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Munger News : शहर की सड़कों पर चलते हुए रहें सावधान, हो सकता है स्लिप डिस्क

मुंगेर की सड़कों को गड्ढों से मुक्ति नहीं मिल रही है. जगह-जगह सड़कें धंस रहीं हैं. पेयजलापूर्ति व सीवरेज के लिए लगातार सड़कों की खुदाई हो रही है. ऐसे में आम लोगों को यातायात में भारी परेशानी हो रही है. गड्ढों की वजह से लोग बीमार भी हो रहे हैं.

Munger News : मुंगेर. विकास की बांहेंमरोड़ देते हैं, सड़क बनाते हैं… तोड़ देते हैं. पेयजलापूर्ति और सीवरेज योजना मुंगेर शहर के लिए किसी अभिशाप से कम नहीं है. क्योंकि पिछले चार वर्ष से यह शहर इन योजनाओं की पाइप लाइन के लिए हो रही खुदाई से परेशान है. आज भी शहर की सड़कों को बनाने और खोदने का सिलसिला बदस्तूर जारी है. वहीं दूसरी ओर सड़कों का धंसना बंद नहीं हुआ है. इस कारण शहर की सड़कों पर सुगम यातायात जहां मुश्किल भरा हो गया है, वहीं आम लोग बीमारियों के शिकार हो रहे हैं.

चार साल बाद भी योजना नहीं हो सकी पूरी

शहर में 190 करोड़ की लागत से पेयजलापूर्ति योजना का काम अगस्त 2020 से शुरू हुआ. शहर की 300 किलोमीटर सड़कों को खोद कर पाइप बिछाया गया. जबकि 38 हजार घरों में कनेक्शन के लिए गली-मुहल्ले की सड़केंतोड़डालीं. लेकिन आज भी घरों में कनेक्शन के लिए सड़कों को खोदने का सिलसिला जारी है. जबकि 250 करोड़ की लागत से मुंगेर शहर में सीवरेज योजना का काम 2021 में शुरू किया गया. इसे 2023 में पूरा हो जाना था. 167 किलोमीटर सड़क की खुदाई कर पाइप बिछाया गया. लेकिन सीवरेज योजना का काम आज भी जारी है. जगह-जगह खुदाई का काम आज भी किया जा रहा है.सड़कें बनती हैं और फिर उसे सीवरेज योजना के तहत खोद दिया जाता है. इसका सिलसिला आज भी जारी है.

सड़क धंसने का सिलसिला जारी, गड्ढों से नहीं मिल रही मुक्ति

मुंगेर शहर की सड़कों को गड्ढों से मुक्ति नहीं मिल रही है. एक तरफ सड़क बनती है और दूसरी तरफ उसे खोदने का काम शुरू कर दिया जाता है.सड़कों का बनना और उसे खोदने का सिलसिला बदस्तूर जारी है. हालात यह है कि सड़क बनाने और खोदने के खेल में शहर की अधिकांश सड़कें आज भी जर्जर स्थिति में है. जो अच्छी सड़कें दिखती हैं वह उबड़-खाबड़ हो गयी है. कुल मिलाकर कहा जाये, तो शहर की सड़कों को गड्ढों से आज भी मुक्ति नहीं मिल पायीहै. इतना ही नहीं सड़कों के धंसने का सिलसिला आज भी जारी है. शहर के पूरबसरायकमेलामोड़ के समीप शहर का मुख्य मार्ग पूरी तरह से धंस गया है. जबकि कोतवाली मोड़ के समीप भी सड़क धंस गयी है. शहर के हसनगंज-कासिम बाजार मार्ग में तो दर्जन भर स्थानों पर सड़क धंस गयी है.

जर्जर सड़क दे रही बीमारी का ओवर डोज

टूटी सड़कें आवागमन में परेशानी पैदा कर रही हैं. बल्कि शहर की एक बड़ी आबादी को बीमार भी कर रही है. असमय युवाओं को कमर दर्द, गर्दन दर्द व सर्वाइकल जैसी गंभीर बीमारियों का भी तोहफा दे रहा है. जर्जर सड़क पर बाइक चलाने से शरीर में अचानक बार-बार झटका आता है, जिससे डिस्क एक्यूट हर्नियेशन नामक बीमारी युवाओं में बढ़ रही है. इसे आम तौर पर स्लिप डिस्क कहा जाता है. चिकित्सकों की मानें तो जर्जर सड़कों पर कार या मोटरसाइकिल चलाने से यह रोग होना निश्चित है. कार पर कमर को तो सपोर्ट मिलता है, लेकिन गर्दन को नहीं. वहीं मोटरसाइकिल पर ना तो गर्दन को, ना कमर को सपोर्ट मिलता है. इससे बीमारी जल्दी होने की आशंका रहती है. यानी मुंगेर की जर्जर सड़क लोगों को बीमारी का ओवर डोज दे रही है.

बाइक चालक हो रहे बीमारी के शिकार : डॉ संजीव

टूटी सड़कें और उन पर जगह-जगह बने गड्ढों ने एक्यूट डिसहर्निएशन यानी सर्वाइकल एंड लंबर की बीमारी के मरीजों की संख्या बढ़ा दी है. इनमें अधिकतर मरीज बाइक चलाने वाले युवा हैं. उन्होंने कहा कि कमर दर्द दूर करने के लिए लंबा इलाज चलता है और मरीज को रेस्ट में रहना पड़ता है.
-डॉ संजीव कुमार, शहर के प्रसिद्ध हड्डी रोग विशेषज्ञ

बुडको व एजेंसी पर बनाया जा रहा दबाव : नगर आयुक्त

सीवरेज व पेयजलापूर्ति योजना का काम पूर्ण करने को लेकर प्रमंडलीय आयुक्त ने विशेष बैठक बुलायी थी. इसमें पथ, बुडको, दोनों एजेंसी के अधिकारी भी मौजूद थे. उनको योजना का काम पूर्ण करते हुए क्षतिग्रस्त सड़कों को मानक के अनुरूप कराने का भी निर्देश दिया है. उनके स्तर से भी लगातार बुडको और एजेंसी पर इसके लिए दबाव बनाया जा रहा है.
-निखिल धनराज, नगर आयुक्त

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