Munger News : थाने के प्राइवेट चालक कर रहे खाकी को बदनाम, मिला हटाने का आदेश
मुंगेर जिले के विभिन्न थानों में प्राइवेट चालक पुलिस वाहन चला रहे हैं. लेकिन उनके खिलाफ लगातार मिल रही शिकायत के बाद पुलिस मुख्यालय ने उन्हें हटाने का आदेश दिया है.
Munger News : मुंगेर. थाना में प्राइवेट चालकों द्वारा पुलिस वाहन चलाने पर पुलिस मुख्यालय ने नाराजगी व्यक्त की है और उन्हें तत्काल हटाने का निर्देश दिया है. पुलिस वाहन की स्टेरिंग अपने हाथों में थाम कर ऐसे चालक खुद को थानाध्यक्ष से कम नहीं समझते. इस कारण ऐसे प्राइवेट चालकों पर बार-बार आरोप भी लगते रहे हैं. इन चालकों की सेटिंग-गेटिंग इतनी मजबूत है कि थानाध्यक्ष बदल जाते हैं, लेकिन ये जमे रहते हैं. हालात यह कि प्राइवेट ड्राइवर हर थानाध्यक्ष का चहेता बन गया है. और इनकी पकड़ अवैध धंधेबाजों पर मजबूत होकर अवैध उगाही का माध्यम बन गया है.
आदेश के बावजूद थानों से नहीं हटाये गये प्राइवेट चालक
पुलिस मुख्यालय का सख्त निर्देश है कि प्राइवेट चालकों को थानों से अविलंब हटाया जाये. इसके आलोक में कई जिलों में प्राइवेट चालकों पर डंडा भी चला है. लेकिन मुंगेर के थानों में प्राइवेट चालकों की तूती बोल रही है. जिला मुख्यालय के कोतवाली थाना, कासिम बाजार थाना सहित अन्य थानों में प्राइवेट चालक थाने का वाहन चला रहे हैं. जबकि बरियारपुर, हवेली खड़गपुर, टेटियाबंबर, संग्रामपुर, गंगटा सहित जिले के अधिकांश थानों में प्राइवेट चालकों का बोलबाला है. जो कभी पुलिस वर्दी तो कभी चितकबरी वर्दी पहन कर पुलिस वाहन चलाते दिख जायेंगे. इनका रौब किसी दारोगा से कम नहीं होता है. अगर थाना के सीसीटीवी फुटेज से जांच की जाये तो एक-एक थानों में दो-दो, तीन-तीन निजी चालक काम कर रहे हैं.
गाड़ियां नहीं बढ़ीं, बढ़ गयी चालकों की संख्या
मुंगेर जिले के अधिकांश थानों के वाहनों की स्टेयरिंग निजी हाथों में है. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस मुख्यालय की गाइड लाइन के अनुसार प्राइवेट चालकों को थानों में नहीं रखना है. इससे कई बार सूचनाओं के लीक होने का खतरा भी बना रहता है. जबकि उनकी संलिप्तता गलत गतिविधियों को अंजाम देने वालों के साथ होती है. लेकिन चालकों की कमी के कारण यह स्थित पैदा हुई है. मजबूरन अकुशल ड्राइवरों से थाने की पुलिस अपना किसी तरह काम चलाती है. क्योंकि हाल के दिनों में थानों की संख्या बढ़ा दी गयी है. लेकिन उसे चलाने के लिए सिपाही चालक नहीं हैं. अगर सिपाही चालक हैं तो एक की संख्या में हैं. उनसे तीन-तीन, चार-चार वाहन 24 घंटे चलाना संभव नहीं है. इसी कारण निजी चालकों से काम लिया जा रहा है.
अनहोनी पर नहीं मिलती आर्थिक मदद
पुलिस थाना हो अथवा उत्पाद थाना, यहां प्राइवेट चालकों को नहीं रखना है. इन चालकों के साथ अगर किसी प्रकार की अनहोनी होती है तो उनके परिवार को आर्थिक मदद नहीं मिल पाती है. 7 मई 2024 धरहरा प्रखंड के दशरथी गांव में उत्पाद थाना मुंगेर के निजी वाहन चालक राकेश चौधरी की शराब कारोबारियों ने कुएं में धक्का देकर हत्या कर दी थी. वे पिछले एक साल से उत्पाद विभाग द्वारा आउटसोर्सिंग पर लिये गये वाहन को चला रहे थे. वे कोतवाली थाना क्षेत्र के धसियार मुहल्ले के रहने वाले थे. उनकी मौत के बाद परिजनों ने उत्पाद थाना और शहर में मुआवजे की मांग को लेकर खूब हंगामा किया था. लेकिन मृतक के परिजनों को काेई सहायता सरकारी स्तर पर नहीं मिल सकी. जबकि वे उत्पाद पुलिस की मदद कर रहे थे.
प्राइवेट चालकों पर लगते रहे हैं आरोप, जा चुके हैं जेल
- केस स्टडी-1
- 21 जुलाई 2022 : गंगटा थाना में तैनात सिपाही अमर कुमार आजाद, सोनू कुमार रजक, किशोर दास, कृष्ण चंदन कुमार ने डीआइजी व एसपी को आवेदन देकर थाना के निजी चालक प्रह्लाद कुमार यादव पर दुर्व्यवहार करने की शिकायत की थी. इतना ही नहीं थाना में होने वाली गतिविधियों की सूचना इधर-उधर करने का आरोप लगाया गया था.
- केस स्टडी -2
- 10 नवंबर 2022 : हवेली खड़गपुर थाना में तैनात दारोगा रिंकू रंजन कुमार, सिपाही रौशन कुमार, सौरभ कुमार, गौतम ऋषि राय एवं प्राइवेट चालक मोनू कुमार को गिरफ्तार किया गया था. उन पर आरोप था कि ये लोग शराब मामले में अवैध रूप से उगाही कर रहे थे. यह भी सामने आया था कि निजी चालक ने ही इसकी डील की थी.
- केस स्टडी- 3
- 13 नवंबर 2023 : कोतवाली थाना के शादीपुर निवासी इलेक्ट्रिक दुकानदार संजय कुमार को शराब तस्कर ने गोली मार दी थी. उनकी इलाज के दौरान पटना में मौत हो गयी. शव पहुंचने पर परिजनों ने रोड जाम कर दिया. परिजनों ने कोतवाली थाना के निजी चालक पर शराब तस्कर से सांठ-गांठ होने का भी आरोप लगाया था.