मुख्यालय को जोड़ने वाली सड़क बनी तालाब, शिकायतों को अनसुना करते हैं अधिकारी

मुंगेर: टेटियाबंबर प्रखंड मुख्यालय जाने वाली सड़क में नाले का निकासी नहीं होने से सड़क जलजमाव में तब्दील हो गया है. इससे ग्रामीणों को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. गांव व शहर में आम आदमी को स्वस्थ व स्वच्छ रखने के लिए केंद्र व राज्य सरकार कई तरह की योजनाएं चला रही है. जिसे धरातल पर शत-प्रतिशत उतारने के लिए अधिकारियों द्वारा इसकी देखरेख की जा रही है. बावजूद कहीं-कहीं संचालित योजनाओं में गड़बड़ी का खामियाजा लोगों को उठाना पड़ रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 22, 2020 11:01 AM

मुंगेर: टेटियाबंबर प्रखंड मुख्यालय जाने वाली सड़क में नाले का निकासी नहीं होने से सड़क जलजमाव में तब्दील हो गया है. इससे ग्रामीणों को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. गांव व शहर में आम आदमी को स्वस्थ व स्वच्छ रखने के लिए केंद्र व राज्य सरकार कई तरह की योजनाएं चला रही है. जिसे धरातल पर शत-प्रतिशत उतारने के लिए अधिकारियों द्वारा इसकी देखरेख की जा रही है. बावजूद कहीं-कहीं संचालित योजनाओं में गड़बड़ी का खामियाजा लोगों को उठाना पड़ रहा है.

गांव के लोगों में आक्रोश

ऐसा मामला प्रखंड क्षेत्र के तुलसीपुर गांव में देखने को मिल रहा है. इस गांव के सड़क पर बीते दो माह से नाले का पानी फैला हुआ है. यह सड़क टेटियाबंबर प्रखंड के गांव होते हुए मुख्यालय को जोड़ती है. जलजमाव के कारण यह सड़क कम नहर की तरह ज्यादा दिखाई दे रहा है. इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. सड़क किनारे चलने पर पैर फिसलने से लोग गंदे पानी में गिर जा रहे हैं. जिसे लेकर उक्त गांव के लोगों में आक्रोश है.

शिकायतों को अनसुना करते हैं अधिकारी

ग्रामीण पुण्यदेव राय, नवल किशोर प्रसाद, रमेश सिंह, श्रीराम सोनकर सहित अन्य लोगों ने बताया कि सड़क का निर्माण पांच वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री सड़क योजना से हुआ है. जिसकी चौड़ाई करीब 12 फीट है. मिट्टी भरने के कारण गांव से निकलने वाले नाले का पानी लगभग पांच सौ फीट सड़क पर फैला हुआ है. जिसे लेकर ग्रामीणों ने पहल की पर किसी ने इस पर अमल नहीं किया. यहां तक कि इसकी सूचना अंचलाधिकारी को दी गई. लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ है. ग्रामीणों ने बताया कि जलजमाव की समस्या की शिकायत अंचलाधिकारी व जिलाधिकारी से की है. लेकिन अभी तक इस समस्या का समाधान नहीं हुआ है. जिसे करीब पांच हजार की आबादी वाला गांव प्रभावित हो रहा है.

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