिन दो साल बाद भी अबतक उनका वाजिब पैसा तक नहीं मिल पाया है. कर्मी द्वारा बार-बार टालमटोल वाला जवाब दिया जाता है.
खिलाड़ियों को भी दो सालों में नहीं मिला वाजिब पैसा
मुंगेर विश्वविद्यालय के वित्त विभाग में कार्यरत संकल्प 10 हजार कर्मी सुजीत कुमार ने बताया कि वे साल 2022 में जौनपुर में आयोजित इंटर यूनिवर्सिटी टूर्नामेंट में विश्वविद्यालय की हैंडबॉल टीम को लेकर गये थे. इसमें टीम जीती भी थी. तीन राउंड के प्रत्येक क्वालिफाइ में उन्हें अपनी जेब से 4500 रुपये देने पड़े.खिलाड़ी अपने पास से या उधार का पैसा लेकर खेलने गये थे. इसमें जमालपुर और शेखपुरा की कई खिलाड़ीथीं. टीम के वापस आने के बाद सभी बिल खिलाड़ियों और उनके द्वारा खेल विभाग के कर्मी गुंजेश कुमार को दे दिया गया था, लेकिन दो साल बाद भी अबतक उनकी राशि का भुगतान नहीं किया गया है.
बकाये का किया जाएगा भुगतान : खेल पदाधिकारी
एमयू के खेल पदाधिकारी डॉ ओम प्रकाश ने बताया कि जिनका भी पैसा बाकी है, वो उनके कार्यकाल से पहले का है. हालांकि जिनका भी पैसा बकाया है, उनका बिल के अनुसार भुगतान कर दिया जायेगा.