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मां-बेटे ने मिलकर मुंगेर की महिला का बेगुसराय में खोला फर्जी खाता, फिर ठग लिये 1.20 लाख रुपये

मुंगेर में एक ही गांव के मां-बेटे ने मिलकर समूह के नाम पर एक महिला से ठगी कर ली. बेगुसराय के एक बैंक में फर्जी खाता खोलकर उसमें समूह ऋण की राशि जमा की गयी और उसकी निकासी भी कर ली गयी.

By Anand Shekhar | May 21, 2024 9:27 PM
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Bihar Cyber Crime News: मुंगेर के धरहरा प्रखंड के लड़ैयाटांड थाना क्षेत्र के आजीमगंज निवासी मालती देवी से गांव के ही मां-बेटा ने मिलकर समूह के नाम पर जहां ठगी की. वहीं बेगूसराय के एक बैंक में फर्जी खाता खोलकर उस पर समूह ऋण की राशि डलवा कर उसे भी निकाल लिया. जब समूह ऋण की राशि जमा करने का दबाव बनने लगा तब महिला को पता चला कि उसके साथ ठगी हुई है. कुल 1.20 लाख रुपये की उसके साथ ठगी हुई. चार महीनों से थानों का चक्कर काट रही महिला का आवेदन 21 मई को साइबर थाना में लिया गया.

आजीमगंज निवासी छविला गौंड की पत्नी मालती देवी ने साइबर थाना में बताया कि गांव के ही शंकुतला देवी व उसका पुत्र आशी कुमार ने उसे एक समूह से जोड़ा. उससे 29 हजार रुपये भी पहले जमा लिया. उसने कहा कि घर बनाने के लिए समूह से 60 हजार रुपये उसे लोन मिलेगा.

एसकेएस जमालपुर बैंक से आशीष के साथ उसके पदाधिकारी आये और उससे कई कागज व बत्ती जलने वाला मशीन पर उसका अगूंठे का निशान लिया. न तो लोन मिला और न ही जो पैसा दिया था वह मिला. जिसके बाद नवंबर 2023 में एसकेएस जमालपुर से कुछ लोग आये और कहा कि तुमने जो लोन लिया था. उसका भुगतान करें. जिसके बाद मैं परेशान हो गयी. क्योंकि मैंने कोई ऋण ली ही न हीं थी.

बाद में पता चला कि आशीष कुमार ने मेरे नाम से फर्जी खाता बेगूसराय के इंडस बैंक में खुलवा लिया है. जिस पर लोन की राशि मंगवा कर निकासी कर लिया था. जबकि सरकारी स्तर पर कल्याण विभाग से उसके खाते पर 50 हजार रुपये आया था उसे भी निकल लिया था.

फरवरी से थानों का लगा रही चक्कर, नहीं ले रहे केश

मालती देवी ने कहा कि फरवरी 2023 से ही वह लड़ैयाटांड थाना एवं साइबर थाना का प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए चक्कर काट रही है. लड़ैयाटांड थाना गये तो कहा कि यह केश साइबर थाना में दर्ज होगा. जब साइबर थाना में आये तो यहां कहा गया कि यह केश 420 का है और आप नामजद कर रहे हैं. इसलिए लड़ैयाटांड थाना में ही कांड दर्ज होगा. क्योंकि यह साइबर ठगी का मामला नहीं है. उसने कहा कि थानों का चक्कर लगाते-लगाते चार माह बीत गया.

कहते हैं साइबर थानाध्यक्ष

यातायात डीएसपी सह साइबर थानाध्यक्ष प्रभात रंजन ने बतया कि महिला से आवेदन प्राप्त हुआ है. जिसकी जांच की जा रही है. प्राथमिकी दर्ज कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.

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