बदहाल सदर अस्पताल : दो चिकित्सक के भरोसे सुबह 10 बजे तक चलता रहा ओपीडी

मौसम के बदलने के साथ मौसमी बीमारियों ने अपना पैर पसारना शुरू कर दिया है. इस कारण सदर अस्पताल में मरीजों की संख्या भी काफी बढ़ने लगी है, लेकिन 16 लाख की जनसंख्या वाले मुंगेर जिले के सदर अस्पताल में संचालित ओपीडी सेवा में जो हाल सोमवार को देखने को मिला, उससे यहां बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को खुद ही समझा जा सकता है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 12, 2024 11:01 PM

प्रतिनिधि, मुंगेर. मौसम के बदलने के साथ मौसमी बीमारियों ने अपना पैर पसारना शुरू कर दिया है. इस कारण सदर अस्पताल में मरीजों की संख्या भी काफी बढ़ने लगी है, लेकिन 16 लाख की जनसंख्या वाले मुंगेर जिले के सदर अस्पताल में संचालित ओपीडी सेवा में जो हाल सोमवार को देखने को मिला, उससे यहां बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को खुद ही समझा जा सकता है. जहां ओपीडी का समय तो सुबह 9 बजे से ही है, लेकिन चिकित्सक 9.30 बजे पहुंचे. वहीं राजशाही अंदाज वाले अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मी तो 10 बजे तक ओपीडी में नजर नहीं आये. हद तो यह रही की मरीजों की नियमित जांच ओपीडी में डाटा ऑपरेटर और पारामेडिकल स्टूडेंट करती नजर आयी, जबकि पैथोलॉजी केंद्र में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला.

9 बजे ओपीडी का समय, 9.30 बजे पहुंचे चिकित्सक

सदर अस्पताल के प्री-फैब्रिकेटेड अस्पताल में सोमवार को सुबह 8.30 बजे पंजीयन और दवा काउंटर खुल गया. इंजेक्शन कक्ष भी खुल गया, जबकि चिकित्सकों के कक्ष भी खुल गये. जहां मरीजों की लाइन भी लग गयी, लेकिन 9 बजे आरंभ होने वाले ओपीडी सेवा में सुबह 9.25 तक एक भी चिकित्सक नजर नहीं आये. सुबह 9.25 में महिला ओपीडी में डॉ स्वाति पहुंची. इसके 5 मिनट बाद 9.30 बजे आयुष चिकित्सक डॉ लोचनचंद्र पाठक पहुंचे, लेकिन इसके बाद 10 बजे तक न तो हड्डी के चिकित्सक नजर आये और न ही दंत चिकित्सक. कुल मिलाकर कहें तो सुबह 10 बजे तक सदर अस्पताल में हड्डी, दंत और फिजिशियन ओपीडी केवल एक आयुष चिकित्सक के भरोसे चलता रहा. जबकि चिकित्सकों के इंतजार में कई मरीज घंटों बैठे रहें.

डाटा ऑपरेटर मरीजों का बीपी और सुगर करते रहे जांच

सदर अस्पताल के ओपीडी में सोमवार को जांच व्यवस्था का जो हाल दिखा, उसे देखकर मरीजों को मिल रही स्वास्थ्य सुविधा को समझा जा सकता है. सोमवार को ओपीडी में मरीजों का बीपी, सुगर, वजन, हाइट आदि की जांच डाटा ऑपरेटर ज्योति कुमारी करती नजर आयी. जो खुद 9.10 बजे पहुंची और खुद ही जांच केंद्र पर मरीजों का जांच करने लगी. इसके कुछ देर बाद पारामेडिकल स्टूडेंट पल्लवी कुमारी पहुंची, लेकिन सुबह 10 बजे तक वहां तैनात नियमित स्वास्थ्यकर्मी प्रकाश कुमार नजर नहीं आये. कुछ ऐसा ही हाल पैथोलॉजी केंद्र पर देखने को मिला. जहां डाटा ऑपरेटर तो मौजूद थे, लेकिन मरीजों का सैंपल कलेक्शन एएनएम स्कूल की स्टूडेंट करती दिखी. जबकि पैथोलॉजी केंद्र में सुबह 10 बजे तक जांच कर्मी नहीं पहुंचे थे.

बच्चे को कुत्ते का इंजेक्शन दिलाने करते रहे घंटों इंतजार

सोमवार को ओपीडी में मुंगेर शहर के चुरंबा निवासी एक महिला अपने 8 वर्षीय पुत्र को कुत्ते का इंजेक्शन दिलाने पहुंची थी. जिसे रविवार की रात ही कुत्ते ने काट लिया था. हालांकि, ओपीडी में इंजेक्शन कक्ष तो खुला था और कर्मी भी मौजूद थे, लेकिन चिकित्सक नहीं होने के कारण बच्चे को इंजेक्शन नहीं लग पाया. हालांकि, डॉ लोचनचंद्र पाठक के आने के बाद बच्चे के पर्ची पर इंजेक्शन लिया गया. इसके बाद उसे इंजेक्शन लगाया गया. वहीं कई अन्य मरीज भी अपने इलाज को लेकर परेशान रहे.

कहते हैं अस्पताल उपाधीक्षक

सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ रमन कुमार ने बताया कि सोमवार को अस्पताल के कुल 7 चिकित्सक परीक्षा देने गये थे. जबकि डॉ रामप्रवेश प्रसाद की ड्यूटी श्रावणी मेला में लगायी थी. वहीं हड्डी विशेषज्ञ डॉ निरंजन कुमार जमालपुर में आयोजित दिव्यांग शिविर में थे. चिकित्सक की कमी के कारण परेशानी हुई. हालांकि, स्वास्थ्यकर्मी यदि समय पर नहीं पहुंचे थे तो इसकी जानकारी ली जायेगी.

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