स्वास्थ्यकर्मी रामप्रवेश हत्याकांड : एक साल में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ी मुंगेर पुलिस
एक साल में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ी पुलिस
हत्यारों को सजा दिलाने भटक रही मृतक की आत्मा, न्याय की आस में परिवार
मुंगेर तारापुर अनुमंडल अस्पताल में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मी रामप्रवेश सिंह का मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सदर प्रखंड कार्यालय चौराहा के समीप एक वर्ष पूर्व ललमटिया कब्रिस्तान के पास गोली मार कर हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड का बुधवार को एक साल पूरा हो गया. लेकिन मुंगेर पुलिस इस हत्याकांड में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पायी है. जिसके कारण यह हत्याकांड पुलिस फाइल में दफन होने के कगार पर है.मुफस्सिल थाना क्षेत्र के दरियापुर निवासी रामप्रवेश सिंह तारापुर अनुमंडलीय अस्पताल में कार्यरत था. वह प्रति दिन घर से आना-जाना करता था. वह अपनी मोटर साइकिल को हाजीसुजान में एक परिचित के यहां रखता था और बस से तारापुर जाता था. 19 जून 2023 को वह बस से हाजीसुजान में उतरा और अपनी मोटर साइकिल लेकर लगभग 6:30 बजे सतुरखाना होकर घर आने लगा. सदर प्रखंड कार्यालय चौराहा से महज 200 मीटर की दूरी पर ललमटिया कब्रिस्तान के पास घात लगाये दो अपराधी ने उसे रोका और उसके सिर में गोली मार दी. वह मोटर साइकिल लेकर वहीं पर गिर गया. घटना की सूचना पर पुलिस पहुंची और शव को कब्जे में लिया. इस मामले में मृतका की पत्नी ने अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
भटक रही मृतक की आत्मा, परिजन लगाये है न्याय की आसस्वास्थ्यकर्मी हत्याकांड का एक साल पूरा हो गया. लेकिन पुलिसिया अनुसंधान कछुए की गति से भी नहीं बढ़ रही है. यानी एक साल में एक कदम भी मुंगेर पुलिस इस हत्याकांड में आगे नहीं बढ़ा पायी है. न तो अपराधियों का शिनाख्त हुआ और न ही कारणों का कुछ पता चल पाया. अब तक मृतक की आत्मा अपने हत्यारों को सजा दिलाने के लिए भटक रही है. जबकि परिजनों की आंखें न्याय पाने की आस में पथरा गयी है. परिजन और ग्रामीण आज भी यह जानने का इंतजार कर रहा है कि आखिर किसने रामप्रवेश की हत्या की और क्यों की.
आने वाले समय में दफन हो जायेगा रामप्रवेश हत्याकांडमुंगेर पुलिस की फाइलों में साल दर साल कई हत्याकांड दफन हो चुका है. जिसकी गुत्थी आज तक नहीं सुलझी और वह अनसुलझी पहले बन कर रह गयी. अक्तूबर 2019 को अपराधियों ने विजयादशमी पर्व की रात शादीपुर तिलक मैदान निवासी गुड़ व्यवसायी गौरव कुमार उर्फ पिंटू की धारदार हथियार से हमला कर मौत के घाट उतार दिया था. तत्कालीन डीआइजी मनु महाराज व एसपी ने खूब प्रयास किया. एसआईटी गठन किया. लेकिन धीरे-धीरे यह हत्याकांड भी पुलिस फाइलों में दफन हो गया. अन्य हत्याकांडों की तरह रामप्रवेश हत्याकांड भी पुलिस फाइलों में दफन हो जायेगा.
कहते हैं पुलिस अधीक्षकपुलिस अधीक्षक सैयद इमरान मसूद ने बताया कि इस हत्याकांड के अनुसंधानकर्ता पुलिस पदाधिकारी को बुला कर उनसे अब तक की किये गये अनुसंधान की पूरी जानकारी हासिल करेंगे. क्या कारण है कि अब तक अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं हुई इसकी समीक्षा करेंगे. किसी भी कीमत पर हत्यारों को बख्सा नहीं जायेगा.
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