मुंगेर. बिहार योग विद्यालय के परमाचार्य स्वामी निरंजनानंद सरस्वती ने कहा कि तमस से सत्तव की ओर यात्रा ही योग की संपूर्ण प्रक्रिया है और इस वास्तविक योग को अपने दैनिक जीवन में उतारना ही हर निष्ठावान योग साधक का लक्ष्य होना चाहिए. वे रविवार को गंगा दर्शन विश्व योगपीठ में चल रहे सात दिवसीय तृतीय मुंगेर योग संगोष्ठी के समापन पर देश-विदेश से पहुंचे योग साधकों को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने संगोष्ठी में प्रतिभागियों को हठयोग तथा राजयोग की विविध विधियों का गहन अनुभव कराया. सत्संग के दौरान उन्होंने संगोष्ठी के मुख्य विषय योग और जीवनशैली को बड़े ही सरल और प्रेरक ढंग से प्रस्तुत किया. उन्होंने योग चक्र के चार मुख्य अंग हठ योग, राज योग, कर्म योग और भक्ति योग के विभिन्न पहलुओं को विस्तार से समझाते हुए इनसे जुड़े यमों व नियमों को अपने जीवन में आत्मसात करने के लिए प्रेरित किया. सद्विचार, सद्व्यवहार और सत्कर्म की शिक्षाओं पर विशेष जोर देते हुए स्वामी निरंजन ने जीवनचर्या को बेहतर बनाने और सकारात्मक विचारों को पोषित करने की प्रेरणा दी.संगोष्ठी में 27 देशों के प्रतिनिधियों ने लिया भाग
तृतीय मुंगेर योग संगोष्ठी में विश्व के 27 देश और भारत के 16 राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. जो यहां से वसुधैव कुटुम्बकम और योग का संदेश लेकर जायेंगे. इस संगोष्ठी में जिले के तीन मिडिल स्कूलों के 600 से अधिक छात्र-छात्राओं तथा शिक्षकों ने भाग लिया. जिनके बीच प्रसाद वितरित किया गया. संगोष्ठी में मौजूद विभिन्न देश व राज्यों के उपस्थित प्रतिनिधियों का उत्साह, उल्लास और परस्पर भाईचारा व सौहार्द देखते ही बन रही थी. वहां का माहौल देखकर चरितार्थ हो रहा था वह गुरु वाक्य, जिसे श्री स्वामी सत्यानंदन ने अनेक दशकों पहले किया था कि चंद्रकिरणों की तरह योग का प्रकाश फैल रहा है. योग के कल्पतरू की छांव में सभी राष्ट्रों, धर्मों और संप्रदायों को आश्रय मिल रहा है. योग परमशक्तिशाली विश्व संस्कृति के रूप में प्रकट होगा और विश्व की घटनाओं को निर्देश देगा. अंतिम सत्र में जब प्रतिभागियों को अपने अनुभव साझा करने का अवसर मिला तो यह सत्य प्रतिलक्षित हो रहा था. ईरान, इराक, इस्राइल और लेबानॉन से आये साधकों ने मिलकर एक प्रेरक गीत प्रस्तुत किया. फारसी, कुर्दी, इब्रानी, अरबी और हिंदी भाषाओं में प्रस्तुत इस एकता और शांति के गीत ने सभी लोगों का दिल को छू लिया.सत्यम गाथाओं पर बने शिक्षाप्रद एनिमेशन फिल्म का किया गया प्रदर्शन
मुंगेर : संगोष्ठी में देश-विदेश से आये प्रतिभागियों के लिए अनेक प्रेरक एवं ज्ञानवर्धक गतिविधियां आयोजित की गयी. प्रतिदिन सत्यम वाटिका में महामंत्र कीर्तन होता था. जिसमें प्रतिभागी बड़ी श्रद्धा व उल्लास के साथ भाग लेते थे. प्रतिभागियों को सत्यम योग प्रसाद में बिहार योग परंपरा के प्रकाशन प्राप्त करने का अवसर मिला. साथ ही प्रतिदिन सत्यम दर्शन नामक कार्यक्रम में उन्हें स्वामी निरंजनानंद के अनमोल सत्संग तथा जीवन झांकियां देखने का अवसर प्राप्त हुआ. साथ ही प्रतिभागियों के लिए सत्यम गाथाओं पर बने मनोरंजक एवं शिक्षाप्रद एनिमेशन फिल्म का प्रदर्शन कया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है