प्रतिनिधि, मुंगेर. मुंगेर विश्वविद्यालय द्वारा सत्र 2024-28 स्नातक सेमेस्टर-1 में नामांकन को लेकर 5 जून से नामांकन की प्रक्रिया आरंभ करने जा रहा है. लेकिन एमयू प्रशासन की लापरवाही नामांकन के समय विद्यार्थियों को निराश कर सकती है, क्योंकि विश्वविद्यालय द्वारा इस बार नामांकन को लेकर आवेदन के समय अपने ही जिले में नामांकन को इच्छुक विद्यार्थियों को कॉलेज चुनने का मौका दिया गया था. लेकिन नामांकन को लेकर आवेदन की सूचना में विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों को इसकी सूचना नहीं दी गयी थी. जिसमें लगभग 50 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थियों द्वारा दूसरे जिले के कॉलेजों का भी चयन कर लिया गया है. ऐसे में यदि वे अपने जिले के कॉलेज में नामांकन को इच्छुक हैं तो मैरिट लिस्ट जारी होने के बाद उन्हें निराशा हो सकती है. बता दें एमयू द्वारा साल 2019 से ही यूएमआईएस द्वारा नामांकन के पूर्व ऑनलाइन आवेदन लिया जा रहा है. जिसमें विद्यार्थियों द्वारा कॉलेजों का चयन करने के बाद मैरिट लिस्ट जारी की जाती थी. जिसमें मिले कॉलेज में ही विद्यार्थी नामांकन लेते थे, लेकिन एमयू के अंतर्गत पांच जिला होने के कारण कई बार जमुई, शेखपुरा या झाझा जैसे जगहों के विद्यार्थियों को भी मैरिट लिस्ट में मुंगेर या दूसरे जिले के कॉलेज मिल जाते थे. जिससे बचने और छात्रहित में विश्वविद्यालय द्वारा इस बार अपने जिले के कॉलेजों में नामांकन को इच्छुक विद्यार्थियों को अपने जिले के कॉलेजों को ही चुनने का मौका दिया गया था, लेकिन विश्वविद्यालय द्वारा इसकी सूचना विद्यार्थियों को आवेदन प्रक्रिया आरंभ होने के पूर्व नहीं दी गयी थी. इस कारण करीब 50 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थियों द्वारा अपने जिले सहित दूसरे जिले के कॉलेजों का चयन भी कर लिया गया है. ऐसे में बिना जानकारी के अपने जिले में नामांकन को इच्छुक विद्यार्थियों को दूसरे जिले में कॉलेज मिलने से निराशा हो सकती है, जबकि राजभवन द्वारा 70 प्रतिशत उपस्थिति की अनिवार्यता ऐसे विद्यार्थियों के लिये परेशानी बन सकती है.
कहते हैं डीएसडब्लू
एमयू के नामांकन समिति पदाधिकारी सह डीएसडब्लू डॉ भवेशचंद्र पांडेय ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा इस बार पोर्टल पर ही ऐसी व्यवस्था की गयी थी कि जिला चयन करने के बाद केवल उनके जिले के कॉलेज ही दिख रहे थे, लेकिन कई विद्यार्थियों द्वारा दूसरे जिले का चयन कर उन जिलों के कॉलेजों का भी चयन कर लिया गया है. जिसपर विद्यार्थियों को ध्यान देना चाहिये था.
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