आइसीयू वार्ड में भर्ती वृद्धा में कोविड के संभावित लक्षण
आरटीपीसीआर जांच भी तकनीशियन नहीं होने के कारण पड़ा है बंद
चिकित्सक ने आरटीपीसीआर जांच कराने का दिया निर्देश
अस्पताल में जांच के लिए नहीं है किटआरटीपीसीआर जांच भी तकनीशियन नहीं होने के कारण है बंद
मुंगेरवैसे तो कोरोना संक्रमण के समाप्त हुए दो साल से अधिक का समय बीत चुके हैं, लेकिन मुंगेर से बाहर देश के अलग-अलग हिस्सों में आये दिन कोविड के संभावित लक्षणों से पीड़ित के मिलने का मामला सामने आता है. इसी तरह मुंगेर सदर अस्पताल के आइसीयू वार्ड में भी भर्ती एक वृद्धा में कोविड के संभावित लक्षण मिले हैं. चिकित्सक ने वृद्धा की आरटीपीसीआर जांच कराने को कहा है, लेकिन सदर अस्पताल में लंबे समय से कोविड जांच के लिए जहां रैपिड किट नहीं है. वहीं तकनीशियन नहीं होने से आरटीपीआर जांच भी बंद है. ऐसे में वृद्धा की जांच नहीं हो पा रही है.
28 जुलाई को ही वृद्धा का कराया गया है भर्ती
बता दें कि सदर अस्पताल के आइसीयू वार्ड में 28 जुलाई को ही जमालपुर निवासी एक 74 वर्षीय वृद्धा को भर्ती कराया गया है. चिकित्सक के अनुसार वृद्धा में निमनोनिया के लक्षण हैं. जबकि सीटी स्कैन रिपोर्ट में ग्राउंड ग्लास एप्रियेंस है. चिकित्सक के अनुसार वृद्ध महिला का सेचुरेशन भी 99 प्रतिशत से केवल दो दिनों में घटकर 83 प्रतिशत हो गया है, जो संभवत: कोविड के लक्षणों में से एक है. इसके कारण ही वृद्धा का आरटीपीसीआर जांच लिखा गया है. हालांकि मेडिसिन विशेषज्ञ चिकित्सक के ओपिनियन के बाद ही इसे पूर्ण रूप से कोविड माना जा सकता है. ऐसे में कोविड जांच जरूरी है.
सदर अस्पताल में 2020 में आरटीपीआर जांच की सुविधा हुई थी शुरू
सदर अस्पताल में सरकार ने वर्ष 2020 में ही कोरोना काल के दौरान आरटीपीआर जांच की सुविधा शुरू की थी. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय के ऊपरी तल पर आरटीपीसीआर जांच सेंटर भी संचालित था. लेकिन कोरोना काल के दौरान नियुक्त संविदा जांच कर्मियों को सरकार की ओर से हटाये जाने के बाद से अस्पताल में आरटीपीसीआर जांच पूरी तरह बंद हो गयी है. मरीजों के कोरोना जांच के लिए जरूरी रैपिड टेस्ट किट भी समाप्त हो गया है. ऐसे में आइसीयू वार्ड में भर्ती कोविड की संभावित वृद्ध मरीज की जांच होना संभव नहीं हो रहा है.
कहते हैं सिविल
सर्जन
सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार सिन्हा ने बताया कि मुंगेर में कोरोना काफी पहले ही समाप्त हो चुका है. वहीं रैपिड टेस्ट किट समाप्त है. जांचकर्मियों को हटाये जाने के बाद आरटीपीसीआर जांच भी बंद है. हालांकि चिकित्सक ने जिस वृद्धा की आरटीपीसीआर जांच को लिखा है. उसकी विशेषज्ञ अन्य चिकित्सकों से जांच करायी जायेगी.
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