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अस्पताल में प्रसुता व गर्भवतियों के मौत पर स्वास्थ्य विभाग करेगा विशेष समीक्षा

इलाज के दौरान चिकित्सक के कार्यों की निगरानी भी होगी. साथ ही उनके कार्यों की समीक्षा भी की जायेगी

– तीन स्तरों पर गर्भवति व प्रसुताओं के मौत की होगी समीक्षा

– आशा, एंबुलेंस व चिकित्सक के कार्यों की भी होगी निगरानी

मुंगेर ———————-

जिले के सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवति व प्रसुताओं के मौत मामले की अब स्वास्थ्य विभाग विशेष रूप से समीक्षा करेगा. जिसमें गर्भवतियों तथा प्रसुताओं के मौत मामले पर तीन स्तरों पर समीक्षा होगी. साथ ही आशा, एंबुलेंस तथा चिकित्सक के कार्यों की निगरानी भी होगी. इसके अतिरिक्त प्रत्येक माह सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में संचालित होने वाले एएनसी जांच शिविरों की भी विशेष समीक्षा होगी. इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग अब तैयारी शुरू कर चुका है. साथ ही सिविल सर्जन को पत्र भेजकर इसकी समीक्षा करने का निर्देश दिया गया है.

स्वास्थ्य विभाग तीन स्तरों पर करेंगी समीक्षा

स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रत्येक जिले में सुरक्षित मातृत्व आश्वासन कार्यक्रम चलाया जा रहा है. जिसमें सुरक्षित प्रसव को लेकर सभी सुविधाएं दी जा रही है. इस बीच अब स्वास्थ्य विभाग लगातार सरकारी व निजी स्वास्थ्य केंद्रों में होने वाले गर्भवतियों तथा प्रसुताओं के मौत को लेकर विशेष समीक्षा करेगा. इसके लिये स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयारी आरंभ की गयी है. जिसमें तीन स्तर पर समीक्षा होगी. इसमें जहां प्रत्येक आशा के कार्य सहित गर्भवती व प्रसतुओं को मिलने वाले एंबुलेंस सुविधा तथा इलाज के दौरान चिकित्सक के कार्यों की निगरानी भी होगी. साथ ही उनके कार्यों की समीक्षा भी की जायेगी.

एएनसी जांच शिविर की भी होगी जांच

सरकार द्वारा सुरक्षित प्रसव को लेकर सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में प्रत्येक माह दो बार एएनसी जांच शिविर का आयोजन किया जाता है. जिसमें प्रत्येक माह 9 और 21 तारीख को एएनसी जांच शिविर आयोजित होता है. जिसकी समीक्षा अब विशेष रूप से होगी. इसमें प्रत्येक एएनसी जांच शिविर में आने वाले गर्भवतियों, एचआरपी की गर्भवतियों सहित सिजिरेयन प्रसव वाली महिलाओं पर विशेष ध्यान दिया जायेगा. साथ ही उनके सभी जांच रिर्पोट और इलाज का रिर्पोट विभाग को भेजा जायेगा. जहां इसकी समीक्षा होगी.

कहते हैं सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार सिन्हा ने बताया कि सरकारी स्वास्थ्य संस्थान तथा सदर अस्पताल में सुरक्षित प्रसव की सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं. साथ ही जिले में शिशु-मातृ मृत्यु दर भी कम है. विभाग से पत्र मिलने के बाद विशेष समीक्षा को लेकर तैयारी आरंभ की जायेगी. मुंगेर में गर्भवती व प्रसुताओं की मौत——————————————————

– 3 अक्तूबर 2024 – तारापुर अनुंमडल अस्पताल में बांका जिला के बेलहर थाना क्षेत्र अंतर्गत चौती गांव निवासी राज कुमार यादव की 35 वर्षीय गर्भवती पत्नी रेखा देवी की मौत हो गयी थी. जिसकी मौत अधिक रक्तस्त्राव के कारण हुई थी.

– 2 जून 2024 – तारापुर के एक निजी नर्सिंग होम में टेटियाबंबर निवासी सिकंदर कुमार की गर्भवती पत्नी गुंजन कुमारी की मौत हो गयी थी. जिसमें गर्भवती का एक भी एएनसी जांच नहीं होने का मामला सामने आया था.

– 24 अप्रैल 2024 – दशरथपुर बोरना निवासी मनोहर मांझी की 32 वर्षीय पत्नी उषा देवी की मौत सदर अस्पताल के प्रसव केंद्र में प्रसव के मात्र एक घंटे बाद ही हो गयी. जिसका बच्चा भी मृत था. प्रसुता की मौत ब्लड क्लॉट होने के कारण हो गयी थी. वहीं प्रसव पूर्व प्रसुता का एक भी एएनसी जांच नहीं हुआ था.

– 28 मार्च 2024 – सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में दशरथपुर निवासी मनीष कुमारी की गर्भवती पत्नी सोनम कुमारी की मौत हो गयी थी. जिसे शहर के एक निजी नर्सिंग होम में प्रसव पीड़ा के दौरान शुगर लेवल अधिक होने पर रेफर कर दिया गया था. वहीं गर्भवती का पूरे गर्भधारण के दौरान एक भी एएनसी जांच नहीं हुआ था.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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