सक्षम प्राधिकार की बैठक के इंतजार में लगभग 75 सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति का नहीं हो पाया है अनुमोदन
मुंगेर. मुंगेर विश्वविद्यालय में नियुक्ति के दो साल बाद अब आईआरपीएम विषय के दो सहायक प्राध्यापकों का सेवा संपुष्टि होना है. अबतक दोनों सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति का अनुमोदन तक विश्वविद्यालय अपने समक्ष प्राधिकार सिंडिकेट में नहीं कर पाया है. जबकि साल 2024 में सिंडिकेट व सीनेट बैठक नहीं हो पाने के कारण विश्वविद्यालय में विभिन्न विषयों में योगदान देने वाले लगभग 75 सहायक प्राध्यापकों के नियुक्ति का अनुमोदन भी नहीं हो पाया है.2022 में एमयू को बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग से आईआरपीएम विषय में दो सहायक प्राध्यापक मिले थे. नियमानुसार दोनों सहायक प्राध्यापकों के नियुक्ति का अनुमोदन विश्वविद्यालय के समक्ष प्राधिकार सीनेट बैठक में होना था. साथ ही दोनों शिक्षकों की सेवा संपुष्टि का अनुमोदन तक विश्वविद्यालय अपने सक्षम प्राधिकार से कराना भूल चुका है. जबकि साल 2023 में एमयू में सिंडिकेट और सीनेट दोनों बैठकों का आयोजन किया गया था.
ऐसा नहीं है कि एमयू की लापरवाही के कारण अबतक आईआरपीएम के दो सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति को ही सिंडिकेट से अनुमोदन नहीं मिल पाया है, क्योंकि साल 2024 में विभिन्न विषयों में योगदान देने वाले लगभग 75 सहायक प्राध्यापकों के नियुक्ति का अनुमोदन अबतक सिंडिकेट से नहीं हो पाया है. हाल यह है कि साल 2024 में एमयू द्वारा न तो सिंडिकेट की बैठक आयोजित की गयी और न ही सीनेट की बैठक आयोजित हो पायी. ऐसे में अबतक लगभग 75 सहायक प्राध्यापकों के नियुक्ति को अनुमोदन नहीं मिल पाया है.विश्वविद्यालय सीनेट बैठक का प्रस्ताव राजभवन को भेजा गया है. जल्द ही आईआरपीएम के दोनों सहायक प्राध्यापकों सहित नये योगदान देने वाले सहायक प्राध्यापकों के नियुक्ति का अनुमोदन भी सिंडिकेट एवं सीनेट से करा लिया जायेगा.
डॉ अंशु कुमार राय, डिप्टी रजिस्ट्रारB
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