मुंगेर. हिंदी दिवस के अवसर पर शनिवार को मुंगेर विश्वविद्यालय मुख्यालय और जेआरएस कॉलेज में संचालित विश्वविद्यालय के हिंदी पीजी विभाग में संगोष्ठी का आयोजन किया गया. जहां विश्वविद्यालय के अधिकारियों व शिक्षकों ने हिंदी भाषा पर चर्चा की. जेआरएस कॉलेज, जमालपुर में संचालित विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता हिंदी पीजी विभागाध्यक्ष डॉ. शिव कुमार मंडल ने की. संगोष्ठी का विषय राजभाषा हिन्दी की वर्तमान स्थिति एवं संभावनाएं थी. मुख्य अतिथि एमयू के छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. भवेशचंद्र पांडेय, विशिष्ट अतिथि उर्दू पीजी विभागाध्यक्ष प्रो. शाहिद रजा जमाल, कॉलेज के प्राचार्य प्रो. देवराज सुमन तथा बीआरएम कॉलेज के प्राचार्य प्रो. अजीत कुमार ठाकुर थे. एमए हिन्दी की छात्रा अंकिता कुमारी, सुनंदा कुमारी तथा श्रेया कुमारी ने ””वर दे वीणावादिनी वर दे”” वंदना की प्रस्तुति के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया. जहां मुख्य अतिथि ने विस्तार से हिंदी दिवस पर प्रकाश डाला. साथ ही कहा कि कोई भी भाषा हो, उसकी शुद्धता का ध्यान रखना जरूरी है. आज विद्यार्थी आवेदन पत्र भी शुद्ध लिख नहीं पाते हैं. ऐसे में हिंदी के वाक्य विन्यास को ठीक करना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत के सामासिक संस्कृति को केवल यहां की ही कोई भाषा व्यक्त कर सकती है. उन्होंने सभी भाषाओं के बराबर होने की भी बात कही. विभागाध्यक्ष ने कहा कि हिंदी काफी समृद्ध भाषा है. इस भाषा में विपुल साहित्य उपलब्ध है. सुर, तुलसी, मीरा से लेकर आजतक के साहित्यकारों ने हिन्दी को समृद्ध किया है, किंतु राजभाषा के रूप में हिंदी आज भी पूरी तरह कार्यालय की भाषा नहीं बन सकी है. हम सभी का कर्तव्य है कि हिंदी के विकास में योगदान करें. उर्दू विभागाध्यक्ष ने हिंदी-उर्दू की एकता पर बल देते हुए कहा कि हिंदी में सभी भाषाओं का समावेश है. प्राचार्य ने हिंदी के विकास के लिए अपने कामकाज हिंदी में करने की अपील की. संगोष्ठी में हिंदी विभाग के विद्यार्थियों के साथ-साथ उर्दू और अंग्रेजी विभाग के पीएचडी शोधार्थियों ने भी भाग लिया. कार्यक्रम का संचालन हिंदी विभाग के पूर्व छात्र अभिषेक ने किया. धन्यवाद ज्ञापन हिंदी विभाग के शोध छात्र अतुल राज ने किया.
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