प्रतिनिधि, मुंगेर. नए आपराधिक कानूनों में एफआइआर से लेकर ट्रायल तक सभी चरणों में तकनीक की अनिवार्यता को देखते हुए इ-साक्ष्य ऐप शुरू किया गया. इसके इस्तेमाल शुरू करने को लेकर पुलिसकर्मियों को शुक्रवार को पटना से ऑन लाइन प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण को लेकर पुलिस पदाधिकारियों को लिंक भेजा गया था. एसडीपीओ, डीएसपी, थानाध्यक्ष, अनुसंधानकर्ता पुलिस पदाधिकारी व अन्य ने उस लिंक माध्यम से पटना से दिये जा रहे प्रशिक्षण में भाग लिया और इ-साक्ष्य एप की बारिकियों से अवगत हुए. एसपी सैयद इमरान मसूद ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 105 में तलाशी और जब्ती अभियानों की वीडियोग्राफी और धारा 183 के तहत स्वीकारोक्ति और पीड़ितों के बयानों की डिजिटल रिकॉर्डिंग आदि को अनिवार्य कर दिया गया है. इसी को देखते हुए सभी अनुसंधान पदाधिकारी (आइओ) अपने मोबाइल में ई-साक्ष्य ऐप डाउनलोड कर उसकी मदद से अपराध स्थल के वीडियो और फोटोग्राफ लेंगे. साथ ही गवाहों के बयान भी रिकॉर्ड कर सकेंगे. रिकॉर्डिंग पूरी होने के बाद सारी जानकारी सुरक्षित तरीके से एक एविडेंस लॉकर में भेज दी जायेगी और फिर चार्जशीट से एकीकृत की जायेगी, जो इलेक्ट्रॉनिक रूप में अदालत को उपलब्ध कराई जायेगी. उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में इ-साक्ष्य एप की प्रमुख विशेषताएं और साक्ष्य संकलन से जुड़े नये आपराधिक कानूनों के महत्वपूर्ण प्रावधान पर जानकारी साझा की गयी. –
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