श्रीकृष्ण की जन्म लीला का वर्णन सुन श्रद्धालु हुए भाव विभोर
भलार स्थित खेल मैदान में आयोजित सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ के चौथे दिन गुरुवार को श्रीकृष्ण के जन्म से जुड़ी लीला का वर्णन किया गया.
धरहरा. भलार स्थित खेल मैदान में आयोजित सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ के चौथे दिन गुरुवार को श्रीकृष्ण के जन्म से जुड़ी लीला का वर्णन किया गया. वृदांवन से पधारी कथावाचक किशोरी कृष्णानंदनी ने श्रीकृष्ण की जन्म लीला का वर्णन करते हुए बताया कि देवकी और वसुदेव के आठवें पुत्र के रूप में श्रीकृष्ण का जन्म कंस के कारावास में हुआ था. कंस के डर से वसुदेव ने कृष्ण को गोकुल में यशोदा के घर पहुंचा दिया था, इसलिए कहा जाता है कि श्रीकृष्ण की दो माताएं थीं. एक ने जन्म दिया तो दूसरी ने पालन-पोषण किया. वहीं जब वसुदेव श्रीकृष्ण को टोकरी में रखकर यमुना नदी को पार कर रहे थे, तब कृष्ण की लीला शुरू हो गयी. तेज हवा व बारिश के कारण यमुना जी बहुत ही उफान पर बहने लगी तथा वसुदेव को यमुना नदी को पार करने में कठिनाई होने लगी. किन्तु जैसे ही यमुना जी को श्रीकृष्ण के चरण का स्पर्श हुआ वह स्वत: शांत हो गयी. कथावाचक ने कथा का श्रवण करने पहुंचे लोगों से कहा कि गरीब व नि:सहाय की सेवा लोगों को मन से करनी चाहिए. नि:सहाय की मदद करने से भगवान की भक्ति मिल जाती है तथा परमात्मा भी उसपर अपनी असीम कृपा बनाए रखते हैं. श्रीकृष्ण खुद भी सदा नि:सहाय की मदद किया करते थे. मौके पर मौके पर समाधि बाबा, राजेश सिंह, मनोज सिंह, प्रो. ज्योति सिंह, अप्पू सिंह, पियुष कुमार, विकास सिंह सहित सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे.
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