रेलवे बोर्ड ने मांगा अवैध कब्जा व किराये पर लगे रेलवे क्वार्टरों का लेखा-जोखा

जमालपुर : रेलवे कॉलोनियों के क्वार्टर पर अवैध कब्जा कोई नई बात नहीं है. परंतु कई रेलवे क्वार्टर ऐसे हैं जिसे अपने नाम आवंटित करा लेने के बाद रेलकर्मी किसी गैर को किराया पर दे रखा है. इन मामलों को लेकर रेलवे बोर्ड ने कड़ा रुख अख्तियार किया है. इस संदर्भ में रेलवे बोर्ड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर इस्टैब्लिशमेंट (आईआर) दीपक पीटर गैबरियल ने ऐसे रेलवे आवासों का डाटा उन्हें अविलंब उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 30, 2020 9:36 AM

जमालपुर : रेलवे कॉलोनियों के क्वार्टर पर अवैध कब्जा कोई नई बात नहीं है. परंतु कई रेलवे क्वार्टर ऐसे हैं जिसे अपने नाम आवंटित करा लेने के बाद रेलकर्मी किसी गैर को किराया पर दे रखा है. इन मामलों को लेकर रेलवे बोर्ड ने कड़ा रुख अख्तियार किया है. इस संदर्भ में रेलवे बोर्ड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर इस्टैब्लिशमेंट (आईआर) दीपक पीटर गैबरियल ने ऐसे रेलवे आवासों का डाटा उन्हें अविलंब उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. उन्होंने यह भी कहा है कि इस संबंध में 8 जनवरी 2020 को बोर्ड द्वारा तमाम डीआरएम को वैसे रेलवे कर्मचारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया था. जिन्होंने अपना रेलवे क्वार्टर को किसी अन्य व्यक्ति को किराए पर दे रखा है और खुद रेलवे क्वार्टर में नहीं रह रहे हैं.

रेल नगरी जमालपुर में रेल कारखाना और ओपन लाइन में काम करने वाले रेल कर्मियों के लिए हजारों रेलवे क्वार्टर हैं. जिसे आधा दर्जन रेलवे कॉलोनियों में बांटा गया है. इनमें ईस्ट कॉलोनी, रामपुर कॉलोनी, दौलतपुर कॉलोनी, लोको कॉलोनी, न्यू अमझर कॉलोनी और मुंगेर रोड कॉलोनी शामिल है. बताया जाता है कि इन कॉलोनियों के कई दर्जन रेलवे क्वार्टर पर या तो अवैध लोगों ने कब्जा जमा रखा है अथवा खुद रेलकर्मी अपने नाम से रेलवे क्वार्टर आवंटित करवाकर उसे किराया पर किसी अन्य को दे रखा है. इतना ही नहीं रेलवे के सीनियर अधिकारियों के आवास के रूप में जाने जाने वाला ईस्ट कॉलोनी के कई आउटहाउस पर भी अवैध कब्जा बना हुआ है. जिसके विरुद्ध मुंह खोलने में वरीय अधिकारी भी सक्षम नहीं हो पा रहे हैं.

सूत्र बताते हैं कि इसके अतिरिक्त भी मार्गरेट रोड, गोल्फ रोड, कैंप रोड, क्लब रोड, ऑडिट रोड और स्टेडियम रोड के क्वार्टरों पर भी अवैध कब्जा बना हुआ है. हालांकि रेलवे सुरक्षा बल का दावा है कि ईस्ट कॉलोनी के इन विभिन्न रोडों पर स्थित रेलवे क्वार्टरों पर से कब्जा हटा लिया गया है. परंतु जानकार बताते हैं कि रेलवे सुरक्षा बल द्वारा चलाया गया यह अभियान महज कागजी खानापूर्ति है. खुद रेलवे सुरक्षा बल का कहना है कि इस वर्ष के आरंभ में जमालपुर के लगभग 150 से अधिक रेलवे क्वार्टरों पर अवैध कब्जा धारी ने कब्जा जमा रखा था. जिनमें से दर्जनों क्वार्टर को खाली करा लिया गया है और उसे आइओडब्लू को सौंप दिया गया है.

जमालपुर में किस रेलकर्मी को कौन सा रेलवे क्वार्टर आवंटित होगा, इसकी जिम्मेवारी रेलवे के आवास आवंटन समिति की होती है. इस समिति में प्रशासनिक अधिकारी कैटेगरी के चेयरमैन और सेक्रेटरी होते हैं. जिनमें चेयरमैन जूनियर एडमिनिस्ट्रेटिव ग्रेड के अधिकारी होते हैं जबकि सेक्रेटरी जूनियर स्केल के अधिकारी होते हैं. इसके अतिरिक्त सदस्य के रूप में मान्यता प्राप्त यूनियन और एसोसिएशन के प्रतिनिधि भी शामिल होते हैं. वर्तमान में जमालपुर में मान्यता प्राप्त यूनियनों में ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन और ईस्टर्न रेलवे मेंस कांग्रेस के अतिरिक्त ऑल इंडिया एससी एसटी रेलवे इंप्लाइज एसोसिएशन और ओबीसी एसोसिएशन शामिल है.

रेलवे सुरक्षा बल के इंस्पेक्टर चुनमुन कुमार ने बताया कि जनवरी महीने में यहां के विभिन्न कॉलोनी के 110 रेलवे क्वार्टर पर अवैध कब्जा बना हुआ था. जनवरी महीने में रेलवे सुरक्षा बल और रेल अधिकारियों की टीम द्वारा कार्रवाई की गई जिनमें से 5 दर्जन से अधिक रेलवे क्वार्टर पर से अवैध कब्जा हटाकर उसे सक्षम अधिकारी को सुपुर्द कर दिया गया. जबकि अभी भी लगभग चार दर्जन रेलवे क्वार्टर पर अवैध कब्जा बना हुआ है. इस सिलसिले में रामपुर कॉलोनी के तीन कब्जा धारियों को नोटिस किया गया है. कोविड-19 के कारण अभियान चलाने में परेशानी हो रही है.

posted by ashish jha

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