मुंगेर के सरकारी अस्पताल में दो वर्षों से नहीं है सर्जन चिकित्सक, निजी अस्पताल पहुंच रहे मरीज – A
मुंगेर के सरकारी अस्पताल में दो वर्षों से नहीं है सर्जन चिकित्सक
सर्जन नहीं होने के कारण दुर्घटना व गोली से घायल मरीज प्राइवेट अस्पताल में कराते हैं इलाज, प्राइवेट अस्पताल के दलाल सदर अस्पताल में लगाते रहते हैं चक्कर, रोगी को किया जाता हाईजैक
मुंगेर. आपराधिक मामलों में चर्चित मुंगेर जिले के सरकारी अस्पताल पिछले दो वर्षों से बिना सर्जन चिकित्सक के ही चल रहे हैं. जिसके कारण ट्रामा सहित गोलीबारी से घायल लोगों को इलाज के लिए प्राइवेट अस्पताल का सहारा लेना पड़ रहा है. सड़क दुर्घटना अथवा गोली से घायल कोई रोगी ज्योंहि सदर अस्पताल का इमरजेंसी वार्ड पहुंचता है वहां प्राइवेट अस्पताल का दलाल रोगी के परिजन को यह विश्वास दिलाता है कि यहां सजन चिकित्सक नहीं है और इलाज की बेहतर व्यवस्था भी नहीं है. उसे तुरंत जान बचाने के लिए निजी अस्पताल ले जाया जाए. रोगी के परिजन भी निजी अस्पताल पहुंच जाते हैं और इलाज के नाम पर लूट जा रहे.दो साल से बिना सर्जन चिकित्सक के मुंगेर
मुंगेर जिला वैसे भी क्राइम मामलों में चर्चित रहता है. जहां आये दिन मारपीट या विवाद में गोलीबारी के मामले सामने आते हैं. बावजूद मुंगेर जिले के सरकारी अस्पाल में पिछले दो साल से एक भी सर्जन चिकित्सक नहीं हैं. जिसके कारण इन मामलों के मरीज इलाज के लिए निजी क्लीनिक ही पहुंच रहे हैं. बता दें कि साल 2021 के अगस्त माह में सदर अस्पताल में तैनात सर्जन डॉ शाहिद मुर्तुजा बिना सूचना के अबतक अनुपस्थित चल रहे हैं. हलांकि उनके द्वारा अपना त्यागपत्र स्वास्थ्य विभाग को दे दिया गया है. वहीं दिसंबर 2021 में एकमात्र सर्जन डॉ कुंदन कुमार भी दूसरी जगह नौकरी लगने के कारण इस्तीफा देकर चले गये. इस बीच अगस्त 2021 में ही मुंगेर सदर अस्पताल को आर्थो में भी एक सर्जन डॉ पप्पू कुमार मिले थे. लेकिन मात्र एक सप्ताह ड्यूटी करने के बाद ही उनके द्वारा इस्तीफा दे दिया गया. जिसके बाद से अबतक पूरा मुंगेर जिला बिना सर्जन चिकित्सक के ही हैं.कहते हैं सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार सिन्हा ने बताया कि जिले में सर्जन न होने को लेकर विभाग को कई बार अवगत कराया गया है. साथ ही विभाग से सर्जन का डिमांड भी किया गया है. इसे लेकर जिले में चिकित्सकों के स्वीकृत, कार्यरत व रिक्त संख्या भी पूर्व में विभाग को भेजा गया है.केस स्टडी – 1
9 मई 2023 : लखीसराय जिला के मेदनी चौकी थाना अंतर्गत खावा गांव निवासी 36 वर्षीय छोटे मंडल को आपसी रंजिश में पड़ोस के युवक ने उसके घर के समीप गोली मार दी थी. जिसे इलाज के लिए परिजन सदर अस्पताल लेकर आए जहां से युवक गंभीर स्थिति देख डॉक्टर ने रेफर कर दिया. जिसके बाद परिजन घायल युवक को एक निजी हॉस्पिटल ले गए. जहां युवक के दाहिने पैर के घुटने से गोली निकाली गयी.केस स्टडी – 2
21 मई 2023 : मुफस्सिल थाना क्षेत्र के महेशपुर तारापुर दियारा निवासी एक लड़की की शादी में बरात आने से पहले लड़की कस्तूरबा वाटर वर्क्स स्थित एक व्यूटी पार्लर में तैयार हो रही थी. उसी दौरान उसका प्रेमी ने ब्यूटी पार्लर के अंदर घुस कर लड़की को गोली मार दी और खुद भी अपने ऊपर गोली चलाया था. गोली लड़की के कंधे के पीछे से लगते हुए दाहिने साइड सीना से निकल गयी. गंभीर रूप से घायल लड़की को सदर अस्पताल लाया गया. डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे रेफर कर दिया. जिसका निजी क्लीनिक में इलाज किया गया.केस स्टडी – 3
18 जनवरी 2024 : मुफस्सिल थाना अंतर्गत शंकरपुर में 28 वर्षीय अमन कुमार को पड़ोस के ही एक युवक ने गोली मारकर घायल कर दिया था. पेट में गोली लगने से गंभीर रूप से घायल युवक को परिजन सदर अस्पताल लाए थे. जहां घायल की गंभीर स्थिति को देखते हुए प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सक ने हायर सेंटर रेफर कर दिया. जिसके बाद परिजन उसे लेकर निजी हॉस्पीटल चले गये.केस स्टडी – 4
8 अप्रैल 2024 : सफियाबाद थाना क्षेत्र के फरदा माली टोला निवासी दुर्गेश कुमार को अपराधियों ने गोली मार दी थी. जिसमें तीन गोली दुर्गेश के जांघ में लगी थी. वही सदर अस्पताल लाने के बाद दुर्गेश को हायर सेंटर रेफर किया गया. जिसमें परिजन दुर्गेश को लेकर निजी अस्पताल चले गये. जहां युवक की गोली निकाली गयी.केस स्टडी – 5
22 मई 2024 : बासुदेवपुर थाना क्षेत्र के चुरंबा स्थित ललमटिया कब्रिस्तान के समीप शहर के बड़ी बाजार निवासी व्यवसायी नंदकिशोर पहुजा के पुत्र भावेश उर्फ संतोष पहुजा को कमर में गोली मार दी गयी थी. जिसमें उसका आंत बाहर आ गया था. उसे भी सदर अस्पताल से ईलाज के लिए शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है