मस्तिष्क को प्रज्ञावान बनाने के लिए नियमित ध्यान साधना जरूरी
नगर के गायत्री शक्तिपीठ में रविवार को वेदमूर्ति पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य के आध्यात्मिक जन्मदिवस पर गायत्री मंत्र जाप एवं हवन यज्ञ का आयोजन किया गया.
वेदमूर्ति पंडित श्रीराम के आध्यात्मिक जन्मदिवस पर गायत्री मंत्र जाप व हवन यज्ञ का आयोजन
हवेली खड़गपुर. नगर के गायत्री शक्तिपीठ में रविवार को वेदमूर्ति पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य के आध्यात्मिक जन्मदिवस पर गायत्री मंत्र जाप एवं हवन यज्ञ का आयोजन किया गया. वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच आदित्य कुमार ने देव पूजन किया. बिंदाचरण सिंह ने कहा कि परम पूज्य गुरुदेव को बसंत पंचमी के दिन 1926 में आध्यात्मिक जीवन का दर्शन मिला. 1926 से अखंड दीपक आजतक लगातार शांतिकुंज हरिद्वार में प्रज्जवलित है. उन्होंने कहा कि अखंड दीपक के 100 वर्ष पूरा होने पर पूरे देश में विशेष कार्यक्रम का आयोजन होने जा रहा है. उन्होंने अपनी चेतना से 3500 से अधिक जीवन उपयोगी पुस्तक की रचना की जो समाज के हर वर्ग के लिए सार्थक साबित हुआ. प्रखंड प्रतिनिधि संजीव कुमार ने कहा कि मनुष्य का मस्तिष्क अनमोल है. मस्तिष्क समस्त मानव के संपूर्ण शरीर का प्रज्ञावान केंद्र है. मस्तिष्क को प्रज्ञावान बनाने के लिए नियमित ध्यान, साधना, आराधना एवं स्वाध्याय आवश्यक है. इस पुनीत दिवस पर निःशुल्क पुष्पन संस्कार कराया गया. मौके पर किरण सिन्हा, पूनम देवी, नेहा कुमारी, मीतू कुमारी, स्मिता देवी, माला देवी, ललन कुमार, अनुपम कुमार, सुनील कुमार साह, सुधीर चंद्र साहा, आशुतोष शर्मा, पूजा केसरी, सीमा केसरी समेत गायत्री परिवार के सदस्य मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है