धांधली : 80 बोरा चावल में मात्र 30 बोरा चावल ही पहुंचा स्कूल
विद्यालय में महज 30 बोरा चावल ही पहुंचा और शेष 50 बोरा चावल विद्यालय पहुंचा ही नहीं
असरगंज
प्रधानमंत्री पोषण योजना में भरी गड़बड़ी हो रही है. बीआरपी एवं प्रधानाध्यापक के बीच गठजोड़ इतनी मजबूत है कि एसएफसी गोदाम से विद्यालय के लिए जो चावल भेजा जाता है उसका आधा से अधिक हिस्सा विद्यालय पहुंचने से पहले ही व्यापारियों तक पहुंच जाता है और उसका कुछ हिस्सा ही विद्यालय तक पहुंचता है. ऐसा ही मामला गुरुवार को प्रखंड के मध्य विद्यालय मिर्जापुर में सामने आया है.लदौआ मोड़ स्थित राज्य खाद्य निगम के गोदाम से ट्रांसपोर्टर के मुंशी मिथिलेश कुमार 80 बोरा चावल लेकर विद्यालय के लिए निकला था. परंतु विद्यालय में महज 30 बोरा चावल ही पहुंचा और शेष 50 बोरा चावल विद्यालय पहुंचा ही नहीं. जब इसकी जानकारी स्थानीय ग्रामीणों को लगी तो ग्रामीणों ने एसएफसी के ट्रांसपोर्टर के मुंशी पर दबाव बनाया तो मुंशी ने स्वीकार किया कि उसने एमडीएम का चावल बीआरपी के कहने पर विद्यालय में मात्र 30 बोरा चावल पहुंचाया. जबकि 50 बोरा चावल दूसरे स्थान पर छुपा कर रख दिया. सूत्रों की मानें तो शिक्षा विभाग में असरगंज प्रखंड में बीइओ की बेटी ही इस प्रखंड में एमडीएम की बीआरपी है. दोनों मां-बेटी एवं प्रधानाध्यापक की मिलीभगत से एमडीएम के चावल का एक लंबे समय से गोरखधंधा चल रहा है.
कहते हैं एसएफसी के एजीएम
असरगंज एसएफसी के एजीएम सुभाष गौतम ने बताया कि बुधवार को उनके गोदाम से मध्य विद्यालय मिर्जापुर के लिए 80 बोरा चावल भेजा गया था. विद्यालय में तीस बोरा चावल पहुंचा है तो यह ट्रांसपोर्टर के मुंशी एवं शिक्षा विभाग के बीच का मामला है. इसकी सूचना हमलोग को भी मिली है कि विद्यालय में चावल की आपूर्ति में गड़बड़ी की गई है.
B
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है