पीजी विभागों को रह गया महानुभावों की चेयर का इंतजार, कुलाधिपति के समक्ष हुआ था निर्णय
एमयू के पीजी विभागों को तीनों महानुभावों के चेयर स्थापित होने का इंतजार समाप्त नहीं हो पाया है.
मुंगेर. मुंगेर विश्वविद्यालय में साल 2023 के नवंबर में आयोजित एकेडमिक सीनेट बैठक के दौरान पूर्व कुलपति प्रो. श्यामा राय द्वारा कुलाधिपति के समक्ष पीजी विभागों में तीन महानुभावों के चेयर स्थापित किये जाने की बात कही गयी थी, हालांकि इस दावे के 9 माह बाद जहां खुद कुलपति का कार्यकाल समाप्त हो गया, वहीं एमयू के पीजी विभागों को तीनों महानुभावों के चेयर स्थापित होने का इंतजार समाप्त नहीं हो पाया है.
नवंबर में चेयर स्थापित करने का रखा गया था प्रस्ताव
22 नवंबर 2023 को एमयू मुख्यालय में पहली बार एकेडमिक सीनेट की बैठक आयोजित की गयी थी. जिसकी अध्यक्षता कुलाधिपति सह राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने की थी. इस दौरान तत्कालीन कुलपति द्वारा हिंदी विभाग में रामधारी सिंह दिनकर, पॉलिटिकल साइंस में कर्पूरी ठाकुर तथा इतिहास में श्रीकृष्ण सिन्हा के नाम का चेयर स्थापित करने का प्रस्ताव रखा गया था. जिसकी खुद कुलाधिपति ने भी प्रशंसा की थी. लेकिन एकेडमिक सीनेट बैठक के बाद तीनों महानुभावों के चेयर स्थापित करने का मामला विश्वविद्यालय में चले प्रमोशन प्रक्रिया व इससे जुड़े मामलों को लेकर शिक्षक एवं कर्मियों के आंदोलन के बीच दबकर रह गया.
प्रमोशन मामलों के बीच दबकर रह गया सीनेट बैठक
एमयू के अबतक के 6 साल में प्रत्येक साल फरवरी और मार्च माह में सिंडिकेट और सीनेट बैठक आयोजित किया गया. जिसमें विश्वविद्यालय के प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिये बजट का अनुमोदन किया गया. लेकिन पहली बार पूर्व कुलपति के कार्यकाल के अंतिम साल ही बजट को लेकर सीनेट बैठक आयोजित नहीं हो पाया, क्योंकि एमयू के सीनेट बैठक का मामला पूरी तरह प्रमोशन प्रक्रिया के बीच दबकर रह गया. जिसके कारण ही अबतक एमयू के पास अपने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिये अपने सक्षम प्राधिकार से अनुमोदित बजट नहीं हो पाया है.कहते हैं ओएसडी
कुलपति के ओएसडी डॉ प्रियरंजन तिवारी ने बताया कि पीजी विभागों में चेयर स्थापित किये जाने की प्रक्रिया चल रही है. उम्मीद है कि नये कुलपति के आने या प्रभारी कुलपति को नीतिगत निर्णय लिये जाने का अधिकार मिलने के बाद चेयर को स्थापित कर लिया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है