मुंगेर. मुंगेर विश्वविद्यालय में एलाइट फैल्कॉन के तहत कार्यरत 70 आउटसोर्सिंग कर्मी पिछले पांच दिनों से हड़ताल पर हैं. जिसके कारण विश्वविद्यालय का कार्य लगभग ठप है. वहीं इससे अलग एमयू प्रशासन आउटसोर्सिंग कर्मियों का हड़ताल समाप्त कराने की जगह पूरी तरह मौन बना हुआ है. यह हाल तब है, जब एमयू के अधिकांश कार्यालयों का संचालन आउटसोर्सिंग कर्मियों के भरोसे ही है.
बता दें कि सोमवार से ही अपने तीन माह के बकाया मानदेय की मांग को लेकर विश्वविद्यालय में कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मी हड़ताल पर हैं. लेकिन संबंधित एजेंसी इस मामले में पूरी तरह मौन है. जिसके द्वारा हड़ताल समाप्त कराने को लेकर कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है. कुल मिलाकर कहा जाये तो पिछले पांच दिनों से आउटसोर्सिंग कर्मियों और एजेंसी के बीच टकराव के कारण विश्वविद्यालय का कार्य प्रभावित हो रहा है. हाल यह है कि विश्वविद्यालय के कार्यालयों में जहां एक लेटर पर टाइप कराने के लिये अधिकारियों को घंटों इंतजार करना पड़ता है. वहीं एमयू का परीक्षा विभाग पूरी तरह आउटसोर्सिंग कर्मियों के भरोसे ही है. जिसके द्वारा ही रिजल्ट सहित अन्य कार्य किये जाते हैं. जो पांच दिनों से पूरी तरह अवस्थित हो चुका है. जिसका खामियाजा विद्यार्थी भुगत रहे है.एजेंसी मस्त, विश्वविद्यालय मौन, कर्मी परेशान
पांच दिनों से चल रहे आउटसोर्सिंग कर्मियों के हड़ताल के बीच जहां एजेंसी पूरी तरह मस्त है. वहीं विश्वविद्यालय हड़ताल समाप्त कराने को लेकर पूरी तरह मौन है. जबकि लगभग 14 माह के बकाये मानदेय में 3 माह के मानदेय की मांग को लेकर आउटसोर्सिंग कर्मी परेशान हैं. कर्मियों ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा तो एजेंसी को 7 माह के मानदेय के रूप में दीपावली के समय ही 1.15 करोड़ रुपये एडवांस के रूप में दिया गया है. जबकि एजेंसी 3 माह का मानदेय नहीं दे रही है. एजेंसी से पूछने पर कोई जवाब नहीं मिल रहा है. एजेंसी अब भी विश्वविद्यालय से राशि मिलने की आस में हैं. जिसके कारण आउटसोर्सिंग कर्मी आर्थिक परेशानी झेल रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है