Munger news : नगर निगम व स्वास्थ्य विभाग लापरवाह, मुंगेर में डेंगू पर नहीं लग पा रहा ब्रेक

Munger news : मुंगेर शहर में न तो एंटी लार्वा का नियमित छिड़काव हो रहा है और न ही मच्छरों को रोकने के लिए फॉगिंग ही करायी जा रही है.

By Sharat Chandra Tripathi | November 13, 2024 7:47 PM

Munger news : नवंबर का महीना चल रहा है और अब तापमान में भी काफी कमी आ गयी है. बावजूद मुंगेर में डेंगू संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. संक्रमण से आमजन के बचाव को लेकर जिम्मेदार नगर निगम प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह लापरवाह हैं. हाल यह है कि सदर अस्पताल में जहां प्रतिदिन डेंगू के कन्फर्म और संदिग्ध मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, वहीं शहर के कई निजी नर्सिंग होम में भी डेंगू के मरीज इलाज के लिए भर्ती हो रहे हैं. पर, न तो मुंगेर शहर में एंटी लार्वा का नियमित छिड़काव हो रहा है और न ही मच्छरों को रोकने के लिए फॉगिंग करायी जा रही है. अगस्त माह से आरंभ डेंगू संक्रमण के मामलों में अबतक कुल 67 एलाइजा पॉजिटिव कन्फर्म मरीज मिल चुके हैं, जबकि लगभग 500 संदिग्ध मरीज इलाज के लिए भर्ती किये गये. हद तो यह है कि बचाव के प्रति लापरवाही और जागरूकता के अभाव में अब मुंगेर में डेंगू के साथ टाइफाइड व वायरल फीवर के मरीजों की संख्या भी काफी तेजी से बढ़ती जा रही है.

तापमान कम होने के बाद भी नहीं लग रहा डेंगू पर ब्रेक

डेंगू संक्रमण का खतरा अक्तूबर माह में ही टल जाना था, क्योंकि नवंबर माह आने के बाद अब तापमान भी कम होने लगा है. बावजूद मुंगेर में डेंगू पर ब्रेक नहीं लग पाया है. हाल यह है कि अबतक एलाइजा जांच में डेंगू के 67 पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं. इसमें 61 मरीज केवल मुंगेर शहर के हैं. छह मरीज मुंगेर के आसपास के जिलों जैसे खगड़िया, बेगूसराय, लखीसराय के हैं. इतना ही नहीं अगस्त माह से अबतक केवल सदर अस्पताल के डेंगू वार्ड में ही करीब 500 संदिग्ध मरीज इलाज के लिए भर्ती हो चुके हैं. हालांकि, जिले में अबतक डेंगू से मौत का सरकारी आंकड़ा शून्य है. पर, इससे अलग डेंगू के लगभग आधा दर्जन संदिग्ध मरीजों की मौत निजी नर्सिंग होम में हाे चुकी है. इसका आंकड़ा तक स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं है.

जिम्मेदारों की लापरवाही बढ़ा रही परेशानी

डेंगू संक्रमण से बचाव को लेकर नगर निगम प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह लापरवाह बने हुए हैं. डेंगू के बढ़ते मामलों के बीच भी निगम प्रशासन द्वारा व्यापक रूप से एंटी लार्वा का छिड़काव नहीं कराया जा रहा है और न ही फॉगिंग की ही समुचित व्यवस्था है. ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा बचाव के प्रति कार्य नहीं किया जा रहा है. हद तो यह है कि अब गाइडलाइन के अनुसार, डेंगू पॉजिटिव मरीजों के घरों के आसपास भी फॉगिंग व एंटी लार्वा का छिड़काव नहीं कराया जा रहा है.

लापरवाही के कारण शहर के कई क्षेत्र बने हॉट स्पॉट

निगम प्रशासन द्वारा दुर्गा पूजा के दौरान फागिंग और ब्लीचिंग का छिड़काव कराया गया, लेकिन मुंगेर शहर में बढ़ते डेंगू के मामलों के बीच नगर निगम प्रशासन की तैयारी ऊंट के मुंह में जीरा के समान है. इस कारण ही शहर का बीचागांव, मकससपुर, लालदरवाजा, चंडिस्थान, लल्लू पोखर, गुलजार पोखर, रायसर का क्षेत्र डेंगू के हॉट स्पॉट बन चुके हैं. इतना ही नहीं, डेंगू मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर खुद स्वास्थ्य विभाग भी पूरी तरह लापरवाह बना हुआ है. हाल यह है कि डेंगू के बढ़ते मामलों के बीच अबतक सदर अस्पताल में केवल 10 बेड का डेंगू वार्ड ही संचालित किया जा रहा है. इस कारण मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद डेंगू के कन्फर्म और संदिग्ध मरीजों को सामान्य वार्डों में भर्ती किया जा रहा है.

डॉक्टरों व कर्मियों की है कमी : अस्पताल उपाधीक्षक

सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ रमन कुमार ने बताया कि डेंगू के मच्छरों को पनपने के लिए 30 से 35 डिग्री का तापमान चाहिये. नवंबर माह होने के बावजूद अबतक दिन में तापमान कम नहीं हुआ है. इस कारण डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं. तापमान में और कमी आने के बाद डेंगू के मामले कम होंगे. प्री-फैब्रिकेटेड अस्पताल में 40 बेड का डेंगू वार्ड तैयार है, लेकिन चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों की कमी के कारण उसे अबतक आरंभ नहीं किया गया है.

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