मुंगेर. सदर अस्पताल की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के बीच अब अस्पताल के कर्मी नियमों की अनदेखी भी करने लगे हैं. जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. कुछ ऐसा ही हाल मंगलवार को सदर अस्पताल के आईसीयू वार्ड में गंभीर हालत में भर्ती बासुदेवपुर निवासी 66 वर्षीय वृद्धा शकुंतला देवी के मामले में भी देखने को मिला. जिसके बीएसटी (बेड सेक्शन फॉर ट्रीटमेंट) पर लिखे ही रक्त चढ़ा दिया गया. वहीं रक्त चढ़ाने के लगभग एक घंटे बाद ही वृद्धा की हालत बिगड़ गयी. बताया गया कि बासुदेवपुर निवासी सुधीर सिन्हा की पत्नी 66 वर्षीय शकुंतला देवी को 19 मई की शाम उल्टी और कमजोरी की शिकायत पर इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था. चिकित्सक के अनुसार सेप्टीसिमिया बता कर उसे महिला वार्ड में भर्ती कर दिया गया. परिजनों के अनुसार मंगलवार सुबह 5 बजे तक महिला की स्थिति अच्छी थी और सभी होश में भी. इसी सुबह इमरजेंसी वार्ड में चिकित्सक द्वारा उसके पीले पर्ची पर एक यूनिट ब्लड लिखा गया. जिसके बाद सुबह 5.30 बजे शकुंतला देवी को ब्लड चढ़ाया गया. जिसके लगभग दो घंटे बाद उसकी तबीयत बिगड़ गयी और उसे आईसीयू वार्ड में भर्ती किया गया. हलांकि नियमानुसार महिला को रक्त चढ़ाने की जानकारी वार्ड में तैनात परिचारिकाओं द्वारा बीएसटी पर लिखना था, ताकि सुबह महिला को दी जाने वाली अन्य दवाओं को लिखने से पहले चिकित्सक रक्त चढ़ाने की जानकारी ले सके. लेकिन परिचारिकाओं द्वारा उसके बीएसटी पर रक्त चढ़ाने की जानकारी नहीं लिखी गयी. हलांकि मामला सामने आने के बाद अस्पताल उपाधीक्षक डॉ रमन कुमार आईसीयू वार्ड पहुंचे और वृद्धा के हालत की जानकारी ली. उन्होंने बताया कि महिला की ईसीजी रिपोर्ट के अनुसार उसका हर्ट ब्लॉक हुआ है. मरीज के बीएसटी पर ब्लड रिक्यूजीशन नहीं लिखा है, परंतु इमरजेंसी वार्ड के पीला पुर्जा पर ब्लड रिक्यूजीशन लिखा है. उसी के आधार पर महिला को ब्लड चढ़ाया गया.
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