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रात में यात्रियों की सुरक्षा पर प्रश्नचिह्न, पुलिस सहायता केंद्र की बुनियाद भी गायब

पुलिस सहायता केंद्र की बुनियाद भी गायब

प्रतिनिधि, मुंगेर. मुंगेर व जमालपुर शहर में राहगीरों व यात्रियों की सुरक्षा को लेकर 22 जुलाई 2019 को तीन स्थानों पर पूरे ताम-झाम के साथ तत्कालीन डीआइजी मनु महाराज ने पुलिस सहायता बूथ खोला था. उसका वर्तमान समय में कहीं अवशेष दिख रहा है तो कहीं फाउंडेशन तक गायब हो चुके हैं. मुंगेर पुलिस की महत्वाकांक्षी पुलिस सहायता बूथ की योजना फेल हो गयी. इससे मुंगेर और जमालपुर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की परेशानी काफी बढ़ गयी है. 2019 में तत्कालीन डीआइजी ने किया था उद्घाटन पुलिस सहायता केंद्र खोलने की योजना तत्कालीन डीआइजी मनु महाराज की थी. ताकि ट्रेन से उतरने वाले यात्रियों व रात में चलने वाले राहगीरों को सुरक्षा व सहायता प्रदान की जा सके. उनकी अगुवाई में 22 जुलाई 2019 को मुंगेर रेलवे स्टेशन के बाहर मंदिर के समीप एवं जमालपुर रेलवे स्टेशन के प्रवेश द्वारा के समीप पुलिस सहायता बूथ खोला गया. पुलिस सहायता केंद्र पोर्टेबल बनाया गया था. इसमें तीन पुलिस बलों को तैनात किया गया था. जबकि पुलिस सहायता केंद्र पर मुंगेर जिले के सभी पुलिस पदाधिकारी, नजदीकी थाना का नंबर, नाम के साथ अंकित किया गया. वहां पर तैनात पुलिसकर्मी शिकायत करने वालों को उचित सहायता प्रदान करते थे. पुलिस सहायता बूथ का क्या था उद्देश्य पुलिस सहायता बूथ खोलने के पीछे का मुख्य उद्देश्य रात और अहले सुबह राहगीरों व यात्रियों को सुरक्षा प्रदान करना था. क्योंकि उस समय मुंगेर और जमालपुर रेलवे स्टेशन पर रात और अहले सुबह उतरने वाले यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था. ऑटो चालकों की मनमानी चलती थी. जबकि अनजान यात्री हमेशा रास्ते की जानकारी और उचित सवारी के लिए परेशान रहते थे. ऐसे में पुलिस सहायता संपर्क केंद्र पर तैनात पुलिस कर्मी उनको उचित सुरक्षित यात्रा में सहयोग प्रदान करते थे. पुलिस सहायता केंद्र में पुलिस पदाधिकारी एवं अन्य पदाधिकारियों के साथ ही पुलिस अधिकारियों का सहायता संपर्क केंद्र पर नंबर भी अंकित किया गया था. ताकि जरूरत पड़ने पर यात्री अपनी सुविधा अनुसार इसका उपयोग कर सकें. लेकिन आज यह योजना पूरी तरह से ठप पड़ गयी है. कहीं दिख रहा अवशेष, तो कहीं फाउंडेशन तक का पता नहीं मुंगेर रेलवे स्टेशन के बाहर पुलिस विभाग की ओर से पुलिस सहायता केंद्र खोला गया था. उसका अवशेष आज भी दिखायी पड़ता है. जबकि जमालपुर रेलवे स्टेशन के बाहर खुले सहायता केंद्र का अवशेष तक नहीं है. एक सहायता केंद्र मुफस्सिल थाना क्षेत्र के नंदलालपुर स्थित आइटीसी दुूध फैक्टरी के समीप खोला गया था. दूध फैक्टरी के सामने सड़क किनारे आइटीसी ने एक कमरा बना कर पुलिस विभाग को सौंप दिया. लेकिन आज उसके फाउंडेशन तक का पता नहीं है. कहते हैं पुलिस अधीक्षक पुलिस सहायता केंद्र कहां खोला गया था और कैसे खुला था, इसकी जानकारी मुझे नहीं है. जानकारी हासिल कर ही कुछ कहा जा सकता है. सैयद इमरान मसूद, पुलिस अधीक्षक

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