Munger news : मुंगेर किला क्षेत्र में स्थित राजारानी तालाब के सौंदर्यीकरण पर सात वर्ष में सात करोड़ रुपये खर्च हो गये. तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए एक योजना का सात वर्ष पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोकार्पण भी किया था. फिर 6.52 करोड़ की वृहत योजना के तहत सौंदर्यीकरण का कार्य आरंभ किया गया, जो अब तक पूर्ण नहीं हो पाया है. इतना ही नहीं निर्माण एजेंसी बुडको ने अब तक इस पार्क व तालाब को नगर निगम को हैंड ओवर भी नहीं किया है. कार्य एजेंसी की अनदेखी और संवेदक की मनमानी के कारण तालाब का स्वरूप लगातार बदहाल होता जा रहा है.
45 लाख से हुआ था पहली बार सौंदर्यीकरण
राजारानी तालाब एक ऐसा तालाब बन गया है, जिसके सौंदर्यीकरण के नाम पर दो बार राशि खर्च की गयी. पहली बार इस तालाब का सौंदर्यीकरण कार्य योजना एवं विकास विभाग ने मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के तहत किया. इस पर तत्कालीन विधान पार्षद तनवीर अख्तर के कोष का 45 लाख रुपये भी खर्च किये गये. वर्ष 2016 में इस कोष से सौंदर्यीकरण का कार्य हुआ और 30 मई 2017 को इसका लोकार्पण मुख्यमंत्री के हाथों कराया गया.
फिर सौंदर्यीकरण पर खर्च किया गया 6.52 करोड़
राजारानी तालाब के सौंदर्यीकरण के नाम पर एक बार फिर बड़ी योजना की भूमिका तैयार की गयी. वर्ष 2017 में राजारानी तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए 6 करोड़ 52 लाख 17 हजार 200 रुपये सरकार ने स्वीकृत किया. इस योजना को पूर्ण करने के लिए कार्य एजेंसी जिला शहरी विकास अभिकरण मुंगेर प्रमंडल-1 को बनाया गया. राय इंजीनियर्स पटना को इसके कार्य की जिम्मेदारी सौंपी गयी. पर, तालाब का सौंदर्यीकरण आज तक पूर्ण नहीं हो पाया है.
वर्षों से नहीं हुई सफाई, बनता जा रहा जंगल
सौंदर्यीकरण के तहत जहां तालाब के चारों ओर चहारदीवारी, फुट-वे का निर्माण करने, गार्डनिंग व सोलर लाइट की व्यवस्था करनी थी. तालाब में एक बड़ा फव्वारा लगाया जाना था. इतना ही नहीं चारों ओर छोटे-बड़े पौधे लगा कर ग्राॅसिंग व फ्लाॅवर लगा कर लोगों को ग्रीन पार्क का एहसास कराया जाना था. पर, इसकी वर्तमान स्थिति काफी खराब है. ग्राॅसिंग की जगह जंगली घास उग आये हैं, तो फूल-पत्तियों की जगह झाड़ियों ने ले लिया है. छोटे-बड़े पौधों की जगह जंगली पेड़ दिखायी दे रहे हैं. तालाब को जलकुंभी ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है. इतना ही नहीं तालाब के पानी से बदबू आ रही है. हालत यह है कि इस तालाब के तीन ओर जो फुट-वे बनाया गया है, उसकी कभी सफाई नहीं होती.
पेयजल, शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं तक नहीं
तालाब का सौंदर्यीकरण कर मुंगेर की जनता को एक बेहतर वातावरण उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया था. पर, वहां पहुंचने वाली जनता के लिए मूलभूत सुविधा तक उपलब्ध नहीं है. न तो यहां पेयजल का कोई इंतजाम है और न ही शौचालय है. यूरिनल तक की व्यवस्था नहीं है. हालांकि बैठने के लिए कंक्रीट व ग्रेनाइट के बेंच जरूर बनाये गये हैं. पर, उसके नीचे लगा टाइल्स टूटने लगा है. वर्तमान स्थिति ऐसी है कि वहां कोई जाना नहीं चाहता है.
सात वर्ष बाद भी निगम को हैंडओवर नहीं हो सका तालाब
विडंबना यह है कि लोकार्पण के सात वर्ष बाद भी यह तालाब नगर निगम को हैंडओवर नहीं किया जा रहा है. इस के पीछे क्या कारण है, इसका खुलासा कोई नहीं कर रहा है. पर, समय-समय पर कई जिलाधिकारियों ने इसको हैंडओवर करने का निर्देश दिया था. 2023 में तत्कालीन डीएम नवीन कुमार ने बुडको के कार्यपालक अभियंता को राजारानी तालाब के सौंदर्यीकरण कार्य को संपन्न कराते हुए फरवरी 2023 तक नगर निगम को हैंडओवर करने का निर्देश दिया था, लेकिन आज तक यह नगर निगम को हैंडओवर नहीं किया जा सका है.
समीक्षा की जा रही : कार्यपालक अभियंता
बुडको के कार्यपालक अभियंता कामेश्वर प्रसाद ने कहा कि राजारानी तालाब के सौंदर्यीकरण कार्य की समीक्षा विभागीय अधिकारियों के साथ की जा रही है, ताकि यह पता चले कि आखिर अब तक यह हैंडओवर क्यों नहीं हो पाया है. संवेदक ने कितना काम बाकी रखा है. जो भी कार्य बाकी होगा, उसे पूर्ण कराते हुए हैंडओवर की प्रक्रिया शुरू की जायेगी.