सुस्ती : एक साल में 648 के विरुद्ध मात्र 250 किलोमीटर ही नंगा तार कवर वायर में बदला

जिले में नंगे तार को बदल कर कवर वायर लगाने की योजना चल रही है

By Prabhat Khabar News Desk | October 1, 2024 6:43 PM

मुंगेर

शहर से लेकर गांव तक नंगे और जर्जर पोल व तार पर दौड़ रही बिजली से हो रही दुर्घटना को रोकने के लिए सरकार ने आरडीएसएस योजना लायी. जिसके तहत नंगे तार को बदल कर उसके स्थान पर कवर वायर लगाना है. यह योजना कई फेज में चल रही है. पिछले एक साल से इस योजना के तहत जिले में नंगे तार को बदल कर कवर वायर लगाने की योजना चल रही है. जो काफी सुस्त है. जिले में मात्र 250 किलोमीटर में ही इस कार्य को अंजाम दिया जा सका है. जबकि लक्ष्य 648 किलोमीटर में कवर वायर लगाने का है.

648 किलोमीटर में कवर वायर लगाने का है लक्ष्य

मुंगेर में बैजल कंपनी को नंगा तार को हटा कर कवर वायर लगाने का काम दिया गया. जो पिछले एक साल से इस काम को कर रही है. लेकिन काम काफी सुस्त है. जिले में शहर से लेकर गांव तक कंपनी को 648 किलोमीटर में नंगा तार को हटा कर उसकी जगह कवर लगाने का काम करना है. जबकि जहां भी पोल जर्जर है उसकी भी बदली की जानी है. लेकिन एजेंसी द्वारा एक साल में लक्ष्य के विरुद्ध मात्र 250 किलोमीटर में ही नंगे तार को बदल कर कवर वायर लगाया है. अब भी जिले में 398 किलोमीटर कवर वायर का जाल बिछना बांकी है. जानकारी के अनुसार सितंबर 2025 तक कंपनी को इस कार्य को पूर्ण कर देना है.

जिले में दौड़ रही थी 350 किलोमीटर में बांस-बल्ला पर बिजली

कवर वायर से अच्छादित करने केे लिए कुछ वर्ष पूर्व जिले में सर्वे कराया गया था. सर्वे के मुताबिक जिले के 350 किलोमीटर में बांस-बल्ला के सहारे बिजली के नंगे तार पर करंट दौड़ायी जा रही थी. इस व्यवस्था को भी आरडीएसएस योजना के तहत सुदृढ करना था. जिसके तहत कंपनी ने लक्ष्य के विरुद्ध जिले के 200 किलोमीटर से अधिक क्षेत्रों में बांस-बल्ला व नंगे तार को हटा कर कवर वायर से अच्छादित कर दिया गया है. जिले में अब भी इसका काम चल रहा है.

शहर में अब भी नंगे तार पर दौड़ रही बिजली

शहरी क्षेत्र में भले ही नंगे तार को हटा कर कवर वायर में तब्दील करने का काम चल रहा है. बावजूद जिला मुख्यालय के मुख्य बाजार में आज भी नंगे व जर्जर तार पर करंट को दौड़ायी जा रही है. शहर के रिहायसी क्षेत्रों की सड़कों पर विद्युत तार बेतरतीब तरह से झूल रहा है. शहर की सड़कों पर जो पोल के सहारे विद्युत तार बिछाया गया है. वह पूरी तरह से जर्जर और बेजान हो चुकी है. नंगा तार होने के कारण टोकन लगाने का सिलसिला भी जारी है. जो थमने का नाम नहीं ले रहा है. शहर के कई स्थानों पर नंगे तार पर टोकन का मकड़जाल है. सड़कों पर झूल रही नंगा तार कभी भी किसी बड़े हादसों का गवाह बन सकता है.

कहते हैं अधिकारी

विद्युत अधीक्षण अभियंता ई. संतोष कुमार ने बताया कि एक साल से आरडीएसएस योजना के तहत कवर वायर बिछाने का काम चल रहाब है. बांस-बल्ला पर नंगे तार के सहारे गांव-ग्राम में बिजली ले जायी गयी है. जिसे कवर वायर में बदलने का काम हो रहा है. उन्होंने आम जनता से अपील किया कि जहां भी बांस-बल्ला के सहारे बिजली गयी है. उसको लेकर वहां की जनता संबंधित कार्यालय में आवेदन दे. तत्काल पोल व कवर वायर लगा कर वहां बिजली पहुंचायी जायेगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Exit mobile version