मुंगेर. सदर अस्पताल स्थित एसएनसीयू वार्ड में लगातार हो रहे नवजात की मौत और लामा के बढ़ते मामले को लेकर शुक्रवार को फैब्रिकेटेड अस्पताल में सिविल सर्जन ने बैठक की. जहां एसएनसीयू वार्ड के नोडल पदाधिकारी, वार्ड इंचार्ज और स्टाफ नर्स शामिल हुए. इस दौरान जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम फैजान आलम अशरफी और अस्पताल प्रबंधक तौसिफ हसनैन भी मौजूद थे. एसएनसीयू की समीक्षा के दौरान नवजात का डेथ और लामा का रेट पांच प्रतिशत रहने पर चिंता जताते हुए इसे कम करने के लिए सामूहिक प्रयास करने का निर्देश सिविल सर्जन ने दिया. सात बेड वाले एसएनसीयू वार्ड में बेड ऑक्यूपेसी रेट 80 रहने पर इसे बढ़ाकर शत प्रतिशत करने का निर्देश दिया गया. इसके लिए सभी पीएचसी प्रभारी को निर्देशित किया गया कि पीएचसी में जन्म लेने वाले हाई रिस्क वाले या कमजोर नवजात को ऑक्सीजन सपोर्ट एम्बुलेंस के साथ रेफर कर एसएनसीयू वार्ड भेजें. सभी प्रभारी को निर्देशित किया गया कि डिलेवरी का डाटा लेकर एचआरपी वाले बच्चों को एसएनसीयू वार्ड भिजवाएं. इसके लिए प्रत्येक सप्ताह पीएचसी प्रभारी, एसएनसीयू वार्ड के नोडल और अस्पताल उपाधीक्षक के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग कर इसकी समीक्षा की करे. वहीं लामा के मामलों को कम करने के संबंध में सभी स्टाफ नर्स को वार्ड की मॉनिटरिंग करने और अभिभावकों को गुणवत्तापूर्ण उपचार का यकीन दिलाने का निर्देश दिया. मौके पर डा.शशांक शेखर, डा.रामकृष्ण भारद्वाज, डा.पंकज सागर, इंचार्ज प्रमिला कुमारी आदि मौजूद थी.
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