सीनेट से अनुमोदन न होने के कारण सरकार से नहीं मिल पायेगी संबद्धता सत्र 2024-28 के दो संबद्ध कॉलेज डॉ अरविंद कुमार कॉलेज, जमुई तथा एसजीके कॉलेज, महेशखूंट में भी नहीं हो पाया नामांकन मुंगेर छठे सीनेट बैठक को लेकर मुंगेर विश्वविद्यालय का लापरवाही भरा अंदाज अब एमयू के पुराने संबद्ध कॉलेज तथा विश्वविद्यालय से नये संबद्धता के लिए आवेदन करने वाले कई कॉलेजों के लिए परेशानी को बढ़ा दिया है, क्योंकि सीनेट बैठक से अनुमोदन प्राप्त नहीं होने के कारण अब सरकार से इन कॉलेजों को संबद्धता नहीं मिल पायेगी. इतना ही नहीं सीनेट बैठक के प्रति एमयू की लापरवाही के कारण ही इस साल सत्र 2024-28 के लिए एमयू के दो पुराने संबद्ध कॉलेजों में नामांकन नहीं हो पाया. जबकि अब एमयू के पास दोबारा कुल संबद्ध कॉलेजों की संख्या 15 ही रह गयी है. जबकि पिछले सत्र तक एमयू के पास कुल संबद्ध कॉलेजों की संख्या 17 थी. बता दें कि अप्रैल माह में ही सरकार द्वारा नये और पुराने संबद्धता के लिए संबद्ध कॉलेजों से आवेदन मांगा गया था. जिसमें एमयू से संबद्धता के लिए कुल 6 कॉलेजों द्वारा आवेदन किया गया था. इसमें जहां एमयू के पूर्व के दो संबद्ध कॉलेजों द्वारा आवेदन किया गया. वहीं 4 कॉलेजों द्वारा नये संबद्धता को लेकर आवेदन किया गया था. लेकिन अब सरकार द्वारा कहा गया है कि वैसे कॉलेज, जिनके संबद्धता को उनके संबद्धन देने वाले विश्वविद्यालय के सीनेट से अनुमोदन प्राप्त नहीं है. वैसे कॉलेजों के संबद्धता के आवेदन को अस्वीकृत कर दिया गया है. इन कॉलेजों द्वारा संबद्धता को लेकर किया गया था आवेदन एमयू से संबद्धता के लिए जहां पूर्व के दो संबद्ध कॉलेज डॉ अरविंद कुमार कॉलेज, विशनपुर, जमुई द्वारा साइंस, आर्ट्स एवं कॉमर्स संकायों के लिए आवेदन किया गया था. वहीं शारदा गिरधारी केशरी कॉलेज, महेशखूंट द्वारा कला संकाय के लिए आवेदन किया गया था. इसके अतिरिक्त साईं ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन द्वारा साइंस, आर्ट्स एवं कॉमर्स, आरलाल कॉलेज, लखीसराय द्वारा कला के आईआरपीएम, प्राचीन इतिहास, होम साइंस तथा संगीत विषय में नये संबद्धन के लिए आवेदन किया गया था. जबकि नये संबद्धन को लेकर हरि विष्णु ओमशेखर कॉलेज, सूर्यगढ़ा और राजमणी कॉलेज, गिद्धौर द्वारा कला संकाय के लिए आवेदन किया गया था. कहते हैं डीएसडब्लू एमयू के डीएसडब्लू डॉ भवेशचंद्र पांडेय ने बताया कि संबद्धन नहीं मिलने के कारण इस वर्ष दो संबद्ध कॉलेजों में नामांकन नहीं हो पाया है. जबकि नये संबद्धता के लिए आवेदन करने वाले कॉलेजों को भी अबतक संबद्धन नहीं मिल पाया है.
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