एक दिन में ही दम तोड़ दिया अतिक्रमण हटाओ अभियान, मुख्य सड़क पर ठेला वालों का कब्जा

मुंगेर शहर को अतिक्रमण मुक्त करने को लेकर एक ओर जहां लगातार चलने वाला अभियान एक दिन में ही दम तोड़ दिया. वहीं इसे लेकर निगम कार्यालय से पत्रों के निकलने का सिलसिला जारी है

By Prabhat Khabar News Desk | August 30, 2024 10:20 PM

प्रतिनिधि, मुंगेर. मुंगेर शहर को अतिक्रमण मुक्त करने को लेकर एक ओर जहां लगातार चलने वाला अभियान एक दिन में ही दम तोड़ दिया. वहीं इसे लेकर निगम कार्यालय से पत्रों के निकलने का सिलसिला जारी है, लेकिन मुंगेर बाजार का मुख्य सड़क अतिक्रमणमुक्त नहीं हो पा रहा है. शहर के पटेल चौक एक नंबर ट्रैफिक से लेकर गांधी चौक तक मुख्य सड़क पर ठेला का साम्राज्य कायम है और फुटपाथ पर भी अवैध कब्जा है. इसे हटाने के लिए सिर्फ राजनीतिक खेल चल रहा है.

अतिक्रमण मुक्त करने को लेकर मेयर ने लिखा पत्र

मेयर कुमकुम देवी ने गुरुवार को नगर आयुक्त को एक पत्र लिखा है. जिसमें कहा गया है कि निगम क्षेत्र के बाजारों में ठेला लगाये जाने के कारण आमजनों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. ठेला लगाये जाने से बाजारों में अतिक्रमण की समस्या उत्पन्न हो रही. इसलिए नगर निगम क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए सभी पदाधिकारियों व कर्मी को निर्देश दिया जाये, लेकिन 24 घंटे बाद भी मेयर का यह पत्र बेअसर साबित हो रहा है. अतिक्रमणकारी टस से मस नहीं हो रहे.

एक दिन में ही दम तोड़ दिया अतिक्रमण मुक्ति अभियान

नगर आयुक्त निखिल धनराज के आदेश पर 27 अगस्त को शहर में अतिक्रमण मुक्त करने के लिए अभियान चलाया गया. इसके लिए निगम के 8 पदाधिकारी व कर्मी का एक टीम भी गठित की गयी थी. जिसे अतिक्रमण हटाने की जबावदेही सौंपी गयी, लेकिन यह अभियान एक दिन में ही दम तोड़ दिया. वहीं 28 अगस्त को मेयर द्वारा शहर के विभिन्न संगठनों की बैठक में भी कोई निष्कर्ष निकला और न ही उसके बाद अतिक्रमण हटाओ अभियान चल रहा है. यानी एक दिन में ही नगर निगम का अतिक्रमण मुक्ति अभियान ने दम तोड़ दिया.

सड़क व फुटपाथ से नहीं हटे अतिक्रमणकारी

हाइवोल्टेज ड्रामा के बीच शहर अतिक्रमण मुक्ति अभियान ने पहले ही दिन 27 अगस्त को दम तोड़ दिया था. एक तरह से अभियान चलता गया और दूसरी तरफ से दुकानें सजती गयी. सड़क पर से न तो ठेला वाले हटे और न ही फुटपाथ को फुटपाथी सब्जी व अन्य विक्रेताओं ने छोड़ा. यानी शहर से अतिक्रमण ठस से मस नहीं हुआ और आज भी सड़कों व फुटपाथों पर अतिक्रमण जस की तस बनी हुई है.

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