Bihar News: मुंगेर सदर अस्पताल में शुक्रवार को महिला वार्ड में जो नजारा देखने को मिला. उसने मुंगेर सदर अस्पताल में सरकार के करोड़ों खर्च के बाद बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी है. महिला वार्ड में बेड नहीं मिलने के कारण लगभग आधा घंटा से अधिक समय तक एक बेटा अपनी बुढ़ी मां को गोद में लिये टहलता रहा, जिसे बाद में उसे फर्श पर ही घर से लाया चादर बिछाकर लेटा दिया.
बेड नहीं मिला तो फर्श पर लिटाया
दरअसल हलीमपुर निवासी स्व. सिंधेश्वर मंडल की 85 वर्षीय पत्नी कलावती देवी अपने घर में गिर गयी थी. जिसे उसका पुत्र राजेश कुमार इलाज कराने सदर अस्पताल लेकर आया था. जहां प्राथमिक उपचार के बाद दोपहर 12 बजे चिकित्सक द्वारा महिला वार्ड में भर्ती होने के लिये भेज दिया गया. लेकिन वार्ड में बेड नहीं होने के कारण राजेश लगभग 12.30 बजे तक अपनी बुढ़ी मां कलावती देवी को गोद में लेकर ही बेड के लिये इधर से उधर टहलता रहा. लेकिन आधे घंटे बाद भी बेड नहीं मिलने के कारण उसने थककर अपनी बुढ़ी मां को घर से लाये चादर को फर्श पर बिछाकर ही लिटा दिया.
इतना ही नहीं, फर्श पर भी काफी देर लेटने के बाद परिचारिकाओं द्वारा वार्ड में बेड खाली कराया गया. जिसके बाद कलावती देवी को बेड मिला. अब ऐसे में सदर अस्पताल में मरीजों को मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं का अंदाजा सहज रूप से लगाया जा सकता है.
डिस्चार्ज मरीजों से बेड खाली कराने में स्वास्थ्यकर्मी बरतते हैं लापरवाही
सदर अस्पताल के महिला वार्ड में वर्तमान में 21 बेड हैं. शुक्रवार को चिकित्सक के राउंड के बाद ही लगभग 5 मरीजों को डिस्चार्ज भी कर दिया गया था. बावजूद परिचारिकाओं द्वारा डिस्चार्ज मरीजों से बेड खाली नहीं कराया गया. ऐसा हाल केवल शुक्रवार को ही देखने को नहीं मिला, बल्कि आये दिन डिस्चार्ज मरीजों से बेड खाली कराने के प्रति परिचारिकाओं की लापरवाही मरीजों के लिये बेड मिलने की मुसीबत खड़ी कर देती है. जो आज कलावती देवी के साथ हुआ.
कहते हैं अस्पताल उपाधीक्षक
अस्पताल उपाधीक्षक डॉ रमन कुमार ने बताया कि महिला वार्ड में शुक्रवार को केवल एक परिचारिका नीतू कुमारी थी. जिसके कारण परेशानी हुयी. हलांकि निर्देश दिया गया है कि जिन मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया गया है. उनसे बेड खाली करा दिया जाये, ताकि नये भर्ती मरीजों को बेड मिल सके.