मुंगेर विश्वविद्यालय : पीजी व स्नातक के विद्यार्थियों का शैक्षणिक प्रमाण पत्र डिजी लॉकर पर डालने की तैयारी

अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट के जरिये सीबीसीएस के विद्यार्थियों को एमयू देगा कई लाभ

By Prabhat Khabar News Desk | June 1, 2024 6:18 PM

अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट के जरिये सीबीसीएस के विद्यार्थियों को एमयू देगा कई लाभ, एमयू के विद्यार्थी ऑनलाइन घर बैठे प्राप्त कर पायेंगे शैक्षणिक प्रमाण पत्र

प्रतिनिधि, मुंगेर. यूजीसी के गाइडलाइन के अनुसार मुंगेर विश्वविद्यालय द्वारा अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (एबीसी) के जरिये अपने सीबीसीएस स्नातक सत्र के विद्यार्थियों को कई सुविधा देने की तैयारी कर रहा है, जबकि इस सुविधा के तहत एमयू अपने पीजी व स्नातक के पूर्व सत्रों के विद्यार्थियों को भी डिजी लॉकर की मदद से घर बैठे ऑनलाइन शैक्षणिक प्रमाण पत्र प्राप्त करने की सुविधा देगा. जिससे न केवल विद्यार्थियों को अपने शैक्षणिक प्रमाण पत्र के लिये बार-बार विश्वविद्यालय का चक्कर काटने से राहत मिलेगी, बल्कि डिजी लॉकर पर विद्यार्थी भविष्य में भी अपने शैक्षणिक प्रमाण पत्र को अपने फोन से भी डाउनलोड कर पायेंगे. इसके लिये विश्वविद्यालय द्वारा सभी कॉलेजों, पीजी विभागाध्यक्षों एवं बीएड कॉलेजों को पत्र भेजा गया है. इसमें अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट से जुड़ी जानकारी दी गयी है. साथ ही विद्यार्थियों का डिजी लॉकर अकाउंट कैसे बनाना है. इसकी विस्तृत जानकारी दी गयी है.

सीबीसीएस के विद्यार्थियों को दूसरे जगह जाने पर मिलेगी इसकी सुविधा

एमयू के नामांकन समिति पदाधिकारी सह डीएसडब्लू डॉ भवेशचंद्र पांडेय ने बताया कि सीबीसीएस के तहत स्नातक के सत्रों में विद्यार्थियों को चार साल के कोर्स के दौरान किसी भी समय लैट्रल एग्जिट अर्थात दूसरे कॉलेजों में जाने या सत्र छोड़ने की सुविधा दी गयी है. जिसमें विश्वविद्यालय के अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट विद्यार्थियों को कई सुविधाएं प्रदान करेगा. उन्होंने बताया कि सीबीसीएस स्नातक के दो सेमेस्टर अर्थात दो क्रेडिट पूर्ण करने के बाद यदि कोई विद्यार्थी दूसरे विश्वविद्यालय या कॉलेज में जाना चाहते हैं तो उनके दो क्रेडिट यानि दो सेमेस्टर की पढ़ाई को अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट पर अपलोड कर दिया जायेगा. इससे विद्यार्थी यदि दूसरे सेमेस्टर के बाद किसी अन्य कॉलेज या विश्वविद्यालय में जाते हैं तो उन्हें दो सेमेस्टर या दो क्रेडिट (जो एमयू में पूर्ण की गयी है) उसे नहीं करना होगा. इसके जरिये दूसरे कॉलेज या विश्वविद्यालय में विद्यार्थी सीधे तीसरे क्रेडिट या तीसरे सेमेस्टर से अपनी पढ़ाई कर पायेंगे. जबकि इस अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट पर विद्यार्थियों के दो क्रेडिट का डाटा होगा. जो विद्यार्थी डिजी लॉकर की मदद से अपने मोबाइल फोन पर ही डाउनलोड कर पायेंगे.

विद्यार्थियों को डिजी लॉकर पर बनाना होगा अपना अकाउंट

डीएसडब्लू ने बताया कि इसके लिये विद्यार्थियों को डिजी लॉकर पर अपना अकाउंट बनाना होगा. इसके लिये विद्यार्थी मोबाइल नंबर और आधार नंबर के जरिये अपना अकाउंट बना सकते हैं. इसमें विद्यार्थियों को दस्तावेज खोजें पर जाकर शिक्षा अनुभाग पर जाना होगा. जहां एबीसी (अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट) पर विद्यार्थियों को अपना जन्म तिथि, लिंग, रोल नंबर, प्रवेश वर्ष संस्थान का नाम सहित अन्य विवरण भरना होगा. इसके बाद विद्यार्थियों को एक एबीसी आईडी मिलेगी. जिसके जरिये विद्यार्थी अपना प्रमाण पत्र डाउनलोड या देख पायेंगे. उन्होंने बताया कि इसके लिये सभी कॉलेजों, विभागाध्यक्षों व बीएड कॉलेजों को अनिवार्य रूप से विद्यार्थियों का डिजी लॉकर अकाउंट बनाने का निर्देश दिया गया है.

पूर्व के विद्यार्थियों को भी मिलेगा डिजी लॉकर का लाभ

मुंगेर. डीएसडब्लू डॉ भवेशचंद्र पांडेय ने बताया कि डिजी लॉकर का लाभ वर्तमान में संचालित स्नातक व प पीजी के विद्यार्थियों सहित पूर्व के विद्यार्थियों को भी मिलेगी. उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट पोर्टल पर एमयू के साल 2018 से लेकर अबतक के सभी सत्रों का शैक्षणिक प्रमाण पत्र अपडेट किया जायेगा. हालांकि, तीन वर्षीय स्नातक कोर्स व पीजी कोर्स के विद्यार्थियों को एबीसी पर केवल फाइल अंक पत्र, प्रमाण पत्र ही मिलेगा.

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