आंगनबाड़ी केंद्र के लाभुकों के खाते में जायेगी पोषाहार राशि

आंगनबाड़ी केंद्र के लाभुकों के खाते में जायेगी पोषाहार राशि

By Prabhat Khabar News Desk | July 4, 2020 7:24 AM

मुंगेर ; कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्र के लाभुकों को ऑनलाइन खाता में पोषाहार की राशि देने का निर्णय लिया है. सरकार के इस निर्णय से जहां केंद्र के लाभुकों को कोरोना से बचाया जा सकता है. वहीं दूसरी ओर आंगनबाड़ी केंद्रों में व्याप्त अनियमितता पर रोक भी लगेगी. विदित हो कि आंगनबाड़ी केंद्र पर लगातार अनियमितता के मामले उजागर होते रहे हैं.

बताया जाता है कि जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों एवं लाभार्थियों को डीबीटी के माध्यम से उनके खाते में पोषाहार की राशि डाला जायेगा. विदित हो कि आंगनबाड़ी केंद्र पर माह में 1 दिन टीएचआर का वितरण किया जाता था. इस दौरान गर्भवती एवं धात्री को आहार उपलब्ध कराया जाता था. इसके साथ ही प्रतिदिन आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों को भोजन दिया जाता था. जिसे लेकर आये दिन क्षेत्र से शिकायतें मिलती थी कि टीएचआर और बच्चे के पोषाहार में धांधली बरती जा रही है.

आइसीडीएस के वेबसाइट पर ऑनलाइन लाभार्थियों द्वारा अप्लाइ किया जा रहा है. इसके बाद संबंधित पोषक क्षेत्र के सेविका द्वारा उसकी पुष्टि करने के बाद लाभार्थियों को खाता के माध्यम से लाभ दिया जायेगा.

किस लाभुक को कितनी मिलेगी राशि: सरकार के निर्देशानुसार जिले के 6 माह से 3 वर्ष के कुपोषित व सामान्य बच्चे को प्रतिमाह 200 रुपये मिलेगा. जबकि 6 माह से 3 वर्ष के अतिकुपोषित बच्चे को प्रतिमाह 300 रुपये एवं 3 वर्ष से 6 वर्ष के बच्चे को प्रतिमाह 135 रुपये मिलेगा. गर्भवती व धात्री महिलाओं को प्रतिमाह 237 रुपया दिया जाना है.

प्रखंड से लेकर जिला स्तर पर चलता था कमीशन का खेल: नाम नहीं छापने की शर्त पर एक सेविका ने बताया कि प्रखंड से लेकर जिला तक सेविका को राशि लेने के बाद कमीशन बांटना पड़ता है. जिसके कारण टीएचआर वितरण या पोषाहार में कटौती करना पड़ता है. इसमें थोड़ा बहुत हम सेवकों को भी कुछ बचत हो जाता था. लेकिन डीबीटी के माध्यम से टीएचआर वितरण और पोषाहार का राशि सीधे लाभुकों को खाता में देने से इस में फैले भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा.

कहती हैं अधिकारी

बाल विकास परियोजना की डीपीओ रेखा कुमारी में बताया कि सरकार द्वारा पोषाहार और टीएचआर का आवंटन दिया गया था. जिसे वापस ले लिया गया. क्योंकि सरकार लाभुकों को सीधे खाता के माध्यम से योजनाओं का लाभ अब देगी. इसके लिए ऑनलाइन कर सेविका के माध्यम से जांच कराया जा रहा है. जांच के बाद सही लाभुकों को योजना का लाभ सरकार द्वारा दिया जा रहा है.

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