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पीएचईडी ने जमालपुर नप को हैंड ओवर किया वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट

अब नगर परिषद क्षेत्र में पानी पहुंचाने की बुडको की जिम्मेदारी

जमालपुर. नगर परिषद क्षेत्र जमालपुर के 36 वार्ड में लोगों को शुद्ध पानी पहुंचाने के लिए बियाडा स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को आखिरकार पीएचईडी ने नगर परिषद को हैंड ओवर कर दिया है. इसके बाद अब शहरवासियों के घर तक पानी पहुंचाने की जिम्मेदारी बुडको की हो गयी है. क्योंकि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से ओवरहेड टैंक तक शुद्ध पानी पहुंचाने का काम नगर परिषद द्वारा किया जाना है. वर्ष 2009 में आरंभ हुआ था वाटर ट्रीटमेंट प्लांट स्थापना का कार्य: वर्ष 2009 में जमालपुर में जलापूर्ति योजना को लेकर कार्य आरंभ हुआ था. जलापूर्ति योजना पर लगभग 15 वर्ष काम चला. इस दौरान कई कार्यकारी एजेंसी बदले गये. वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की जिम्मेवारी जिंदल वाटर इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड को दी गयी थी. आरंभ में यह योजना 30 करोड़ की थी. समय के साथ इस योजना की लागत में भी वृद्धि होती गयी और फिलहाल यह योजना लगभग डेढ़ सौ करोड़ पार कर चुकी है. इस बीच जिंदल वाटर इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड पीएचईडी को सौंप दिया था. इसने प्लांट को नगर परिषद को हैंड ओवर कर दिया है. फिलहाल वर्तमान जलापूर्ति योजना के अंतर्गत चार जलमीनार या ओवरहेड टैंक बनाये गये हैं. इनमें दो टैंक ईस्ट कॉलोनी थाना क्षेत्र में है और दो ओवरहेड टैंक जमालपुर थाना क्षेत्र में है. जमालपुर थाना क्षेत्र वाले दोनों जलमीनार केशवपुर इलाके में बनाये गये हैं. ओवरहेड टैंक संख्या 4 से वार्ड संख्या 33 फुलका लगभग डेढ़ से 2 किलोमीटर दूर है. इसी प्रकार इस ओवरहेड टैंक से दौलतपुर गायत्री नगर 2 से 3 किलोमीटर दूर है. इसके कारण इस ओवरहेड टैंक से इन दोनों इलाकों में आपूर्ति संभव नहीं हो पा रही है. ऐसे में बुडको द्वारा अपनी जिम्मेवारी का कितना पालन किया जाएगा यह तो आने वाला समय ही बता पाएगा. कई वार्ड में पहुंच रहा पानी, तो कई वार्ड में आंशिक जलापूर्ति: नगर परिषद क्षेत्र में 36 वार्ड हैं. इसमें से तीन वार्ड रेलवे क्षेत्र के आते हैं. इसमें वार्ड संख्या 10, 17 और 19 शामिल हैं. इस प्रकार 33 वार्ड में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की योजना आरंभ होने के लगभग 15 वर्ष बाद भी सभी वार्ड में पानी नहीं पहुंच पाया है. इस बीच पीएचईडी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि शहर के 11 वार्ड में इस जलापूर्ति योजना के अंतर्गत पानी की सप्लाई बिल्कुल ही नामुमकिन है. इसलिए इन 11 वार्ड में बगैर प्यूरीफिकेशन के ही वाटर सप्लाई करने की नयी योजना बनायी गयी है. इस योजना के तहत वार्ड संख्या 1, 3, 8, 9, 11, 33, 35 और 36 के अतिरिक्त वार्ड संख्या 34 के आंशिक क्षेत्र शामिल हैं. इन वार्ड में बुडको ने डीप बोरिंग कर पानी की आपूर्ति करने की योजना बनायी है. पश्चिम क्षेत्र में जलापूर्ति बनेगी चुनौती: जानकार बताते हैं कि जिन 11 वार्ड में वर्तमान में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से पानी की आपूर्ति संभव नहीं हो पा रही. वे सभी वार्ड शहर के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित हैं. इसमें दौलतपुर, रामपुर, केशवपुर, फुलका, रामचंद्रपुर और लक्ष्मणपुर के अलावा नया टोला केशवपुर का आंशिक क्षेत्र शामिल है. बताया जाता है कि यह सभी वार्ड अपेक्षाकृत अधिक ऊंचाई पर है. इसके कारण वहां वर्तमान ओवरहेड टैंक से जलापूर्ति संभव नहीं हो पा रही है. इसके अतिरिक्त शहर में जलापूर्ति के लिए जगह-जगह पर जो वाल्व लगाये गये हैं. उन्हें ऑपरेट करने के लिए भी कुशल ऑपरेटर की आवश्यकता पड़ेगी. इसकी गैर हाजिरी में जलापूर्ति संभव नहीं हो सकती है. कहते हैं कार्यपालक पदाधिकारी: कार्यपालक पदाधिकारी विजयशील गौतम ने बताया कि नगर परिषद को पांच जून को वाटर ट्रीटमेंट प्लांट हैंड ओवर कर दिया गया है. अब नगर परिषद की जिम्मेदारी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से शुद्ध जल को ओवरहेड टैंक तक भेजना है. ओवरहेड टैंक से लोगों के घर तक पानी पहुंचाने की जिम्मेदारी बुडको की है. बुडको को आदेश दिया गया है कि जहां तक आपूर्ति की जा रही है, वहां तक नियमित रूप से जलापूर्ति की जाये. ओवरहेड टैंक पर भी दिन के अलावा रात में भी काम करने का निर्देश दिया गया है.

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