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कांडों के अनुसंधान की गति धीमी, मुंगेर रेंज में लंबित हैं 7980 मामले, पीड़ित पक्ष को नहीं मिल पा रहा न्याय

कई ऐसे भी कांड, पांच-पांच वर्षों में अनुसंधान नहीं हो सका है पूरा

मुंगेर. लंबे समय से न्याय की आस लिये हजारों फरियादी थाने-पुलिस का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन मामले के अनुसंधानकर्ता कांड निष्पादन में रुचि ही नहीं ले रहे. वरीय पुलिस अधिकारियों के निर्देश के बावजूद अनुसंधानकर्ता केस की फाइलों पर कुंडली मारकर बैठे हैं. मुंगेर रेंज में पड़ने वाले चार जिलों में अनुसंधानकर्ता पुलिस पदाधिकारियों की लापरवाही के कारण 7980 कांड निष्पादन के लिए लंबित पड़े हैं. इसके कारण पीड़ित पक्ष न्याय के लिए भटक रहे हैं. इसमें सर्वाधिक मामले जमुई जिले में 3474 व दूसरे नंबर पर मुंगेर जिले में 2084 मामले लंबित हैं.

7980 आपराधिक कांडों का अनुसंधान लंबित

एक ओर जहां लंबित आपराधिक कांडों को शून्य करने के लिए सरकार और पुलिस मुख्यालय से लगातार जिलों के एसपी को कांडों के निष्पादन में तेजी लाने का निर्देश मिल रहा है. वहीं मुंगेर रेंज में कांडों के निष्पादन में अनुसंधानकर्ता पुलिस पदाधिकारी दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं. इसके कारण हर दिन लंबित कांडों की संख्या बढ़ती जा रही है. मुंगेर रेंज में चार जिले मुंगेर, जमुई, लखीसराय व शेखपुरा हैं. इन चारों जिलों के थानों में 7980 कांड वर्षों से लंबित पड़े हुए हैं. इसमें 4056 कांड विशेष कांड की श्रेणी वाले हैं. जबकि 3924 कांड अविशेष कांड की श्रेणी में शामिल है.

क्यों बढ़ती जा रही है थानों में लंबित मामलों की संख्या

पुलिस विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मुंगेर रेंज में दिन-प्रतिदिन लंबित कांडों की संख्या बढ़ती जा रही है. इसके कई कारण सामने आये हैं. कहीं अनुसंधानकर्ता पुलिस पदाधिकारियों की कमी है तो कहीं अनुसंधानकर्ता कांडों के अनुसंधान में दिलचस्पी नहीं लेकर उस पर कुंडली मारकर उस पर बैठे हुए हैं. इतना ही नहीं जिले से स्थानांतरण होने के बाद कई-कई वर्षों से आईओं ने दूसरे को चार्ज तक नहीं दिया. मुंगेर रेंज में जो 7980 कांड लंबित हैं, उसमें 10 वर्ष पुराने मामले, पांच वर्ष पुराने मामले और 3 वर्ष पुराने मामले शामिल हैं.

अनुसंधान के चक्कर में पीड़ितों को नहीं मिल रहा न्याय

अनुसंधानकर्ता पुलिस पदाधिकारी के लापरवाही का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है. क्योंकि मुंगेर में लंबित कांडों की मोटरी लगातार मोटी होती जा रही है. पदाधिकारियों की इस लापरवाही की वजह से पीड़ित लोगों को न्याय भी नहीं मिल पा रहा है. न्याय पाने के लिए पीड़ितों की आंखें पथरा गयी हैं. बताया जाता है कि लंबित कांडों को दो श्रेणी में विभक्त किया गया. विशेष कांड की श्रेणी में हत्या, लूट, दुष्कर्म, पॉक्सों एक्ट सहित अन्य तरह की बड़े अपराधाें को रखा गया है. जबकि अविशेष कांडों की श्रेणी में चोरी, गृह भेदन, मारपीट समेत अन्य तरह के कांड शामिल हैं.

नये मुख्य सचिव ने लंबित कांडों के निष्पादन पर दिया जोर

अमृत लाल मीणा राज्य के नये मुख्य सचिव नियुक्त किये गये हैं. पदभार ग्रहण करने के बाद गुरुवार को मुख्य सचिव ने मुख्य सचिवालय में आला अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विधि व्यवस्था और अपराध नियंत्रण को लेकर विस्तार से चर्चा की. इसमें उन्होंने अनुसंधान के लिए लंबित कांडों के निष्पादन में तेजी लाने का आदेश दिया है.

कहते हैं डीआइजी

मुंगेर रेंज के डीआइजी संजय कुमार ने कहा कि मुंगेर रेंज के पुलिस थानों में 7980 कांड लंबित हैं. कांडों का तेजी से निष्पादन करने को कहा गया है. इसको लेकर मुंगेर, जमुई, लखीसराय व शेखपुरा के एसपी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये हैं. उन्हें यह भी निर्देश दिया गया कि जिनका स्थानांतरण हो चुका है और अब तक कांडों का प्रभार नहीं दिया है. वेसे जिलों के एसपी से समन्वय स्थापित करें, ताकि छुट्टी लेकर वैसे पुलिस पदाधिकारी कांडों का प्रभार दे सकें.

जिलावार लंबित कांडों की स्थिति

जिला विशेष कांड अविशेष कांड कुल लंबित कांड

मुंगेर 689 1395 2084

जमुई 2109 1365 3474

लखीसराय 934 717 1651

शेखपुरा 324 447 771

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